भूमि पेडनेकर एक भारतीय फिल्म अभिनेत्री हैं। जो बॉलीवुड में फिल्म दम लगा के हइशा की संध्या के रूप में जानी जातीं हैं। इस फिल्‍म के लिये उन्‍हें फिल्‍म फेयर के बेस्‍ट फीमेल डेब्‍यू से भी नवाजा गया था। भूमि पेडनेकर .8 जुलाई को अपना ..वां बर्थडे सेलिब्रेट कर रही हैं। गूगल पर उपलब्ध जानकारी अनुसार उनका जन्म लग्न सिंह है और राशि हैं धनु।

पृष्ठभूमि —

भूमि पेडनेकर का जन्म 18 जुलाई 1989 को मुंबई में हुआ था। भूमि के पिता का नाम ‘सतीश’ था जिनका निधन कैंसर की वजह से हुआ था। भूमि की माँ का नाम ‘सुमित्रा’ है। भूमि पेडनेकर का जन्म 1985 में मुंबई में हुआ था। भूमि के पिता एक मराठी हैं जबकि उनकी माँ हरयाणवी हैं। भूमि की एक जुड़वाँ बहन है जिनका नाम ‘समीक्षा’ हैं। समीक्षा पेशे से एक लॉयर हैं। भूमि ने अपने स्कूल की पढाई ‘आर्य विद्या मंदिर स्कूल, जुहू, मुंबई से पूरी की थी। इसके बाद उन्होंने ‘व्हिस्टलिंग वुड इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ फिल्म, कम्युनिकेशन & मीडिया आर्ट्स’, मुंबई से कॉलेज की पढाई पढ़ी थी। इस कॉलेज से भूमि को एक बार कम हाज़िरी की वजह से कुछ समय के लिए निकाल दिया था। भूमि के अपनी पढाई पूरी करने के बाद यश राज फिल्म्स में लगभग 6 सालो तक असिस्टेंट कास्टिंग डायरेक्टर के रूप में काम किया था।
फिल्मों में आने से पहले भूमि यशराज फिल्‍म्‍स में बतौर कास्टिंग डायरेक्टर काम करती थीं। इसी दौरान निर्देशक मनीष शर्मा ने भूमि का अभिनय के प्रति लगाव देख उन्हें अपनी आगामी फिल्म के लिए साइन कर लिया।
भूमि ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत फिल्म दम लगा के हयसा से की थी, इस फिल्म में उन्होंने एक मोटी लड़की की भूमिका निभाई थी। आयुष्मान खुराना के अपोजिट आईं भूमि ने इस फिल्म में अपनी बेहतरीन एक्टिंग से क्रिटिक्स का दिल जीत किया, और इसी के चलते उन्हें फिल्मफेयर अवार्ड में बेस्ट डेब्यू फीमेल के अवार्ड से भी नवाजा गया। वर्ष .015 में ही भूमि वेब सीरिज मैन्स वर्ल्ड में नजर आयीं, यह सीरिज लिंग असमानता के उपर थी, जोकि यूट्यूब पर 29 सितम्बर 2015 को रिलीज हुई थी, इसमें भूमि के अलावा, परणीती चोपड़ा, कल्कि कोचलिन और ऋचा चड्ढा भी नजर आये थे। वर्ष 2016 में भूमि सिल्वर स्क्रीन से गायब रहीं, लेकिन अगले साल 2017 में उन्होंने दो धमाकेदार फिल्मों से एकबार फिर क्रिटिक्स को उनकी तारीफ़ करने के लिए मजबूर कर दिया। वर्ष 2017 में वह टॉयलेट एक प्रेमकथा में नजर आयीं, इस फिल्म में वह अक्षय कुमार के साथ स्क्रीन पर रोमांस करती हुई दिखाई दी थी। फिल्म की कहानी एक ऐसी लड़की की होती है, जो अपने पति से घर में शौचालय बनाने की जिद करती हैं। सामाजिक मुद्दे पर बनी इस फिल्म ने बॉक्स-ऑफिस पर भी अच्छी कमाई करने में कामयाब रही थी। इसके बाद भूमि एक बार फिर आयुष्मान खुराना के साथ फिल्म शुभ मंगल सावधान में नजर आयीं। इस फिल्म में पुरुषों की परेशानी को दिखाया गया था। दोनों की गजब की केमिस्ट्री ने एक बार फिर से दर्शकों और क्रिटिक्स का दिल जीत लिया।
भूमि पेडनेकर का जन्म लग्न सिंह तथा जन्म राशि धनु हैं। उनका जन्म पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र के चतुर्थ चरण में हुआ था।जन्म के समय शुक्र की महादशा थी। वर्तमान में फरवरी 2016 से राहु की विंशोत्तरी महादशा चल रही हैं जिसमे फिलहाल बृहस्पति की अन्तर्दशा चल रही हैं।
अर्थात चांडाल योग जैसी स्थिति बनी हुई हैं।
भूमि की जन्म कुण्डली में पंचम भाव मे चन्द्र शनि की युति मिलकर विष योग बन रही हैं।
सप्तम भाव मे कुम्भ राशि मे राहु स्थित हैं।
वहीं 11वेन भाव में मिथुन राशि मे वृहस्पति स्थित हैं।
12वें भाव मे कर्क राशि में सूर्य, बुध, मंगल एबम शुक्र स्थित हैं । यहसन बुधादित्य योग बना हुआ हैं। यही पर स्थित मंगल, शुक्र ओर बुध ने उनको ग्लेमर एवम एक्टिंग फील्ड से जुड़ने का अवसर दिया।
उनका आने वाला समय (राहु की महादशा में) ऊत्तम रहने वाला हैं। अनेक हिट फिल्मों के साथ साथ कई इनाम भी उनको मिलेंगें। ख्याति ओर फैलेगी।
उनको अपने क्रोध पर नियंत्रण रखने के साथ साथ विष योग परिहार हेतु भी प्रयास करने चाहिए।
पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति उत्साही होते हैं। यह हर कार्य को बहुत ही रूचि के साथ करते हैं। इसके साथ

