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Tag: शाबर मन्त्र

II Shanti Path II II शांति पाठ II

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  II  Shanti Path II II शांति पाठ II                                                         ...

भगवन शिव शंकर की शाबर मंत्र द्वारा स्तुति / प्रार्थना—

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भगवन शिव शंकर की शाबर मंत्र द्वारा स्तुति  / प्रार्थना--- ॐ स्थिरः स्थाणुः प्रभुर्भीमः प्रवरो वरदो वरः ।सर्वात्मा सर्वविख्यातः सर्वः सर्वकरो भवः ॥ १॥जटी चर्मी शिखण्डी च सर्वांगः सर्वभावनः ।हरश्च हरिणाक्षश्च सर्वभूतहरः...

श्री अष्टलक्ष्मी स्तोत्रम – Sri AshtaLaxmi Stotram (Hindi Version) —

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श्री अष्टलक्ष्मी स्तोत्रम – Sri AshtaLaxmi Stotram (Hindi Version) -- अदि लक्ष्मी--- सुमनसा वन्धिथा, सुन्धारी, माधवी,चन्द्र सहोधारी हेममये, मुनिगना मंदिथा, मोक्ष प्रधयिनी,मंजुला भाषिणी, वेदा नुठे, पंकजा वासिनी देवा सुपूजिथासद्गुना वर्षानी, संथियुठे, जाया जाया हे मधुसूधना कामिनी अधिलक्ष्मी...

भगवन शिव शंकर की शाबर मंत्र द्वारा स्तुति / प्रार्थना—

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भगवन शिव शंकर की शाबर मंत्र द्वारा स्तुति  / प्रार्थना--- ॐ स्थिराय नमः॥ॐ स्थाणवे नमः॥ॐ प्रभवे नमः॥ॐ भीमाय नमः॥ॐ प्रवराय नमः॥ॐ वरदाय नमः॥ॐ वराय नमः॥ॐ सर्वात्मने नमः॥ॐ सर्वविख्याताय नमः॥ॐ सर्वस्मै नमः॥ ॐ सर्वकाराय...

D-60 Chart and Moola Dasha– —Nikhil Gupta

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D-60 Chart and Moola Dasha-- ---Nikhil Gupta Moola dasha is the oldest and most accurate tool known to determine the timing of events from shastyamsa chart or D-60 Chart (for all matters). Before...

उच्च तथा नीच राशियों में स्थित ग्रहों के फल—–

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उच्च तथा नीच राशियों में स्थित ग्रहों  के  फल----- भारतवर्ष में अधिकतर ज्योतिषियों तथा ज्योतिष में रूचि रखने वाले लोगों के मन में उच्च तथा नीच राशियों में स्थित ग्रहों को लेकर...

नवग्रहों की जानकारी—सभी प्रकार के मंत्र,रत्न और धारण विधि—

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नवग्रहों की  जानकारी---सभी प्रकार के मंत्र,रत्न  और धारण विधि--- नवग्रहों के मूल मंत्र-----            सूर्य : ॐ सूर्याय नम: चन्द्र : ॐ चन्द्राय नम: गुरू : ॐ गुरवे नम: शुक्र : ॐ शुक्राय...

देव्यपराधक्षमापनस्तोत्रम्—

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देव्यपराधक्षमापनस्तोत्रम्--- न मन्त्रं नो यन्त्रं तदापि च न जाने स्तुतिमहोन चाह्वानं ध्यानं तदापि च न जाने स्तुतिकथाः ।न जाने मुद्रास्ते तदापि च न जाने विलपनंपरं जाने मातस्त्वदनुसरणं क्लेशहरणम् ॥ १ ॥ विधेरज्ञानेन द्रविणविरहेणालसतयाविधेयाशक्यत्वात्तव...

देवी स्तुति—

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देवी स्तुति---- जगजननी जय! जय! माँ! जगजननी जय! जय! भयहारिणी, भवतारिणी, भवभामिनि जय जय। (जगजननी जय ! जय !!) तू ही सत्-चित्-सुखमय, शुद्ध ब्रह्मरूपा। सत्य सनातन, सुन्दर, पर-शिव सुर-भूपा॥१॥ (जगजननी जय ! जय !!) आदि अनादि,...

ॐकार रूद्राष्ट्क(भावार्थ सहित)—-

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ॐकार रूद्राष्ट्क(भावार्थ सहित)----  परम शिव भक्त कागभुशुण्डि ने जब अपने गुरू की अवहेलना की तो वे शिव के क्रोध-भाजन हुए। अपने शिष्य के लिए क्षमादान की अपेक्षा रखने वाले सहृदय गुरू ने...

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