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श्री अष्टलक्ष्मी स्तोत्रम – Sri AshtaLaxmi Stotram (Hindi Version) —
श्री अष्टलक्ष्मी स्तोत्रम – Sri AshtaLaxmi Stotram (Hindi Version) --
अदि लक्ष्मी---
सुमनसा वन्धिथा, सुन्धारी, माधवी,चन्द्र सहोधारी हेममये,
मुनिगना मंदिथा, मोक्ष प्रधयिनी,मंजुला भाषिणी, वेदा नुठे,
पंकजा वासिनी देवा सुपूजिथासद्गुना वर्षानी, संथियुठे,
जाया जाया हे मधुसूधना कामिनी अधिलक्ष्मी...
*****###स्वप्न सुन्दरी##*******
*****###स्वप्न सुन्दरी##*******
दुनिया ने तो हरदम मुझको, हंस हंस खूब सताया। अपना बनकर लूटा जी भर कर खूब रूलाया।।एक तुम्हीं थी जिसको मैंने, अपना था हर जख्म...
हस्तरेखा से जानिए अपने प्यार के बारे में —-
हस्तरेखा से जानिए अपने प्यार के बारे में ----
प्यार और हस्तरेखा----
इस विषयपर मैं काफी दिन से विचार कर रहा था कि कुछ लिखूं। अधिकतर लोगों के मुह से यह सुनने में...
मंत्र जप और हवन (यज्ञ)करते समय ध्यान रखें…(सावधानियां)
मंत्र जप और हवन (यज्ञ)करते समय ध्यान रखें...(सावधानियां)
यदि जप के समय काम-क्रोधादि सताए तो काम सताएँ तो भगवान नृसिंह का चिन्तन करो। लोभ के समय दान-पुण्य करो। मोह के समय कौरवों...
रूद्राक्ष चिकित्सा —-
रूद्राक्ष चिकित्सा ----
रूद्राक्ष ( रूद्र मतलब शिव, अक्ष मतलब आंसु इसलिए रूद्र अधिक अक्ष मतलब शिव के आंसु) विज्ञान में उसे Elaeocarpus Ganitras Roxb के नाम से जाना जाता हैं,...
मंगल हमेशा अमंगल नहीं करता….
मंगल हमेशा अमंगल नहीं करता....
मंगल एक पापी एंव क्रुर ग्रह हे इसे भुमि पुत्र कुज आदी नामों से भी पुकारा जाता हे। कुज का अर्थ होता हे कु अर्थात खराब या...
भगवन शिव शंकर की शाबर मंत्र द्वारा स्तुति / प्रार्थना—
भगवन शिव शंकर की शाबर मंत्र द्वारा स्तुति / प्रार्थना---
ॐ स्थिराय नमः॥ॐ स्थाणवे नमः॥ॐ प्रभवे नमः॥ॐ भीमाय नमः॥ॐ प्रवराय नमः॥ॐ वरदाय नमः॥ॐ वराय नमः॥ॐ सर्वात्मने नमः॥ॐ सर्वविख्याताय नमः॥ॐ सर्वस्मै नमः॥ ॐ सर्वकाराय...
आपकी बिमारियों का कारण कहीं वास्तु दोष तो नहीं ???????
आपकी बिमारियों का कारण कहीं वास्तु दोष तो नहीं ???????
मानसिक हालत कमजोर होने की स्थिति में हम डिप्रेशन या अवसाद का शिकार हो जाते हैं। ऐसा होने पर व्यक्ति के विचारों,...
आज शनि अमावस्या एवं हरियाली अमावस्या हे .
मित्रों आज शनि अमावस्या एवं हरियाली अमावस्या हे ..आज के दिन का राजस्थान(हाडोती,शेखावटी,मारवाड़ अंचल में विशेष महत्त्व/प्रभाव होता हे) और मध्यप्रदेश (के मालवा अंचल) में काफी धूमधाम और विशेष हर्षोल्लास के...
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साढ़ेसाती और ढैया की विवेचना ----
सृश्टि के प्रारंम्भ मे शनि अत्यन्त दीन-हीन और संसार मे उपेक्षित थे। नवग्रह परिवार मे शनि को भृत्य (नौकर) का स्थान प्राप्त था। वैदिक काल...