यदि आपका सिर, आंखें, होंठ या गाल फड़फड़ाए तो समझ लें कि.---.. by Vikas Nagpal
कई बार हमारे शरीर के अंग फड़कते हैं तो इस संबंध में भी ज्योतिष में कई महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं। शकुन-अपशकुन की मान्यताओं के आधार ही ज्योतिष में अंगों के फड़कने के संकेत दिए गए हैं। पुरुषों के दाएं अंग फड़कना शुभ माना जाता...
गुप्त नवरात्रि आद्यशक्ति दुर्गा के स्मरण से अभिष्ट सिद्धि का महत्वपूर्ण काल है। इसमें देवी शक्ति की उपासना के लिए विशेष रूप से दुर्गासप्तशती का पाठ कर महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती की कृपा से शक्ति, समृद्धि और ज्ञान पाकर जीवन को सफल बनाने की कामना की जाती है।
शास्त्रों के मुताबिक देव उपासना दोषरहित होने पर शीघ्र और मनचाहा फल...
हिन्दू धर्मशास्त्रों के मुताबिक शनिवार विशेष रूप से सूर्य पुत्र शनि की उपासना का विशेष दिन है। क्रूर स्वभाव वाले शनि की प्रसन्नता या रुष्ट होना इंसान के जीवन में सुख-दु:ख नियत करने वाला माना गया है। ज्योतिष शास्त्रों में भी शनि दृष्टि, दशा और चाल इंसान के जीवन में बड़ा फेरबदल लाने वाली मानी गई है।
कुण्डली में शनि...
परिवार में प्यार बढ़ाने के अचूक उपाय---
वर्तमान समय में जब लोग पारिवारिक सुख को भुलते जा रहे हैं आए दिन परिवार में क्लेश होता है। यह विवाद परिवार के किसी भी सदस्यों के बीच में हो सकता है। सास-बहू के बीच, पति-पत्नी के, भाई-भाई के बीच आदि। जब परिवार में रोज विवाद की स्थिति बनती है तो इंसान दूसरों...
श्री कालिकाष्टकम--पवन तलहन ---
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श्री कालिकाष्टकम-----
इस पाठ को जपने से महानता प्राप्त होती है और साधक के घर में आठों सिद्धियाँ वर्तमान रहती हैं! यह पाठ मच्छशंकराचार्य विरचित है!
!!अथ कालिकाष्टकम!!
ध्यान----
गलद रक्त मुंडावली कंठ माला!
महा घोर रावा सु दंष्ट्रा कराला!!
विवस्त्रा श्मशानालया मुक्त केशी!
महाकाल कामाकुला कालिकेयम!!
भुजे वाम युग्मे शिरोsसिं दधाना!
वर्ण वक्ष युग्मेsभयं वाई तथैव !!
सु मध्यापि तुंग स्तना भार नम्रा!
लसद रक्त सृक्क...
भुवनेश्वरी---खींवराज शर्मा----(Importance of Maa Bhuvaneshwari Mahavidhya)
भुवनेश्वरी अर्थात संसार भर के ऐश्वयर् की स्वामिनी । वैभव-पदार्थों के माध्यम से मिलने वाले सुख-साधनों को कहते हैं । ऐश्वर्य-ईश्वरीय गुण है- वह आंतरिक आनंद के रूप में उपलब्ध होता है । ऐश्वर्य की परिधि छोटी भी है और बड़ी भी । छोटा ऐश्वर्य छोटी-छोटी सत्प्रवृत्तियाँ अपनाने पर उनके चरितार्थ होते समय सामयिक...
मेरे विचार/सोच से क्या हे "फोकटिया" और क्यों..????
मित्रों...मेरे अपने पिछले पोस्ट/ब्लॉग में अनेक दफा "फोकटिया" शब्द प्रयोग किया हे..इसका अनेक पाठको ने विरोध भी किया ..
मुझे भला-बुरा भी लिखा..अपशब्द भी लिखे...गली-गलीच भी हुआ...
मेरे लिए असभ्य भाषा और आत्मसम्मान को चोंट देते/पहुंचाते शब्द प्रयोग किये गए...खेर कोई बात नहीं???
क्या किसी ने सोच की ऐसा मेने क्यों लिखा..??? क्या कारण/वजह...
गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः ।
गुरु साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्रीगुरुवे नमः ॥"
" गुरुपूर्णिमा के पावन पर्व पर सभी गुरुजनों को सादर चरण वंदन.. नमन.. अभिनन्दन .."
आप सभी को'गुरु पूर्णिमा' के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाये एवं बधाईयाँ.....
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अब सौंप दिया इस जीवन का, सब भार तुम्हारे हाथों में
है जीत तुम्हारे हाथों में, है हार तुमहारे हाथों में ॥
मेरा निश्चय...
शुक्रिया..मेहरबानी,करम,नवाजिश...
आप सभी ने आज मेरे जन्म दिवस पर मेरे होने का एहसास करवाकर मुझे फिर से नया जन्म,नयी सोच और ताकत./ स्फूर्ति दी हे उसके लिए...आभार/धन्यवाद/..
मेरा मन भर आया हे..आप सभी का इतना स्नेह/प्रेम-प्यार देखकर..
कोन करता हे किसी के लिए आजकल..इतना...आभार, धन्यवाद एवं शुक्रिया..
उन सभी आत्माओं का जिन सभी ने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मुझे...
मित्रो, स्वागत हे आप सभी का हम सभी की की वेब साईट में----
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आभार, धन्यवाद एवं शुक्रिया..उन सभी आत्माओं का जिन सभी ने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इसके लिए सहयोग दिया...जाहे अपना बायो डाटा /प्रोफाईल भेजकर या फिर अपना समय दान देकर...उन सभी का विशेष आभर/धन्यवाद..जिन्होंने बार-बार फोन करने पर/ एस.एम्.एस. करने या इमेल करने पर भी हमारी...