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जाने एवम समझें क्या होता हैं "हवन" या "यज्ञ"..??   हवन का अर्थ है अग्नि में आहुति प्रदान करना भगवान श्री कृष्ण ने गीता में कहा है "अन्नाद भवति भूतानि, पर्जन्याद अन्न सम्भव। यज्ञाद भवति पर्जन्य यज्ञ कर्म समुद्भव।। अर्थात अन्न से भूत अर्थात शरीर पुष्ट होता है, पुष्ट अन्न की उत्तपत्ति पर्जन्य अर्थात वर्षा से होती है और वर्षा पुष्ट...
जानिए चैत्र नवरात्रि 2020 पर विशेष जानकारी-- (कब, क्या, क्यों और कैसे मनाएं इस वर्ष चैत्र नवरात्रि 2020 में,सभी प्रश्नों के उत्तर सहित)--   ऐसा माना जाता है कि चैत्र नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा का जन्म हुआ था और मां दुर्गा के कहने पर ही ब्रह्मा जी ने सृष्टि का निर्णाण कार्य शुरू किया था। इसलिए चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से...
रामनवमी क्या, क्यों (महत्व) और कब 2020 में ??   प्रिय पाठकों/मित्रों, हिन्दुओं के प्रमुख त्यौहारों में से एक है रामनवमी का पवित्र और पावन पर्व. चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की नवमी को भारतवर्ष में हिंदू संप्रदाय राम के जन्मदिन यानि की रामनवमी के रुप में मनाता है. रामनवमी का त्यौहार चैत्र शुक्ल की नवमी को मनाया जाता है, इस...
जाने और समझें उन ज्योतिषीय योग को जिनके कारण बनते हैं प्रसिद्ध ज्योतिषी ??  आइये जाने ज्योतिषी बनने के क्या-क्या योग होते हें जन्म कुंडली में हैं?   प्रिय पाठकों/दर्शकों/मित्रों, किसी जातक के जीवन के बारे मे जानकारी प्राप्त करने हेतु ज्योतिष शास्त्र मे जन्मांग चक्र (जन्म कुंडली) का अध्ययन कर बताया जा सकता है कि जातक का सम्पूर्ण जीवन कैसा रहेगा।...
हनुमान जन्मोत्सव 2020 पर विशेष जानकारी--(संकलन) ️️🔸️️🔸️️ पवन पुत्र श्री हनुमान के जन्म की कहानी--- ️️🔸️️🔸️️🔸️️ श्री हनुमान जी को बजरंगबली, केसरीनंदन और आंजनाय के नाम से भी पुकारा जाता है। वास्तव में श्री हनुमान जी भगवान शिव के 11वें रूद्र अवतार हैं, जिन्होंने त्रेतायुग में प्रभु श्रीराम की भक्ति और सेवा के लिए जन्म लिया। संकटों का नाश करने वाले हनुमान जी...
सर्वश्रेष्ठ शुभ मुहूर्त यानी अक्षय तृतीया 2020 के बारे में जानकारी --   भारतीय पर्वों में अक्षय तृतीया पर्व का विशेष महत्व है। इस मुहूर्त को बेहद शुभ माना जाता है। किसी भी नए काम की शुरुआत से लेकर महत्वपूर्ण चीजों की खरीदारी व शादी विवाह जैसे काम भी इस दिन बिना किसी शंका के किए जाते हैं।   अक्षय तृतीया के पिछे...
जानिए भारत की संस्कृति से जुडी कुछ आवश्यक बातें -- दो पक्ष तीन ऋण चार युग  चार धाम चार पीठ  चार वेद कृष्ण पक्ष , शुक्ल पक्ष ! देवऋण , पितृऋण , ऋषिऋण ! सतयुग , त्रेतायुग , द्वापरयुग , कलियुग ! द्वारिका , बद्रीनाथ , जगन्नाथपुरी , रामेश्वरमधाम ! शारदा पीठ ( द्वारिका ) ज्योतिष पीठ ( जोशीमठ बद्रिधाम ) गोवर्धन पीठ ( जगन्नाथपुरी), शृंगेरीपीठ ! ऋग्वेद , अथर्वेद , यजुर्वेद , सामवेद !   चार आश्रम चार अंतःकरण पञ्च गव्य पञ्च देव  पंच तत्त्व छह दर्शन ब्रह्मचर्य , गृहस्थ , वानप्रस्थ , संन्यास ! मन , बुद्धि...
क्या हैं योग ??? जानिए योग को योग - एक जीवन शैली हैं --पंडित "विशाल" दयानन्द शास्त्री जब भी आप योग के बारे में सुनते हैं तो आप इसके बारे में अपने दिमाग में एक खाका तैयार करते हैं कि आखिर यह आपके लिए क्या है। योग का नाम आते ही कुछ के दिमाग में कांटों के बिस्तर पर बैठा फकीर...
सौर वर्ष और चांद्र वर्ष में सामंजस्य स्थापित करने के लिए हर तीसरे वर्ष पंचांगों में एक चान्द्रमास की वृद्धि कर दी जाती है। इसी को अधिक मास या अधिमास या मलमास कहते हैं। सौर-वर्ष का मान ३६५ दिन १५ घड़ी २२ पल और ५७ विपल हैं। जबकि चांद्रवर्ष ३५४ दिन २२ घड़ी १ पल और २३ विपल का...

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