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॥अथ योगिनीहृदयम्॥
॥अथ योगिनीहृदयम्॥
श्रीदेव्युवाच----
देवदेव महदेव परिपूर्णप्रथामय ।
वामकेश्वरतन्त्रेऽस्मिन्नज्ञातर्थास्त्वनेकशः ।। १ ।।
तांस्तानर्थानशेषेण वक्तुमर्हसि भैरव ।
श्रीभैरव उवाच
शृणु देवि महागुह्यं योगिनिहृदयं परम् ।। २ ।।
त्वत्प्रीत्या कथयाम्यद्य गोपनीयं विशेषतः ।
कर्णात्कर्णोर्पदेशेन सम्प्राप्तमवनीतलम् ।। ३ ।।
न देयं परशिष्येभ्यो नास्तिकेभ्यो न...
तंत्र शास्र की जानकारी—
तंत्र शास्र की जानकारी---
तंत्र शास्त्र भारत की एक प्राचीन विद्या है। यह शास्त्र, वेदों के समय से हिन्दू धर्म का अभिन्न अंग रहा है। विश्वास है कि तंत्र ग्रंथ भगवान शिव...
दक्षिण दिशा का द्वार (दरवाजा)—
दक्षिण दिशा का द्वार (दरवाजा)---
हमारे मन में दक्षिण दिशा से बहुत भय है। इसलिए कोई भी अपने मकान का द्वार दक्षिण में नहीं रखना चाहता है।पश्चिम में कुछ अच्छा है। अतः...
आग्नेय दिशा / मुखी ….मकान/भवन—-
आग्नेय दिशा / मुखी ....मकान/भवन----
वास्तु शास्त्र प्राकृतिक तत्वों पर आधारित उच्चकोटि का विज्ञान हैं। वास्तुशास्त्र परोक्ष रूप से प्र्रकृति के नियमों का अनुसरण करता हैं जो मानव को पंच तत्वों में...
वायव्य दिशा / मुखी ….मकान/भवन—-
वायव्य दिशा / मुखी ....मकान/भवन----
वास्तु का अर्थ है वास करने का स्थान। महाराज भोज देव द्वारा ग्यारहवीं शताब्दी में ‘समरांगण सूत्रधार’ नामक ग्रंथ लिखा गया था जो वस्तु शास्त्र का...
नैऋत्य दिशा / मुखी ….मकान/भवन—-
क्यों होने चाहिए दिषाओं के अनुरूप भवन..???
नैऋत्य दिशा / मुखी ....मकान/भवन----
वास्तु का अर्थ है वास करने का स्थान। महाराज भोज देव द्वारा ग्यारहवीं शताब्दी में ‘समरांगण सूत्रधार’ नामक ग्रंथ लिखा गया...
उत्तर दिशा/ मुखी ….मकान/भवन—-
उत्तर दिशा/ मुखी ....मकान/भवन----
वास्तु का अर्थ है वास करने का स्थान। महाराज भोज देव द्वारा ग्यारहवीं शताब्दी में ‘समरांगण सूत्रधार’ नामक ग्रंथ लिखा गया था जो वस्तु शास्त्र का प्रमाणिक...
पश्चिम दिशा के अनुरूप भवन—
पश्चिम दिशा के अनुरूप भवन---
वास्तु शास्त्र प्राकृतिक तत्वों पर आधारित उच्चकोटि का विज्ञान हैं। वास्तुशास्त्र परोक्ष रूप से प्र्रकृति के नियमों का अनुसरण करता हैं जो मानव को पंच तत्वों...
दक्षिणमुखी भवन भी सुखमय—
दक्षिणमुखी भवन भी सुखमय---
कभी-कभी किसी भ्रान्तिवश ऐसी मानसिकता बन जाती है कि हम बुरा मान लेते है और इस भ्रान्ति से वास्तुषास्त्रानुसार कोइ भी दिशा अच्छी या बुरी नहीं होती है।...
दक्षिण मुखी/ दिशा से सम्बन्धित भवन —
दक्षिण मुखी/ दिशा से सम्बन्धित भवन ---
ऐसा भूखण्ड जिसके दक्षिण में ही सड़क होतो उसे दक्षिण भूखण्ड कहते है। दक्षिणी मुखी भूखण्ड होने का प्रभाव घर की महिलाओ पर पड़ता है।...