कुंवारी/अविवाहित युवतियों के लिए–
अच्छे वर प्राप्ति हेतु स्तोत्र—

कन्या को वर मिलने के लिये इस स्तोत्र के ग्यारह पाठ नित्य एक मण्डल (इकतालीस दिन ) तक पूर्ण आस्था व विश्वास के साथ करना चाहिये।

सोरठा

सिय रघुवीर बिबाहु , जो सप्रेम गावहिं सुनाहिं।
तिन्ह कहॅु सदा उछाहु , मंगायतन राम जसु।।

चैपाई

कोमल चित अति दीन दयाला। कारन बिनु रघुनाथ कृपाला।।
जानहु ब्रह्मचर्य हनुतन्ता। शिव स्वरूप सो भी भगवन्ता।।
जो रघुपति चरणन चित लावे। तेहि सम धन्य न आन कहावे।।
रामकथा सुन्दर करतारी। संसय बिहंग उडावनि हारी।।
उमा रमा ब्रह्मादि बन्दिता। जगदम्बा मनिंदिता संतत अनन्दिता।।
पूजा कीन्ह अधिक अनुरागा। निज अनुरूप सुभग बरू मांगा।।
सादर सिय प्रसाद सिर धरेऊ। बोली गौरी हरषु हियं भरेऊ।।
जेहि के जेहि पर सत्य सनेहू। सो तेहि मिलइ न कछु सन्देहू।।
सुनु सिय सत्य असीस हमारी। पूजिह मन कामना तुम्हारी।।
पति अनुकूल सदा रह सीता। सोभा खानि सुसील विनीता।।
रंगभुमि जब सिय पगु धारी। देखि रूप मोहे नर-नारी।।
भुवन चारि दस भरा उछाहू। जनक सुता रघुबीर बिबाहू।।
शकुन विचार धरी मन धीरा। अब मिलि हहिं कृपाल रघुवीरा।।
ते जानकिहिं मिलिहिं बरू एहू। नाहिन आलि इहां सन्देहू।।
से तुम्ह जानहू अन्तर जामी। पुरबहु मोर मनोरथ स्वामी।।
मंत्र महामनि विषय व्याल के। मेटत कठिन कुअंक भाल के।।
असरब सरण बिरइु सम्भारी। मोहि जनि तजहु भगत हितकारी।।

छन्द

मनुजाहि राचेहि मिलिहि सो बरू सहज सुन्दर सावरो।
करूणा निधान सुजान सील सनेहु जानत रावरो।।

विशेष: विवाह योग्य कुमारी-किशोरी(कुंवारी/अविवाहित युवतियों) के लिये सुपात्र वर और विवाहिता स्त्रियों के लिये दाम्पत्य , सुख , धन-धान्य , समृद्वि हेतु पीला पुखराज धारण करवाकर लाभ उठावें।

 पं. दयानन्द शास्त्री 
विनायक वास्तु एस्ट्रो शोध संस्थान ,  
पुराने पावर हाऊस के पास, कसेरा बाजार, 
झालरापाटन सिटी (राजस्थान) ..6023
मो0 नं0 ….

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here