क्या करें विशेष इस दीपावली पर की माता लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहें..???


सर्व विदित हैं की इस वर्ष .. अक्टूबर 2..4, गुरुवार को दीपावली मनाई जाएगी। 



इस दिन गुरुवार एवं चित्रा नक्षत्र होने से इस दीपावली का कारक गृह मंगल है। 
दीपावली की शाम को सूर्य, शनि, शुक्र एवं चंद्रमा एक साथ तुला राशि में स्थित रहेंगे। 
सूर्य नीच राशि में एवं शनि, बुध-गुरु उच्च राशि में रहेंगे। 
शुक्र स्वराशि एवं राहु-मंगल मित्र राशि में गोचर करेंगे। इन ग्रह योगों के कारण दीपावली शुभ और मंगलदायक रहेगी। सूर्य के साथ शनि तुला राशि में रहेगा। शनि उच्च एवं सूर्य नीच का रहेगा।
इस वर्ष दीपावली पर शनि और गुरु, दोनों ही ग्रह उच्च के बने हुए हैं। इस कारण 2014 की दीपावली काफी खास हो गई है। इस पर्व के कुछ दिन बाद ही शनि वृश्चिक राशि में प्रवेश कर लेगा। 
ऐसे में शनि तुला राशि से जाते-जाते भी दीपावली पर कई लोगों को शुभ फल प्रदान करके जाएगा।
ऐसा योग अब 27 वर्षों बाद 2041 में बनेगा। इसके पूर्व 1954 में बना था ऐसा योग…


गुरु एवं शनि के उच्च राशि में रहते हुए दीपावली का ये योग 1954 में बना था। उस समय मंगल भी मकर राशि में उच्च का था एवं इस वर्ष 2014 में वह मित्र राशि धनु में स्थित रहेगा। 


आने वाले समय में दीपावली पर गुरु एवं शनि एक साथ 616 वर्षों बाद 2630 में उच्च के रहेंगे।




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इस बार पूजा में इनका प्रयोग अवश्य करें—


–पूजा के समय./दिन अपना मुंह पूर्व में और माता लक्ष्मी का पश्चिम की तरफ रखें..
–लक्ष्मी जी को चाँदी के आसान पर विराजित करें..
–लक्ष्मी जी को कस्तूरी और चन्दन का तिलक लगाएं..
–आप स्वयं पीले रंग के ऊनी आसन पर बैठ कर पूजा कार्य करें..
–दायें तरफ पीतल के बर्तन में देशी घी का दीपक और बाएं तरफ भृंगराज के तेल का दीपक मिटटी के बर्तन में जलाएं..
–लक्ष्मी जी के सामने चाँदी की कटोरी में मक्खन,मिश्री और  केसर के मिश्रण का भोग लगाएं..
—घर पर बना हुआ बेसन और मूंग की दाल का लड्डू माँ लक्ष्मी जी को चढ़ाएं..
–बिना चुना लगा हुआ पान ( पिपरमेंट और गुलकंद वाला) माँ लक्ष्मी को अर्पित करें..
–छुआरे और पिस्ते की माला ( 108  होने चाहिए दोनी मिलकर) माँ लक्ष्मी को अवश्य पहनाएं..
–पूजा संपन्न होने के बाद इस प्रसाद रूपी माला को परिवार के सभी सदस्य ग्रहण करें, इसके प्रभाव से  सभी की बुद्धि ठीक रहेगी..
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—-इस दीपावली पर मंगल का प्रभाव होने के कारण यह पशुओं के लिए मंगल और कल्याणकारी होगी..
—-मंगल के कारण लोगों को जमीं-जायजाद का सुख मिलेगा..
—-नए भवन-भूमि में व्यय बढ़ेगा..धातुओं में सोने के भाव तेजी से  बढ़ेंगे..
—-बुद्धिजीवी वर्ग को सम्मान मिलेगा..
—-चमड़े,लोहे और लकड़ी के भावों में मंदी आने की संभावना हैं..
—इस दीपावली पर चाँदी नहीं खरीदें, इनके स्थान पर पीतल और सोना खरीदना श्रेष्ठ रहेगा..इनके प्रभाव से घर में वैभव बढ़ेगा और शांति रहेगी..
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इन उपायों से पाये यश,वैभव और समृद्धि इस दीपावली पर —–


—- दीपावली को किसी भी लक्ष्मी- विष्णु मंदिर में जाकर सुगन्धित धूप अर्पित करे तथा हृदय से धनवृद्धि करने की प्रार्थना करे। इसके पश्चात प्रत्येक शुक्रवार यह क्रिया दोहराते रहें।
—- पुष्य नक्षत्र में ‘शंखपुष्पी की जड़ प्राप्त कर दीपावली के दिन इस जड़ को एक चांदी की डिब्बी में रखकर लक्ष्मी-नारायण का ध्यान करते हुये धूप दीप से पूजित करे, फिर इसे अपने कैश बाक्स या तिजोरी में रक्खें।
—- दीपावली के दिन ब्रह्मदेव से अनुमति लेकर एक पीपल का पत्ता लाये फिर उसे गंगाजल से धोकर पोछकर उस पर लाल चंदन से ‘राम’ लिखे तथा कुछ मिठाई रखकर हनुमान जी को चढ़ा दें। फिर यह क्रिया माह में एक बार मंगलवार को करें।
—- दीपावली को पूरे घर की सफाई करें फिर निर्धारित समय पर लक्ष्मी पूजन करें। फिर प्रत्येक अमावस्या को यह प्रक्रिया करते रहें।
—- दीपावली के दिन लाल रेशमी वस्त्र में 11 छुहारे रखकर पोटली बनाकर तिजोरी में रखें।
—- दीपावली के दिन से घर की छत पर प्रातःकाल प्रत्येक दिन काले तिल बिखेर दिया करें।
—- दीपावली पूजन के साथ एक चांदी की डिब्बी में थोड़ा-सा सिंदूर और तीन गोमती चक्र रखकर इनका भी पूजन करें। फिर सिंदूर से पूरी डिब्बी भरकर इसको तिजोरी में पीले वस्त्र में बोधकर रखें।
—- दीपावली के दिन 11 कौड़ियों को केसर से रंगकर, लक्ष्मी पूजन के साथ उन का भी पूजा करें और फिर पीले वस्त्र में बांधकर तिजोरी में रक्खें।
—- पीले रेशमी वस्त्र पर 7 गोमती चक्र, 3 पूजा वाली सुपारी एवं एक मोती शंख में एक चांदी का सिक्का डालकर दीपावली के दिन पूजा स्थल पर रक्खे, लक्ष्मी पूजन के पश्चात ‘ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं’ मंत्र की एक माला जाप करें। प्रत्येक जाप पर चावल का एक अखंडित दाना मोती शंख में डालते रहें। 
अंतिम जाप पर यदि शंख चावल से पूर्ण न भरा हो तो अंतिम जाप में चावल से पूरा भर दें। फिर इस संपूर्ण सामग्री को रक्खे गये वस्त्र से बांधकर तिजोरी पर लटका दें
—आप सभी जानते हैं की जो जगाता हैं वही पता हैं…
–लक्ष्मी प्राप्ति के लिए आप रात्रि जागरण करें..
—श्री सूक्त का पाठ करें,घर में शुद्ध घी का दीपक जलाकर…
–यह प्रक्रिया धन तेरस से लाभ पंचमी तक करते रहें….






=== माँ लक्ष्मी की कृपा और आशीर्वाद आप सभी पर हमेशा बना रहें, यही मंगलकामना हैं….

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