भारतीय संस्कृति में विवाह को एक ऐसा संस्कार माना गया है जिसे दो आत्माओं का बंधन कहा जाता है। कई बार ज्योतिष, वास्तु के दोष और अनेक कारणों से विवाह में बाधाएं आती हैं। तब उन कारणों का निवारण जरूरी हो जाता है, क्योंकि एक उम्र के बाद विवाह न होने पर इसमें काफी दिक्कतें आ सकती हैं।

ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री जी ने बताया कि जिन लोगों को शीघ्र विवाह की कामना हों, उन्हें हर गुरुवार के दिन गाय को दो आटे के पेड़े पर थोड़ी सी हल्दी लगाकर खिलाना चाहिए। साथ ही, थोड़ा सा गुड़ और चने की दाल गाय को खिलाएं।

अगर लड़की की शादी में कोई बाधा आ रही है तो 5 नारियल ले लें और शिवलिंग के आगे रख कर ॐ श्रीं वर प्रदाय श्री नमः, मंत्र का पांच माला जाप करें… जाप के बाद पांचों नारियल शिवलिंग पर चढ़ा दें। रोज शिव-पार्वती की एक साथ पूजा करने से भी विवाह से संबंधित इच्छा पूरी हो सकती हैं। शिवलिंग पर कच्चा दूध, बिल्व पत्र, अक्षत आदि चढ़ाकर पूजा करनी चाहिए।

पण्डित दयानन्द शास्त्री जी बताते हैं कि विवाहोत्सव इच्छुक युवक या युवती हर गुरुवार पानी में एक चुटकी हल्दी डालकर स्नान करना चाहिए। भोजन में केसर का सेवन करने से विवाह शीघ्र होने की संभावनाएं बनती हैं।

शास्त्रों में ऐसे अनेक उपाय बताए गए हैं। अगर इनका श्रद्धा के साथ पालन किया जाए तो विवाह के योग बनते हैं।

