.. अप्रैल 2.11: मंगलवार, .:39 * तक Sukla नवमी,
* 03:41 Pushyami तक, जब तक 8:14 योग Sukarman, 5:51 * तक Dhriti योग,
जब तक 16:29 करण Balava, 3:39 * तक Kaulava करण,
RahuK: 13:33 GulikaK: YamaG, 12:03: 15:03-16:33 – 9:03-10:33,
18:41 पर सूर्योदय पर 6:02 सूर्यास्त, *,
12:32 पर Moonrise,) दिन Moonset पर 2:28 पूरे (*, चंद्रमा कर्क में )आज रामनवमी हे, साथ ही पुष्य नक्षत्र भी हे
——————————————————————————————————————
April 12, 2011:
Tuesday, Sukla Navami till 3:39*,
Pushyami till 3:41*, Sukarman yoga till 8:14, Dhriti yoga till 5:51*,
Balava karana till 16:29, Kaulava karana till 3:39*,
RahuK: 15:03 – 16:33, GulikaK: 12:03 – 13:33, YamaG: 9:03 – 10:33,
Sunrise at 6:02*, Sunset at 18:41,
Moonrise at 12:32, Moonset at 2:28*, Moon in Kark (whole day)
Today is “”RAMNAVAMI”” .also Today is “pushya”nakshtra.
—————————————————————————————————————-
भये प्रगट कृपाला मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जो समस्त लोकों को शान्ति देने वाले हैं, धर्म की स्थापना एवं लोक कल्याण के लिये, चैत्र शुक्ल नवमी के दिन, अयोध्या नरेश महाराज दशरथ के ज्येष्ठ पुत्र के रूप में प्रगट हुए। भये प्रगट कृपाला दीनदयाला कौसल्या हितकारी . हरषित महतारी मुनि मन हारी अद्भुत रूप बिचारी .. लोचन अभिरामा तनु घनस्यामा निज आयुध भुज चारी . भूषन वनमाला नयन बिसाला सोभासिन्धु खरारी .. कह दुइ कर जोरी अस्तुति तोरी केहि बिधि करौं अनंता . माया गुन ग्यानातीत अमाना वेद पुरान भनंता .
————————————————————————————————————
राम से भी बढ़कर राम का नाम –
राम नवमी विशेष-
लोगों! बलशालियों में बलशाली राम है।
राम से भी बलशाली राम का नाम है।
‘राम’ यह शब्द दिखने में जितना सुंदर है उससे कहीं अधिक महत्वपूर्ण है इसका उच्चारण। राम कहने मात्र से शरीर और मन में अलग ही तरह की प्रतिक्रिया होती है जो हमें आत्मिक शांति देती है। हजारों संत और महात्माओं ने राम का नाम जपते-जपते मोक्ष को पा लिया है।
कहते हैं कि बलशालियों में सर्वाधिक बलशाली राम है, लेकिन राम से भी बढ़कर श्रीराम जी का नाम है। हनुमान, लक्ष्मण, सुग्रीव, रावण से लेकर कबीर, तुलसी और गाँधी तक सभी राम का नाम ही जपते रहे हैं। राम नाम की महिमा ही कुछ ऐसी है कि इसको जपने से संपूर्ण मानसिक ताप मिट जाते हैं।
——————————————————————————————————————
♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥
श्री रघुवीर भक्त हितकारी । सुन लीजै प्रभु अरज हमारी ।।
निशिदिन ध्यान धरै जो कोई । ता सम भक्त और नहिं होई ।।
ध्यान धरे शिवजी मन माहीं । ब्रहृ इन्द्र पार नहिं पाहीं ।।
दूत तुम्हार वीर हनुमाना । जासु प्रभाव तिहूं पुर जाना ।।
तब भुज दण्ड प्रचण्ड कृपाला । रावण मारि सुरन प्रतिपाला ।।
तुम अनाथ के नाथ गुंसाई । दीनन के हो सदा सहाई ।।
ब्रहादिक तव पारन पावैं । सदा ईश तुम्हरो यश गावैं ।।
चारिउ वेद भरत हैं साखी । तुम भक्तन की लज्जा राखीं ।।
गुण गावत शारद मन माहीं । सुरपति ताको पार न पाहीं ।।
नाम तुम्हार लेत जो कोई । ता सम धन्य और नहिं होई ।।
राम नाम है अपरम्पारा । चारिहु वेदन जाहि पुकारा ।।
गणपति नाम तुम्हारो लीन्हो । तिनको प्रथम पूज्य तुम कीन्हो ।।
शेष रटत नित नाम तुम्हारा । महि को भार शीश पर धारा ।।
फूल समान रहत सो भारा । पाव न कोऊ तुम्हरो पारा ।।
भरत नाम तुम्हरो उर धारो । तासों कबहुं न रण में हारो ।।
नाम शक्षुहन हृदय प्रकाशा । सुमिरत होत शत्रु कर नाशा ।।
लखन तुम्हारे आज्ञाकारी । सदा करत सन्तन रखवारी ।।
ताते रण जीते नहिं कोई । युद्घ जुरे यमहूं किन होई ।।
महालक्ष्मी धर अवतारा । सब विधि करत पाप को छारा ।।
सीता राम पुनीता गायो । भुवनेश्वरी प्रभाव दिखायो ।।
घट सों प्रकट भई सो आई । जाको देखत चन्द्र लजाई ।।
सो तुमरे नित पांव पलोटत । नवो निद्घि चरणन में लोटत ।।
