हिंदू धर्म में प्रत्‍येक मास में कुछ ऐसी महत्‍वपूर्ण तारीख होती हैं जो पूजापाठ और व्रत करने के लिए बेहद महत्‍वपूर्ण मानी जाती है। इन्‍हीं में से एक होता है प्रदोष व्रत। आश्विन मास के कृष्‍ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत के रूप में भी जाना जाता है। इस दिन ही भौम प्रदोष का व्रत रखा जाता है...
भारतीय संस्कृति में विवाह को एक ऐसा संस्कार माना गया है जिसे दो आत्माओं का बंधन कहा जाता है। कई बार ज्योतिष, वास्तु के दोष और अनेक कारणों से विवाह में बाधाएं आती हैं। तब उन कारणों का निवारण जरूरी हो जाता है, क्योंकि एक उम्र के बाद विवाह न होने पर इसमें काफी दिक्कतें आ सकती हैं। ज्योतिषाचार्य पण्डित...
प्रिय पाठकों/मित्रों/दर्शकों, हम सभी जानते हैं कि यज्ञ - हवन आदि में आहुति देते समय मंत्र के अंत में स्वाहा का उच्चारण किया जाता है। स्वाहा की उत्पत्ति भगवान ने देवताओं को आहार प्रदान करने के लिए की थी। पितृपक्ष के शुरू होने से पहले मैंने आपको पितृ तर्पण का एक मंत्र बताया था जिसमें स्वधा शब्द आया। स्वधा कौन...
आजकल परफ्यूम, इत्र, डीओ आदि की गिनती उन चीज़ों में की जाती है जिसके बिना आज कल के युवा पीढ़ी का रहना मुश्किल हो गया है। परंतु क्या आप जानते हैं कि इसका हिंदू व ज्योतिष शास्त्र में उपयोग अधिक लाभदायक बताया गया है। जी हां, हिंदू धर्म व ज्योतिष शास्त्र में सुगंध व खुशबू का बहुत महत्व माना गया...
कदंब का वृक्ष धार्मिक दृष्टि से बड़ा महत्वपूर्ण है। यह भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं से जुड़ा है। चित्रों में श्रीकृष्ण को ज्यादातर इसी वृक्ष के नीचे बांसुरी बजाते दिखाया जाता है। इस छायादार और स्वादिष्ट फल देने वाले वृक्ष के तना, पत्तियों और फलों में अनेक औषधीय गुण समाए हैं। कदंब की तीन प्रमुख प्रजातियां राजकदंब, धूलिकदंब और कदंबिका...
यदि आप सुगंध के रूप में धूपबत्ती या अगल बत्ती जला रहे हैं या घर में कहीं पर इत्र का उपयोग कर रहे हैं तो ध्यान रहे कि सुगंध प्राकृतिक और हल्की होना चाहिए। बहुत तीखी सुगंध का विपरित असर हो सकता है। भीनी-भीन सुगंध ही असरकारक होती है। और यदि शरीर पर सुगंध का उपयोग कर रहे हैं...
केसरनेमी की फाउंडर दिव्या सोनी ने बताया कि खुशबू की समझ और फिर उसकी उतनी कीमत अदा करना सबको नहीं आता। इत्र फूलों से निकला प्योर नेचुरल ऑयल होता है। इस प्रोसेस में फूलों को जितना डिस्टिलेशन करेंगे, इसकी कीमत उतनी बढ़ती जाएगी। प्योरेस्ट रूह-अल गुलाब इत्र 30 से 35 लाख प्रति लीटर की कीमत रखता है। जिसके लिए जहांगीर...
इत्र के दीवानों में शायद ही कोई होगा जिसने "रूह गुलाब" का नाम ना सुना हो। इस बेशकीमती इत्र की मांग बेशक अब घटने लगी है, लेकिन इसकी कीमत सोने-चांदी की कीमतों को टक्कर देती है। 10 ग्राम इत्र की कीमत 18000 रूपए तक पहुंच गई है। हाल ही निर्यात पर लगी पाबंदी के कारण निर्यात घटने और घरेलू...
पितृ तर्पण क्यों? वैदिक ज्‍योतिषशास्‍त्र में पितृदोष को जातक के जीवन मे परेशानी देने वाला दोष माना गया है। पितृदोष होने पर व्‍यक्ति के जीवन में जबर्दस्‍त परेशानियां आनी शुरू हो जाती हैं। जीवन में भारी संकट एवम उतार-चढ़ाव देखने को मिलते हैं। जिस जातक की कुंडली में यह दोष होता है उसको कई तरह के मानसिक तनाव झेलने पड़ते हैं...
इस वर्ष पितृ पक्ष 01 सितंबर 2020, मंगलवार से प्रारंभ हो रहे हैं ज्योतिषाचार्य पं. दयानन्द शास्त्री जी ने बताया कि यह समय पित्तरों को प्रसन्न करने और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उत्तम माना जाता है। इसके साथ ही यह समय पितृ दोष से मुक्ति के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। यदि आप भी पितृ दोष से...