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कुंडली से जानें क्या बनेंगे आप?

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कुंडली से जानें क्या बनेंगे आप? एक सामान्य अनगढ़ पत्थर को देखकर क्या सोचेंगे? किन्तु एक मूर्तिकार पत्थर को दूर से देखकर ही उसकी क्षमता और संभावना को बता सकता है। वह...

शनि को मनाने के लिए पूजें हनुमानजी को…

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शनि को मनाने के लिए पूजें हनुमानजी को...--- हनुमानजी और शनिदेव इन दोनों नामों से सभी भलीभांति परिचित हैं। त्रेतायुग में राम अवतार के समय हनुमानजी की मदद से ही श्रीराम ने...

सुख और दुख मन की कल्पना है—मुनि राकेशकुमार

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सुख और दुख मन की कल्पना है---मुनि राकेशकुमार  सुख और दुख का संबंध मन में उठने वाले भावों और कल्पना से अधिक होता है। उसमें किसी पदार्थ और परिस्थिति की उतनी भूमिका...

विवाह के संस्कार और हमारा ईश्वर—अंशुमाली रस्तोगी

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विवाह के संस्कार और हमारा ईश्वर----अंशुमाली रस्तोगी  बचपन का दौर था। तब ईश्वर में हमारी प्रबल आस्था थी। उसे आस्था न कहकर आप 'डर' कहें तो ज्यादा ठीक रहेगा। यह डर परीक्षाओं...

सुख और दुख मन की कल्पना है—मुनि राकेशकुमार

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सुख और दुख मन की कल्पना है---मुनि राकेशकुमार  सुख और दुख का संबंध मन में उठने वाले भावों और कल्पना से अधिक होता है। उसमें किसी पदार्थ और परिस्थिति की उतनी भूमिका...

पति-पत्नी में प्रेम बढ़ाता है यह मंत्र—–

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पति-पत्नी में प्रेम बढ़ाता है यह मंत्र----- पति-पत्नी में अनबन होना आम बात है क्योंकि जहां प्रेम होता है वहीं तकरार भी होती है। लेकिन कभी-कभी यह छोटी सी तकरार बढ़ा रूप...

सफलता के लिए संकल्प की आंच चाहिए—-साध्वी प्रमुख कनकप्रभा

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सफलता के लिए संकल्प की आंच चाहिए----साध्वी प्रमुख कनकप्रभा  एक विद्यार्थी ने विद्वान बनने का सपना देखा , वह मनोयोग से पढ़ने लगा। वह सफलता की पहली सीढ़ी तक पहुंचा। उसकी उसी...

नव निर्माण के लिए आती हैं विषम परिस्थितियां—-सीताराम गुप्ता

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नव निर्माण के लिए आती हैं विषम परिस्थितियां----सीताराम गुप्ता  बालस्वरूप 'राही' की एक कविता है :  अंधेरा रात-भर जग कर गढ़ा करता नया दिनकर,  सदा ही नाश के हाथों नया निर्माण होता है।  जीवन की...

लव में चाहिए सक्सेस तो करें यह उपाय—-

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लव में चाहिए सक्सेस तो करें यह उपाय---- युवावस्था में प्रवेश करते ही युवक-युवतियों में परस्पर आकर्षण स्वभाविक है। कभी-कभी यह आकर्षण प्रेम में बदल जाता है। प्रेम, मनुष्य को भगवान की...

ईशावास्योनिषद—शाबर मंत्र—अनन्तबोध चैतन्य

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ईशावास्योनिषद---शाबर मंत्र---अनन्तबोध चैतन्य ॐ पूर्णमदः पूर्णमिदं पूर्णात् पूर्णमुदच्यते। पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते॥      ॐ शांतिः शांतिः शांतिः॥                              Om! That (Karana Brahma) is...

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