Tag: आध्यात्म
शनिवार को ऐसे करें शनि पूजा—-
शनिवार को ऐसे करें शनि पूजा----
शनि ग्रह को न्याय को देवता माना जाता है। वह बुरे कर्मों के लिए दण्ड देने वाले न्यायाधीश के रूप में प्रसिद्ध है। ज्योतिष शास्त्रों के...
पूजा-पाठ में हो जाए गलती तो इस मंत्र से मांगे क्षमा—–
पूजा-पाठ में हो जाए गलती तो इस मंत्र से मांगे क्षमा-----
जीवन में सुखी रहने, सुख बंटोरने या कायम रखने का सबसे अच्छा उपाय माना गया है - क्षमाभाव। क्षमा करना ही...
अमंगल से बचाते हैं ये असरदार गणेश मंत्र—-
अमंगल से बचाते हैं ये असरदार गणेश मंत्र----
हिन्दू धर्म में भगवान गणेश विघ्रहर्ता और बुद्धि दाता माना गया है। बुद्धि ही सही और गलत का निर्णय आसान बनाती है। सही निर्णय...
इन हनुमान मंत्रों से पाएं मजबूत इच्छाशक्ति और आत्मविश्वास————
इन हनुमान मंत्रों से पाएं मजबूत इच्छाशक्ति और आत्मविश्वास------------
रुद्र अवतार श्री हनुमान अनेक रूपों में पूजनीय है। उनके ये रूप उनके चरित्र की पावनता, दृढ़ता, शक्तियों और गुणों को उजागर करते...
इन उपाय ठीक हो सकता है लकवा—विकास नागपाल—
इन उपाय ठीक हो सकता है लकवा---विकास नागपाल---
वर्तमान की भागदौड़ भरी जिंदगी में कब कोई इंसान किस बीमारी की चपेट में आ जाए, कहना मुश्किल है। लकवा ऐसी ही एक बीमारी...
**कुन्जलक [तोते के] द्वारा भगवान के शतनाम-स्तोत्र का वर्णन**पवन तलहन—*
**कुन्जलक द्वारा भगवान के शतनाम-स्तोत्र का वर्णन**पवन तलहन---***
***********************************************
हम मनुष्य होकर भी नाम नहीं ले सकते! धन्य है कुन्जलक जी महाराज!
@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@
कुन्जलक शतनाम-स्तोत्र
^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^
नमाम्यहं हृषीकेशं केशवं मधुसूदनम !
सूदनं सर्वदैत्यानां नारायणमनामयम!!
जयन्तं विजयं कृष्णमनन्तं वामनं...
जियो मगर दिल से…
जियो मगर दिल से...
उम्र-ए-दराज़ माँग के लाए थे चार दिन
दो आरजू में कट गए, दो इंतज़ार में ...
अक्सर हमारी जिंदगी ऐसे ही किसी शेर का एक एग्जाम्पल बनकर रह जाती है।...
कच्ची उम्र में प्रेम न बन जाए बोझ—मानसी
कच्ची उम्र में प्रेम न बन जाए बोझ---मानसी
हेलो दोस्तो! पहले प्रेम पर न जाने कितने साहित्य रचे गए हैं। कितनी लोककथा, किंवदंतियों का मुख्य बिंदु ही प्रथम प्रेम रहा है। बॉबी,...
****योग***** -पवन तलहन *
*********योग***** -पवन तलहन ***********
**********************************
योग का आदर्श ---
योग द्वरा मनुष्य अपने स्वरुप सच्चिदानंद का अनुभव कर लेता है! योग का ध्येय वह तुरिय नामक परम आत्मा में स्थिति है, जिसमें जाग्रत, स्वप्न और...
विनायकस्तोत्रं ——-
विनायकस्तोत्रं -------
ॐ मूषिकवाहन मोदकहस्त चामरकर्ण विलम्बितसूत्र ।
वामनरूप महेश्वरपुत्र विघ्नविनायक पाद नमस्ते ॥
देवदेवसुतं देवं जगद्विघ्नविनायकम् ।
हस्तिरूपं महाकायं सूर्यकोटिसमप्रभम् ॥ १॥
वामनं जटिलं कान्तं ह्रस्वग्रीवं महोदरम् ।
धूम्रसिन्दूरयुद्गण्डं विकटं प्रकटोत्कटम् ॥ २॥
एकदन्तं प्रलम्बोष्ठं नागयज्ञोपवीतिनम् ।
त्र्यक्षं...