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काल सर्प योग की वास्तविक्ता प्रगट करने वाला लेख—-
काल सर्प योग की वास्तविक्ता प्रगट करने वाला लेख----
THE “”KAALA-SARPA-YOGA””:—
THE ""KAALA-SARPA-YOGA"":---
“Rahu-Ketu-madhye grahah sapta vighnadaa Kaalasarpa-samjnakaah/ suta-traasaadisakalaa dosah rogena pravaase maranam dhruvam//”
“Bhairava-stotra-paathena Kaalasarpam vinashyati/ Kaalasarpa-yogasya visam visaakta-jeevane bhayaavahaah// punah punar api shokam ca yauvane rogabhyadhikam dhruvam//Poorvajanma-krutam paapam brahma-shaapaat suta-ksayah/Kinchit pretaadi-dosam cha...
भोजन मोन रहकर क्यों करें..????
भोजन मोन रहकर क्यों करें..????
खाते समय न बोलना इसलिए अच्छा है कि मुंह की जूठन दूसरे पर नहीं पड़ती। बातचीत करने में प्रायः ऐसाहोता ही है। स्वच्छता में कमी आती है।...
आभूषण एवं महिला जातक —
आभूषण एवं महिला जातक ---
भारतीय संस्कृति में गहने पहनना एक रस्म और मर्यादा के अन्तर्गत आते हैं। आभूषण एवं गहनों से केवल शारीरिक सौन्दर्य ही नहीं निखरता वरन् इससे स्वास्थ्य...
श्री अष्टलक्ष्मी स्तोत्रम – Sri AshtaLaxmi Stotram (Hindi Version) —
श्री अष्टलक्ष्मी स्तोत्रम – Sri AshtaLaxmi Stotram (Hindi Version) --
अदि लक्ष्मी---
सुमनसा वन्धिथा, सुन्धारी, माधवी,चन्द्र सहोधारी हेममये,
मुनिगना मंदिथा, मोक्ष प्रधयिनी,मंजुला भाषिणी, वेदा नुठे,
पंकजा वासिनी देवा सुपूजिथासद्गुना वर्षानी, संथियुठे,
जाया जाया हे मधुसूधना कामिनी अधिलक्ष्मी...
हस्तरेखा से जानिए अपने प्यार के बारे में —-
हस्तरेखा से जानिए अपने प्यार के बारे में ----
प्यार और हस्तरेखा----
इस विषयपर मैं काफी दिन से विचार कर रहा था कि कुछ लिखूं। अधिकतर लोगों के मुह से यह सुनने में...
मंत्र जप और हवन (यज्ञ)करते समय ध्यान रखें…(सावधानियां)
मंत्र जप और हवन (यज्ञ)करते समय ध्यान रखें...(सावधानियां)
यदि जप के समय काम-क्रोधादि सताए तो काम सताएँ तो भगवान नृसिंह का चिन्तन करो। लोभ के समय दान-पुण्य करो। मोह के समय कौरवों...
रूद्राक्ष चिकित्सा —-
रूद्राक्ष चिकित्सा ----
रूद्राक्ष ( रूद्र मतलब शिव, अक्ष मतलब आंसु इसलिए रूद्र अधिक अक्ष मतलब शिव के आंसु) विज्ञान में उसे Elaeocarpus Ganitras Roxb के नाम से जाना जाता हैं,...
मंगल हमेशा अमंगल नहीं करता….
मंगल हमेशा अमंगल नहीं करता....
मंगल एक पापी एंव क्रुर ग्रह हे इसे भुमि पुत्र कुज आदी नामों से भी पुकारा जाता हे। कुज का अर्थ होता हे कु अर्थात खराब या...
भगवन शिव शंकर स्तुति / प्रार्थना—
भगवन शिव शंकर स्तुति / प्रार्थना---
जय शिवशंकर, जय गंगाधर, करुणा-कर करतार हरे,
जय कैलाशी, जय अविनाशी, सुखराशि, सुख-सार हरे
जय शशि-शेखर, जय डमरू-धर जय-जय प्रेमागार हरे,
जय त्रिपुरारी, जय मदहारी, अमित अनन्त अपार हरे,
निर्गुण...