सुख-समृद्धि हेतु उत्तर-पूर्व शुभ ---कैसा हो मकान में खुला स्थान------ खुले स्थान का महत्व : वास्तु शास्त्र के अनुसार भूखण्ड में उत्तर, पूर्व तथा उत्तर-पूर्व (ईशान) में खुला स्थान अधिक रखना चाहिए। दक्षिण और पश्चिम में खुला स्थान कम रखें। बॉलकनी, बरामदा, पोर्टिको के रूप में उत्तर-पूर्व में खुला स्थान ज्यादा रखें, टैरेस व बरामदा खुले...
वास्तु से लाएँ रिश्‍तों में प्रगाढ़ता--वास्तु बढ़ाएगा पिता-पुत्र में प्रेम---- ग्रह, उपग्रह, नक्षत्रों की चाल व ब्रह्मांड की क्रियाकलापों को देखते ही मन यह सोचने पर विवश हो जाता है कि यह परस्पर एक-दूसरे के चक्कर क्यों लगाते हैं। कभी तो अपनी परिधि में चलते हुए बिल्कुल पास आ जाते हैं तो कभी बहुत दूर। ब्रह्मांड की गतिशीलता व...
माँ भगवती ऐसे होगी प्रसन्न----माँ की कृपा प्राप्ति के सरल उपाय-----नवरात्रि विशेष---2011 नवरात्रि में माँ दुर्गा की पूजा विशेष फलदायी है। नवरात्रि ही एक ऐसा पर्व है जिसमें महाकाली, महालक्ष्मी और माँ सरस्वती की साधना करके जीवन को सार्थक किया जा सकता है। ऐसी माँ दुर्गा की कृपा प्राप्ति के लिए कुछ सरल उपाय नीचे दिए जा रहे हैं।...
राशि के अनुरूप मंत्र जाप ------ नवरात्रि में करें विशेष लक्ष्मी मंत्र----- व्यक्ति यदि अपनी राशि के अनुकूल मंत्र का जाप करे तो लाभकारी होता है। इन मंत्रों का कोई विशेष विधान नहीं है लेकिन सामान्य सहज भाव से स्नान के पश्चात अपने पूजा घर या घर में शुद्ध स्थान का चयन कर प्रतिदिन धूप-दीप के पश्चात ऊन या कुशासन पर...
नौ रूपों को पूजने का पर्व नवरात्रि--जगदम्बा माता के रूप--- शरणागतदीनार्तपरित्राण परायणे। सर्वस्यार्तिहरे देवि! नारायणि नमोऽस्तु ते। - शरण में आए हुए प्राणियों एवं दीन-दुःखी जीवों की रक्षा के लिए सर्वदा रत, सबके कष्ट को दूर करने वाली हे देवि! हे देवि! आपको नमस्कार है। पौराणिक कहावतों के अनुसार जय-विजय नामक दो देवदूत भगवान के द्वारपाल थे। एक बार की बात है।...

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बाल रूप कन्याएँ साक्षात शक्ति स्वरूपा --- नवरात्रि में कन्या पूजन का विशेष महत्व है। ऐसे श्रद्धालुओं की कमी नहीं है, जो पूरे नौ दिनों तक कन्या पूजन करते हैं। वहीं ज्यादातर लोग अष्टमी के दिन विधि-विधान से कन्या पूजन कर उन्हे भोजन कराते हैं। शक्ति साधना के पर्व में कुँवारी पूजन का महत्वपूर्ण स्थान है। स्नेह, सरलता और...
भक्तों का संकट दूर करती हैं माँ ---सच्चे हृदय से करो माँ का सुमिरन जब-जब भी भक्तों ने अपने हृदय से मातेश्वरी का स्मरण किया है, तो समय साक्षी है कि माँ जगदम्बा तत्काल किसी भी रूप में अपने भक्तों का संकट दूर कर उसे अपार स्नेह और वात्सल्य प्रदान करती हैं लेकिन कोई छल-कपट या दंभ से माँ को...
धन किससे मिलेगा -सत्यज्ञ---- धन अर्जन के लाखों साधन हैं। कोई विद्या से धन अर्जित करता है, कोई परिश्रम से धन कमाता है, कोई जुआ, सट्टा या लाटरी से धन अर्जित करता है, कोई चोरी, डकैती, ठगी या राहजनी से धन कमाता है, धन कमाने का कोई न कोई साधन व्यक्ति अपनाता है। कलयुग में तो धन के बिना व्यक्ति...
वास्तु की नजर से पूजाघर----- घर में पूजा के कमरे का स्थान सबसे अहम् होता है। यह वह जगह होती है, जहाँ से हम परमात्मा से सीधा संवाद कर सकते हैं। ऐसी जगह जहाँ मन को सर्वाधिक शांति और सुकून मिलता है। प्राचीन समय में अधिकांशतः पूजा का कमरा घर के अंदर नहीं बनाया जाता था। घर के...
आप और आपका घर-- खुद बदलें अपनी रसोई--- पहले के समय में महिलाओं के गुणों को उसकी रसोई से आँका जाता था क्योंकि ज्यादातर महिलाएँ घर पर रहती थीं। भले ही आज महिलाएँ कामकाजी हैं फिर भी यह विचार आज भी मौजूद है। इसीलिए महिलाओं और रसोई के संबंध से मुँह नहीं मोड़ा जा सकता। हर महिला रसोई अपनी सुविधा अनुसार...