ही यह कर्मठ और पराक्रमी भी होते हैं। यदि इनको कोई काम बताया जाए तो यह मेहनत के साथ करते हैं। इस नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति को पराजय बहुत तकलीफ देती है। यह लोग विजय के अभिलाषी होते हैं और व्यवहार से सौम्य और सहयोगी होने के कारण यह अपने लक्ष्य तक पहुंच जाते हैं। इन लोगों में आत्मबल गजब का होता है। इनको कोई भी कठिन कार्य दिया जाए और पूछा जाए कि यह कार्य आप कर सकते हैं तो निःसंकोच इनका जवाब होता है कि हां मैं कर सकता हूं। इस नक्षत्र वालों के अंदर कठिन परिस्थितियों में अपने आप को तपाते हुए लक्ष्य तक पहुंचने की अद्भुत शक्ति होती है और यही विश्वास इन्हें अजेय बनाता है। इनके स्वभाव की सबसे अच्छी खूबसूरती है कि यह लोग निराश जल्दी नहीं होते हैं। विषम परिस्थिति में भी इनके अंदर एक आशा सदैव बनी रहती है। इनके अंदर इंतजार करने की काफी क्षमता होती है। यह लोग धैर्य रखते हुए सही समय आने की प्रतीक्षा करते हैं और उसके पश्चात अपने लक्ष्य को प्राप्त करते हुए विजयी को प्राप्त कर लेते हैं।

नक्षत्र मंडल में पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र 20वें नंबर पर है। ‘पूर्वाषाढ़ा’ का अर्थ ‘विजय से पूर्व’ होता है। वैदिक ज्योतिष पूर्वाषाढ़ा को एक स्त्री नक्षत्र मानता है जिसका कारण इस नक्षत्र का अप: तथा शुक्र के साथ संबंध माना जाता है। पंच तत्वों में से पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र को वायु तत्व के साथ जोड़ा जाता है। वायु तत्व का इस नक्षत्र पर प्रभाव होने के कारण भी इस नक्षत्र के जातक अव्यावहारिक तथा आधारहीन लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए प्रयास करते हैं।
शुक्र को पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र का अधिपति ग्रह माना गया है जिसके चलते इस नक्षत्र पर शुक्र का प्रभाव भी पड़ता है। शुक्र का प्रभाव पड़ने से जातक प्रेम करने वाला तथा जीवन को जीने की कला जानने वाला होता है। पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र के चारों चरण धनु राशि में स्थित होते हैं जिसके चलते इस नक्षत्र पर बृहस्पति का प्रभाव भी पड़ता है। बृहस्पति के कारण जातक महत्वाकांक्षी, आशावादी, प्रसन्नचित्त रहता है। पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र को वर्ण से ब्राह्मण माना जाता है।
सकारात्मक पक्ष : पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र के लोग निडर, आक्रामक और टकराने वाले होते हैं। ये भगवान से डरने वाले, विनम्र, ईमानदार और द्वेष और पाखंड से कोसों दूर होते हैं। इनकी धर्म-कर्म में रुचि होती हैं। पेशे से पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र के लोग शिपिंग, नौकायन, समुद्री जीवन और पानी की उपयोगिताओं से संबंधित कार्य करते हैं।
नकारात्मक पक्ष : कुंडली में गुरु और शुक्र की स्थिति सही नहीं है तो ऐसे जातक बुद्धि और आचरण खो बैठते हैं। ये बेहद जिद्दी होते हैं और अगर उकसाया जाए तो बहसबाजी पर उतारू हो सकते हैं। ये नफा-नुकसान के बारे में सोचे बिना निर्णय ले लेते हैं।
* प्रतीक : सूपड़ा, हाथी दांत या हाथ का पंखा
* रंग : काला
* अक्षर : ब और ज
* वृक्ष : सीता, अशोक का पेड़
* देव अप : (अष्ट वसुओं में से एक जल के देवता)
* नक्षत्र स्वामी : शुक्र
* राशि स्वामी : गुरु
* भौतिक सुख : स्त्री और भूमि, भवन सुख
* शारीरिक गठन : सुंदर चेहरा और कद-काठी सामान्य
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