पूर्णिमा और अमावस्या—
हिन्दू धर्म के अंतर्गत पूर्णिमा और अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया है…

इसका संबंध चंद्र देव के साथ है इसलिए धार्मिक दृष्टि के साथ-साथ ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी यह समय काफी महत्वपूर्ण करार दिया गया है। जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा से संबंधित परेशानियां या समस्याएं हैं उन्हें अमावस्या और पूर्णिमा के दिन पूजा-अर्चना करने की सलाह दी जाती है।
✍🏻✍🏻🌷🌷👉🏻👉🏻
अधिक मास—-
जैसा कि आप जानते हैं कि श्राद्ध पक्ष के समापन के पश्चात अधिकमास प्रारंभ हो गया है… जिसे खरमास या मलमास के नाम से भी जाना जाता है। इस महीने को शुभ नहीं माना जाता इसलिए इस दौरान किसी भी तरह के शुभ काम करने की मनाही होती है…लेकिन इस महीने में पूजा, जप-तप, आदि करने से दोगुना फल प्राप्त होता है। इसके अलावा अधिकमास में आने वाली पूर्णिमा भी विशेष रूप में महत्वपूर्ण साबित होती है… इस दिन कुछ विशेष मान करने से जीवन में आने वाली विभिन्न परेशानियां और समस्याएं समाप्त हो जाती हैं…. और जातक को एक खुशहाल जीवन व्यतीत करने का सौभाग्य प्राप्त होता है।
✍🏻✍🏻🌷🌷👉🏻👉🏻
पूर्णिमा—
आपको बता दें अधिक मास की पूर्णिमा, गुरुवार – . अक्टूबर ..20 को रहेगी… जानकारों का कहना है कि यह वो समय जब कुछ विशेष उपायों के जरिए जातक अपने जीवन को सुखमय बना सकते हैं।
✍🏻✍🏻🌷🌷👉🏻👉🏻
पवित्र नदी में स्नान—-
विशेषज्ञों का कहना है कि अधिक मास पूर्णिमा पर ब्रह्ममुहूर्त में किसी पवित्र नदी में स्नान करने से जीवन के समस्त पापों का नाश होता है…. यह कृत्य आपकी आत्मा को मोक्ष भी प्रदान करता है।
✍🏻✍🏻🌷🌷👉🏻👉🏻
साफ-सफाई—
अधिक मास की पूर्णिमा के दिन घर के हर कोने की साफ-सफाई की जानी चाहिए और साथ ही साथ आपको अपनी स्वच्छता का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। इस दिन मंत्र जाप, पूजा पाठ करने से कई गुणा ज्यादा फल प्राप्त होता है।
✍🏻✍🏻🌷🌷🌷🌷
भगवान श्री सत्यनारायण कथा–
अधिकमास को पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है, जिसका संबंध भगवान विष्णु के साथ है… इस दिन सत्यनारायण की कथा भी विशेष फल प्रदान करने वाली होती है। अगर किसी कारणवश कथा ना करवा पाएं तो सुनने का प्रयत्न अवश्य करें।
✍🏻✍🏻🌷🌷👉🏻👉🏻
भगवान शिव का जलाभिषेक—
अधिक मास की पूर्णिमा पर भगवान शिव का जलाभिषेक अवश्य करवाएं…यह जीवन-मरण के चक्कर से मुक्ति दिलवाता है।
✍🏻✍🏻🌷🌷👉🏻👉🏻
अपने पितरों का तर्पण अवश्य करें —
अधिक मास पूर्णिमा पर पितरों का तर्पण करने से जातक और उसके परिवार पर पितरों का आशीर्वाद रहता है। इस दिन आपको स्नान करने के पश्चात पितरों का ध्यान करते हुए सूर्यदेव को जल अवश्य देना चाहिए।
✍🏻✍🏻🌷🌷👉🏻👉🏻
इनका दान होगा लाभदायक —
अधिक मास की पूर्णिमा पर किया गया दान भी विशेष फल प्रदान करने वाला होता है। इस दिन किसी ब्राह्मण को भोजन करवाकर उसे दान-दक्षिणा देकर विदा करें। इसके अलावा किसी निर्धन व्यक्ति को भी सामर्थ्य के अनुसार दान अवश्य दें।
।।शुभमस्तु।।
।।कल्याण हो।।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here