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सप्तम भाव पर ग्रहों की दृष्टि- (सप्तम पर सूर्य, मंगल और चन्द्र) ##सप्तम भाव पर ग्रहों की दृष्टि कई मामलों में महत्वपूर्ण ही नहीं होती वरन् कई बार यह भाव फल को ही बदल देती है। पिछले अंक में हमने सप्तम पर सूर्य, मंगल और चन्द्र की दृष्टि की चर्चा की थी। आज हम बात करेंगे सप्तम पर गुरु, बुध...
दसवाँ घर और आपका करियर - (दशम स्थान में बारह राशियों का फल)::--- किसी भी जातक की कुंडली में चार केंद्र स्थान प्रथम, चतुर्थ, सप्तम व दशम भाव होता है। दशम भाव कर्म भाव भी कहलाता है। अतः जातक के जीवन में इसका विशेष प्रभाव होता है। कुंडली में दशम घर से कर्म, आत्मविश्वास, आजीविका, करियर, राज्य प्राप्ति, कीर्ति, व्यापार,...
अंक ज्योतिष के अनुसार जानिए कौन-सा रत्न है आपके लिए शुभ :::::----- अंक ज्योतिष के अनुसार आपके लिए शुभ रत्न इस प्रकार है- 1, 10, 19, 28 का मूलांक 1 का स्वामी सूर्य है- माणिक्य रत्न शुभ रहेगा। 2, 11, 20, 29 का मूलांक- 2, स्वामी चंद्रमा- रत्न मोती 3, 12, 21, 30 मूलांक- 3, स्वामी गुरू, रत्न पुखराज 4, 13, 22, 31 मूलांक...
############कालसर्प योग : कितना सच, कितना झूठ ####### आजकल कालसर्प योग की शांति के नाम पर जनता को मूर्ख बनाया जा रहा है। कालसर्प योग नाम किसी भी ग्रन्थों में लिखित में नहीं है यह तो सिर्फ राहु-केतु मध्य ग्रह के आने से कालसर्प योग नाम दिया गया है। ##राहु-केतु की संज्ञा हमने दी है शास्त्रों में सात ग्रहों को...
सप्तम भाव और ग्रहों का फल:::--- ###सप्तम भाव विवाह और गृहस्थी के सुख की दृष्टि से बड़ा ही महत्वपूर्ण भाव है। जितना महत्व इसमें उपस्थित राशि और इसमें बैठे ग्रह का है, उतना ही महत्व इस पर दृष्टि रखने वाले ग्रहों के प्रभाव का भी होता है। ##सप्तम भाव पर सूर्य की दृष्टि शुभ नहीं मानी जाती। विवाह में स्वाभाविक...
चाल से जानिए--चाल-चलन:::--- प्राचीन शास्त्रों में भी व्यक्ति के 'चाल-चलन' पर कई रोचक टिप्पणियाँ की गई हैं। इस‍ीलिए हमारे बुजुर्ग अपनी पारखी नजरों से किसी भी अनजान व्यक्ति को देखकर उसका चाल-चलन भाँप लेते हैं। आधुनिक मनोवैज्ञानिकों में भी 'चाल' शोध का रुचिकर क्षेत्र बनता जा रहा है। कारण आपकी चाल, आपकी मन:स्थिति के बारे में अनजाने में ही दूसरों...
####बेटा-बेटी##### बेटा वारिस हे.... बेटी परस हे... बेटा वंश हे.. बेटी अंश हे.... बेटा आन हे.. बेटी शान हे.... बेटा तन हे...... बेटी मन हे..... बेटा मान हे..... बेटी गुमान हे..... बेटा संस्कार हे..... बेटी संस्कृति हे.... बेटा आग हे... बेटी बाग़ हे.... बेटा दावा हे... बेटी दुआ हे.. बेटा भाग्य हे.... बेटी विधाता हे... बेटा शब्द हे... बेटी अर्थ हे.... बेटा गीत हे... बेटी संगीत हे.... बेटा प्रेम हे.... बेटी पूजा हे....... #### दयानंद " bandhu"### ================================================== Zindagi ki taraf mera nazariya ye hai ki.... #####Zindagi##### ....Zindagi...
हमारे ग्रंथ पुराणों आदि में वास्तु एवं ज्योतिष से संबंधित गूढ़ रहस्यों तथा उसके सदुपयोग सम्बंधी ज्ञान का अथाह समुद्र व्याप्त है जिसके सिद्धान्तोंपर चलकर मनुष्य अपने जीवन को सुखी, समृद्ध, शक्तिशाली और निरोगी बना सकता है। प्रभु की भक्ति में लीन रहते हुए उसके बताये मार्ग पर चलकर वास्तुसम्मत निर्माण में रहकर और वास्तुविषयक जरूरी बातों को जीवन...
प्रायः हम देखते हैं कि जिन व्यवसाय/पदों को प्राप्त करके भी हम छोड़ देते हैं या किसी अन्य व्यवसाय से जुड़ जाते हैं अथवा अनेक व्यवसाय एक साथ करने लग जाते हैं। इसका मुख्य कारण जातक की कुण्डली में ग्रहों की स्थिती होती हैं। एक सभ्य, सुसंस्कृत एवं जिम्मेदार नागरिक बनाने में शिक्षा की महत्वपूर्ण...
मोबाईल से मोहब्बत :::------- मोबाईल से मोहब्बत अब कितनी आसन हो गयी... आशिकों के लिए आसमानी बातें... अब वरदान हो गयी.... कभी भी दिलबर से कर लो बात...... जब दिल की धड़कन सुनसान हो गयी...... अपने-अपने कमरों से रात- रात भर बातें... ..देखा वक्त तो अजान हो गयी..... अब हर कहीं बुला लो अपने महबूब ko ......... जब हसरतें तुम्हारी जवान ho गयी...... चुपचाप भेज दो एस. एम् .एस............. जहाँ...

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