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श्रीराम की गुरु भक्ति --- मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अपने शिक्षागुरु विश्वामित्र के पास बहुत संयम, विनय और विवेक से रहते थे। गुरु की सेवा में सदैव तत्पर रहते थे। उनकी सेवा के विषय में भक्त कवि तुलसीदास ने लिखा है- मुनिवर सयन कीन्हीं तब जाई। लागे चरन चापन दोऊ भाई॥ जिनके चरन सरोरुह लागी। करत विविध जप जोग विरागी॥ बार बार मुनि आज्ञा दीन्हीं। रघुवर जाय...
12 अप्रैल 2011: मंगलवार, 3:39 * तक Sukla नवमी, * 03:41 Pushyami तक, जब तक 8:14 योग Sukarman, 5:51 * तक Dhriti योग, जब तक 16:29 करण Balava, 3:39 * तक Kaulava करण, RahuK: 13:33 GulikaK: YamaG, 12:03: 15:03-16:33 - 9:03-10:33, 18:41 पर सूर्योदय पर 6:02 सूर्यास्त, *, 12:32 पर Moonrise,) दिन Moonset पर 2:28 पूरे (*, चंद्रमा कर्क में )आज रामनवमी हे, साथ...
मंगल भवन अमंगल हारी, दॄवहुसु दशरथ अजिर बिहारि ॥ अगस्त्यसंहिताके अनुसार चैत्र शुक्ल नवमीके दिन पुनर्वसु नक्षत्र, कर्कलग्‍नमें जब सूर्य अन्यान्य पाँच ग्रहोंकी शुभ दृष्टिके साथ मेषराशिपर विराजमान थे, तभी साक्षात्‌ भगवान्‌ श्रीरामका माता कौसल्याके गर्भसे जन्म हुआ। चैत्र शुक्ल नवमी का धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व है। आज ही के दिन तेत्रा युग में रघुकुल शिरोमणि महाराज दशरथ एवं महारानी कौशल्या...
जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी का जीवन ही उनका संदेश है। उनके सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह, ब्रह्मचर्य और अस्तेय आदि उपदेश एक खुली किताब की तरह है। जो सत्य परंतु आम आदमी को कठिन प्रत‍ीत होते हैं। कहने को तो वे एक राजा के परिवार में पैदा हुए थे। उनके घर-परिवार में ऐश्वर्य, धन-संपदा की कोई कमी...
विवाह समय के योग (Some Combinations To Predict The Time of Your Marriage Through Vedic Astrology)---- अक्सर बच्चों के बड़े होने पर उनके माता-पिता उनकी शादी के लिए चिंतित होते हैं कि बच्चों की शादी कब होगी. वास्तव में संसार में हर कार्य अपने निश्चित समय पर होता है. मतलब यह है कि व्यक्ति की शादी कम होगी यह भी...
जीवन की उमंग और उत्साह का त्योहार वैशाखी---Sunil Kuamr Chaube--- भारतीय संस्कृति अनेकता में एकता का मूल भाव ही पूरी दुनिया को भारत के करीब लाता है। इसी मूल भावना को मजबूत करने वाले अलग-अलग धर्मों के अनेक त्योहार यहां साल भर मनाए जाते हैं। वैशाखी एक ऐसा ही राष्ट्रीय त्योहार है। जिसे देश के विभिन्न भागों में रहने वाले...
कैसे देखें तलाक और पुनर्विवाह योग---- तलाक :-- सप्तम स्थान, शुक्र व सप्तमेश पाप प्रभाव में हो, सप्तम स्थान में मंगल, शनि, राहु, केतु, हर्षल, नेपच्यून जैसे ग्रहों की दृष्टि हो या ये ग्रह सप्तम स्थान से रहित हो तो वैवाहिक जीवन तनावपूर्ण होकर तलाक तक की नौबत आती है। विशेष कर राहु-केतु, मंगल, नेपच्यून तलाक व संबंध विच्छेद कराते...
जीवन में सुख और सफलता पाना हर मनुष्य का सपना होता है। एस्ट्रो में ऐसे कितने ही सरल उपाय है जिन्हें नियमित रूप से करके आप आसानी से सुख की प्राप्ति कर सकते है। आइए ऐसे ही कुछ उपायों की चर्चा करे :--- - घर का हर व्यक्ति सूर्योदय के पहले उठे और उगते सूर्य के दर्शन करे। इसी समय...
अशुभ सूर्य देता है नौकरी में कष्ट --- पं. अशोक पँवार 'मयंक' दशम भाव जन्मकुण्डली में महत्वपूर्ण माना गया है। इस भाव से कर्म क्षेत्र, पिता, व्यापार, उच्च नौकरी, राजनीति, मंत्री पद आदि का विचार किया जाता है। यह भाव खराब हो या अशुभ प्रभाव में हो या अशुभ ग्रहों से दृष्ट हो, नीच के ग्रहों के साथ हो तो...
ज्योतिष की प्रमुख विधाएं -- भारतीय ज्योतिष शास्त्र में अलग-अलग तरीके से भाग्य या भविष्य बताया जाता है। माना जाता है कि भारत में लगभग 150 से ज्यादा ज्योतिष विद्या प्रचलित हैं। प्रत्येक विद्या आपके भविष्य को बताने का दावा करती है। माना यह ‍भी जाता है कि प्रत्येक विद्या भविष्य बताने में सक्षम है, लेकिन उक्त विद्या के...

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