  1. जिन युवक-युवतियों के विवाह में बार-बार बाधाएं आ रही हैं वे हर गुरुवार को पावभर चने की दाल दान करें। अगर यह संभव नहीं हो तो हर गुरुवार की शाम को पक्षियों को दाना डालें। कहा जाता है कि यह प्रयोग बहुत प्रभावी है और इससे शादी के मार्ग में आ रही बाधाओं का शीघ्र निवारण हो जाता है।
  2. अगर कन्या के विवाह में बाधा आ रही हो तो रविवार को किसी महिला को मेहंदी और सिंदूर का दान करें। दान लेने वाली महिला अगर घर में काम करने वाली बाई या सफाई वाली हो तो श्रेष्ठ है।  मेहंदी व सिंदूर के साथ छोटा दर्पण, लाख की चूडिय़ां व नकद राशि भी दी जा सकती है। ऐसा 7 रविवारों तक करें। माना जाता है कि इससे कन्या के विवाह में आ रही बाधा दूर होती है।
  3. जब किसी विवाह के अवसर पर दुल्हन को मेहंदी लगाई जाए तो कन्या भी उसमें से कुछ मेहंदी अपने हाथ पर लगा ले तो उसका विवाह शीघ्र होता है। अगर यह मेहंदी स्वयं दुल्हन के हाथ से लगवाए तो इसका फल अधिक उत्तम होता है। इस अवसर पर दुल्हन को नकद राशि या सौभाग्य-सूचक कोई उपहार अवश्य दें। उपहार काले रंग का कभी न दें।
  4. विवाह योग्य युवक-युवती के बिस्तर के नीचे भारी वस्तुएं, जूते, झाड़ू, रस्सी, घरेलू सामान आदि कभी न रखें। माना जाता है कि ये चीजें विवाह के मार्ग में बाधाएं लाती हैं। रात को सोते समय बिस्तर के नीचे जल से भरा हुआ गिलास, जग या कोई भी पात्र रखिए। बिस्तर के पास जल रखने से यह अतिशुभ फल देने वाला होता है। पात्र तांबे का हो तो और भी बेहतर।
  5. युवक या युवती के परिजन जब रिश्ते के लिए घर आएं तो उन्हें इस प्रकार बैठाएं कि उनका मुंह दरवाजे की ओर न हो। उन्हें इसके विपरीत बैठाएं ताकि उनका मुंह घर के अंदर की ओर हो। जिस स्थान पर वे बैठें वहां घर के बड़े-बुजुर्गों के साथ ही परिवार के खुशी के लम्हों की तस्वीरें लगाएं। कहा जाता है कि रिश्ते के लिए आए ऐसे मेहमानों को पीले रंग की कोई मिठाई जरूर खिलानी चाहिए। इससे बात आगे बढ़ती है और विवाह सकुशल संपन्न होता है।
  6. उक्त उपायों के साथ ही एक और उपाय है जो खासतौर से कन्या के विवाह में आनी वाली बाधाओं का निवारण करता है। कन्या को भोजन करने से पूर्व खाने के पहले दो ग्रास पक्षियों को डालने चाहिए। माना जाता है कि पक्षियों की इस प्रकार अन्न से सहायता करने से मां अन्नपूर्णा उसके विवाह में आ रही बाधा का निवारण करती है। उसे योग्य वर मिलता है और जीवन भी सुखी रहता है।
  7. एक और चमत्कारी उपाय है जिससे कन्या के विवाह में आ रही बाधा को दूर किया जा सकता है। जब युवक के परिजन कन्या के घर पर रिश्ते के लिए आएं तो वह उस दिन मां पार्वती या सीताजी का पूजन करे। साथ ही लाल, नारंगी या पीले रंग में से किसी एक रंग के वस्त्र धारण करे तो वह रिश्ता पक्का होगा और वैवाहिक जीवन भी सुखी होगा।
  8. जिस युवक-युवती के विवाह में बाधा आ रही हो, रिश्ता टूट जाता हो वह गुरुवार को पीपल, वट वृक्ष या केले के पौधे को जल चढ़ाए। मंगलवार को हनुमानजी को घी मिश्रित सिंदूर चढ़ाने और शुक्रवार को किसी महिला को इत्र का दान करने से भी विवाह में आ रही बाधा शीघ्र दूर होती है।
  9. ये तमाम उपाय काफी चमत्कारी और असरदार माने जाते हैं लेकिन इनके साथ दो और बातों का भी ध्यान रखना होगा। अगर युवक या युवती की कुंडली में कोई दोष है तो उसका निवारण कीजिए। इसके अलावा अगर घर में कोई वास्तु दोष है तो उसका भी समाधान जरूरी है। इनके निवारण के बिना किए गए वैवाहिक संस्कार सुखद फल नहीं देते।

इन बातों का रखें विशेष ध्यान/सावधानी

  • जब कोई मार्ग आपके घर के सामने सीधा प्रवेश करता हो या आकर रुक जाए, तो वह कभी-कभी शुभ या अशुभ भी माना जाता है। ऐसी स्थिति से बचना चाहिए।
  • जब कोई विवाह के लिए देखने आए, तो इस प्रकार बैठें कि आपका मुख उत्तर दिशा की ओर हो।
  • विवाह योग्य युवक-युवतियों के कमरों की दीवार पर सुंदर चित्र लगाएं।
  • ध्यान रहे, रोते बच्चों और डूबते सूरज का चित्र कभी न लगाएं।
  • यदि प्रेमविवाह हो रहा है और बुरे सपने या विचार आते हों, तो सोते समय तकिए के नीचे चाकू या कैंची रखें।
  • घर के मुख्य द्वार पर शीशा नहीं लगा होना चाहिए। इससे अच्छा जीवन साथी मिलने से पहले ही लौट जाता है।
  • विवाह में अतिथियों को ठहराने का स्थान हमेशा पश्चिम दिशा में ही होना चाहिए।
  • यदि घर के मुख्य द्वार के सामने कोई खंभा, वृक्ष, खुली हुई नाली हो, तो यह आपके काम में बाधा डाल सकती है, क्योंकि यह सब कुछ नकारात्मक माना जाता है। इसलिए ऐसी जगहों से बचें।
  • पंडित दयानन्द शास्त्री जी के अनुसार जन्मकुंडली में कई ऐसे योग होते हैं, जिनकी वजह से कोई भी पुरुष या स्त्री विवाह की खुशी से वंचित रह सकते हैं।

कई बार ये रुकावट बाहरी बाधाओं की वजह से भी आती हैं और लोग उससे अंजान रहते हैं।

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