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एक्जाम में फेल हो या जीवन में कोई और प्रॉब्लम, कुछ लोग तो हर कंडीशन में सरवाइव कर लेते है ,जबकि कुछ लोग निराश हो जाते है, तुरंत परेशान हो जाते है, डिप्रेशन में आ जाते है और कभी-कभी सुसाइड का भी रास्ता अपना सकते है, आइए देखें प्लेनेट क्या बताते है इस बारे में :-
मेंटल हेल्थ को मून बताता है, फिजिकल हेल्थ को मंगल और मुख्य ग्रह बताता है और आत्मा की शक्ति को सन बताता है। यदि इनमें कोई एक भी कमजोर हो, पाप प्रभाव में हो या गलत हाउस में बैठा हो तो स्वभाव में डर, घबराहट और शंका आ जाती है। इसी तरह यदि मून कमजोर हो तो इमोशन कमजोर हो जाते हैं और विल पावर भी कम हो जाती है।
हम स्थिति से एडजेस्ट नहीं कर पाते और गलत डिसीजन भी ले डालते हैं। यह डिसीजन सब्जेक्ट के चुनाव से लेकर गलत जॉब या मैरिज कुछ भी हो सकता हैं। हम दूसरों के सामने अपनी बात नहीं रख पाते और जल्दी परेशान हो जाते है।
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अब यदि ऐसे मून पर शनि, केतु या मंगल का प्रभाव हो तो वह जल्दी डिप्रेस करने और इससे जल्दबाजी में भयानक गलत डिसीजन लेने को इंस्पायर करता है। मार्स की कमजोरी लो ब्लडप्रेशर या हाई ब्लडप्रेशर को दिखाती है, रेजिस्टेंस पॉवर कम करती है और फाइट करने की ताकत कम करती है। सन यानी सूर्य की कमजोरी पावर, फेम नहीं देती और किए गए कामों का सही समय पर रिजल्ट न मिलने से निराशा बढ़ती है।
इनमें से कुछ कुयोग कुण्डली में हो तो चिंता, डिप्रेशन, टेंशन आदि देख सकते हैं। मगर सभी योग हो तो व्यक्ति निराशा की वजह से सुसाइड तक कर सकता है। ऐसे सारे योग यदि किसी की कुंडली में हो तो उसे शुरू से ही बहुत मेहनत की आदत होनी चाहिए, चीजों को पॉजिटीव लेना चाहिए, गुरु और पेरेंट्स की सलाह से ही काम करना चाहिए, रूटीन सेट रखना चाहिए और इष्ट का ध्यान और व्यायाम-प्राणायाम रेग्युलर करना चाहिए।
इसके अलावा प्लेनेट के हिसाब से दान करने, नग पहनने से और मंत्र जाप करने से भी कमियों को दूर किया जा सकता हैं। माँ और गुरु का प्यार मिले इसका ध्यान रखना चाहिए।