Tag: दयानन्द शास्त्री
दक्षिण दिशा का द्वार (दरवाजा)—
दक्षिण दिशा का द्वार (दरवाजा)---
हमारे मन में दक्षिण दिशा से बहुत भय है। इसलिए कोई भी अपने मकान का द्वार दक्षिण में नहीं रखना चाहता है।पश्चिम में कुछ अच्छा है। अतः...
आग्नेय दिशा / मुखी ….मकान/भवन—-
आग्नेय दिशा / मुखी ....मकान/भवन----
वास्तु शास्त्र प्राकृतिक तत्वों पर आधारित उच्चकोटि का विज्ञान हैं। वास्तुशास्त्र परोक्ष रूप से प्र्रकृति के नियमों का अनुसरण करता हैं जो मानव को पंच तत्वों में...
वायव्य दिशा / मुखी ….मकान/भवन—-
वायव्य दिशा / मुखी ....मकान/भवन----
वास्तु का अर्थ है वास करने का स्थान। महाराज भोज देव द्वारा ग्यारहवीं शताब्दी में ‘समरांगण सूत्रधार’ नामक ग्रंथ लिखा गया था जो वस्तु शास्त्र का...
नैऋत्य दिशा / मुखी ….मकान/भवन—-
क्यों होने चाहिए दिषाओं के अनुरूप भवन..???
नैऋत्य दिशा / मुखी ....मकान/भवन----
वास्तु का अर्थ है वास करने का स्थान। महाराज भोज देव द्वारा ग्यारहवीं शताब्दी में ‘समरांगण सूत्रधार’ नामक ग्रंथ लिखा गया...
दक्षिण मुखी/ दिशा से सम्बन्धित भवन —
दक्षिण मुखी/ दिशा से सम्बन्धित भवन ---
ऐसा भूखण्ड जिसके दक्षिण में ही सड़क होतो उसे दक्षिण भूखण्ड कहते है। दक्षिणी मुखी भूखण्ड होने का प्रभाव घर की महिलाओ पर पड़ता है।...
वास्तु शास्त्र में ईशान कोण के शुभ -अशुभ लक्षण
वास्तु शास्त्र में ईशान कोण के शुभ -अशुभ लक्षणईशान दिशा के अनुरूप भवन
वास्तु का अर्थ है वास करने का स्थान। महाराज भोज देव द्वारा ग्यारहवीं शताब्दी में ‘समरांगण सूत्रधार’ नामक...
वास्तु सम्मत पूर्व मुखी भवन./मकान—-
वास्तु सम्मत पूर्व मुखी भवन./मकान----
पूर्वी दिशा में खाली स्थल वाला भवन स्वास्थ्य और आर्थिक दृश्टि से प्रगतिकारक होता है। पूर्वी दिशा में बने हुए मुख्य द्वार तथा अन्य द्वार भी सिर्फ...
इस माह(अगस्त,2011) के पर्व त्योहार—-
इस माह(अगस्त,2011) के पर्व त्योहार----
कामदा एकादशी- 06 अगस्तभौमवती अमावस्या- 10 अगस्तहरियाली तीज- 12 अगस्तनाग पंचमी- 14 अगस्ततुलसी जयंती- 16 अगस्तपुत्रदा एकादशी- 20 अगस्तरक्षाबंधन- 24 अगस्तहलषष्ठी- 30 अगस्तश्री कृष्ण का साक्षात स्वरूप हैं गिरिराज गोवर्द्धनभगवान श्रीकृष्ण की...
शनि की साढ़े साती : लक्षण और निवारण
शनि की साढ़े साती : लक्षण और निवारण---
ग्रहों में सबसे प्रभावशाली ग्रह दैत्यराज शनि महाराज जब चंद्रमा की राशि जल राशि कर्क में प्रवेश करते हैं, जो उनकी अपनी राशि मकर...
विपत्तिनाश, सम्पदा-प्राप्ति, साधन-सिद्धि के लिये हनुमान जी के चमत्कारिक मंत्र—
विपत्तिनाश, सम्पदा-प्राप्ति, साधन-सिद्धि के लिये हनुमान जी के चमत्कारिक मंत्र---
१- “ॐ नमो हनुमते पाहि पाहि एहि एहि सर्वभूतानां डाकिनी शाकिनीनां सर्वविषयान आकर्षय आकर्षय मर्दय मर्दय छेदय छेदय अपमृत्यु प्रभूतमृत्यु शोषय शोषय ज्वल प्रज्वल भूतमंडलपिशाचमंडल...