सिद्घि अठारह मंगलकारी । सो तुम पर जावै बलिहारी ।।
औरहु जो अनेक प्रभुताई । सो सीतापति तुमहिं बनाई ।।
इच्छा ते कोटिन संसारा । रचत न लागत पल की बारा ।।
जो तुम्हे चरणन चित लावै । ताकी मुक्ति अवसि हो जावै ।।
जय जय जय प्रभु ज्योति स्वरुपा । नर्गुण ब्रहृ अखण्ड अनूपा ।।
सत्य सत्य जय सत्यव्रत स्वामी । सत्य सनातन अन्तर्यामी ।।
सत्य भजन तुम्हरो जो गावै । सो निश्चय चारों फल पावै ।।
सत्य शपथ गौरीपति कीन्हीं । तुमने भक्तिहिं सब विधि दीन्हीं ।।
सुनहु राम तुम तात हमारे । तुमहिं भरत कुल पूज्य प्रचारे ।।
तुमहिं देव कुल देव हमारे । तुम गुरु देव प्राण के प्यारे ।।
जो कुछ हो सो तुम ही राजा । जय जय जय प्रभु राखो लाजा ।।
राम आत्मा पोषण हारे । जय जय दशरथ राज दुलारे ।।
ज्ञान हृदय दो ज्ञान स्वरुपा । नमो नमो जय जगपति भूपा ।।
धन्य धन्य तुम धन्य प्रतापा । नाम तुम्हार हरत संतापा ।।
सत्य शुद्घ देवन मुख गाया । बजी दुन्दुभी शंख बजाया ।।
सत्य सत्य तुम सत्य सनातन । तुम ही हो हमरे तन मन धन ।।
याको पाठ करे जो कोई । ज्ञान प्रकट ताके उर होई ।।
आवागमन मिटै तिहि केरा । सत्य वचन माने शिर मेरा ।।
और आस मन में जो होई । मनवांछित फल पावे सोई ।।
तीनहुं काल ध्यान जो ल्यावै । तुलसी दल अरु फूल चढ़ावै ।।
साग पत्र सो भोग लगावै । सो नर सकल सिद्घता पावै ।।
अन्त समय रघुबरपुर जाई । जहां जन्म हरि भक्त कहाई ।।
श्री हरिदास कहै अरु गावै । सो बैकुण्ठ धाम को पावै ।।
♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥
———————————————————————————————————-
दैनिक राशिफल—
राशि फलादेश मेष—
आपको कई आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिल सकेगा। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। पराक्रम की वृद्धि होगी। समाज, परिवार में आदर मिलेगा।
राशि फलादेश वृष—
सुसंगति से लाभ होगा। संतान की ओर से अच्छे समाचार मिलेंगे। किसी समस्या का हल आपके प्रयत्नों से निकलेगा। अनावश्यक कार्यों से दूर रहें।
राशि फलादेश मिथुन—
मन में शांति रहेगी। नवीन कार्य के अवसर बनेंगे। परिवार के सदस्यों पर विशेष ध्यान दें। आर्थिक स्थिति मनोबल में वृद्धि करेगी।
राशि फलादेश कर्क—
नई योजना में लाभ प्राप्ति के योग हैं। साहित्यिक रुचि बढ़ेगी। वाहन सावधानी से चलाएँ। पूँजी निवेश बढ़ेगा। आय-व्यय बराबर रहेंगे।
राशि फलादेश सिंह—
रुके कार्य पूर्ण होने के अवसर हैं। ऋण लेना पड़ सकता है। पारिवारिक संबंध मधुर एवं प्रगाढ़ होंगे। दिन उत्साहवर्धक एवं मनोरंजनमयी रहेगा।
राशि फलादेश कन्या—
धन संबंधी मामलों में सचेत रहना आवश्यक। अधिकारी सहयोग नहीं करेंगे। परिवार में कलह का माहौल रहेगा। कार्यकुशलता में कमी आएगी।
राशि फलादेश तुला—
लाभकारी योग बनेंगे। मनोबल में वृद्धि होने के कारण तनाव की कमी रहेगी। आर्थिक स्थिति उत्तम रहेगी। बुरी आदतों पर संयम रखना होगा।
राशि फलादेश वृश्चिक—
कोई शुभ समाचार प्राप्त हो सकता है। प्रतिष्ठित व्यक्ति से भेंट होगी। आपके लाभ में वृद्धि व प्रयास में सफलता के योग हैं। जल्दबाजी में निर्णय न लें।
राशि फलादेश धनु—
किसी प्रिय व्यक्ति से भेंट हो सकती है। जोखिम जवाबदारी के कामों में सावधानी रखें। साझेदारी में लाभदायी सौदे होंगे। आर्थिक स्थिति मनोबल में वृद्धि करेगी।
राशि फलादेश मकर
आपकी बुद्धिमत्ता सामाजिक सम्मान दिलाएगी। व्यापारिक कार्यों में किसी भी तरह की लापरवाही न करें। आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी।
राशि फलादेश कुंभ—
लाभदायी परिवर्तन का योग बनेगा। शुभचिंतकों का मार्गदर्शन समस्याओं को हल करेगा। स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही न करें। ईश्वर में आस्था बढ़ेगी।
राशि फलादेश मीन—
मान-सम्मान बना रहेगा। कार्यक्षेत्र में स्पष्टता आपकी प्रगति में सहायक होगी। क्रोध व शीघ्रता का त्याग करके विवेक से काम लें। जीवनसाथी का सहयोग मिलेगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here