शनिवार को ऐसे करें शनि पूजा—-

शनि ग्रह को न्याय को देवता माना जाता है। वह बुरे कर्मों के लिए दण्ड देने वाले न्यायाधीश के रूप में प्रसिद्ध है। ज्योतिष शास्त्रों के मुताबिक शनि हर राशि में ढाई वर्ष तक रहता है। इस दौरान शनि ग्रह कुण्डली में अन्य ग्रहों के साथ अच्छे योग बनने पर शुभ फल देता है। वहीं बुरे योग होने पर बुरे फल भी देता है। 

शनि दशा के बुरे असर से बचने के लिए ही यहां बताई जा रही शनिवार के विशेष दिन शनि की पूजा और उपासना शुभ फल देगी।

– शनिवार के दिन व्रत रखकर शनिदेव की लोहे से बनी प्रतिमा की पूजा करें।

– प्रात: स्नान कर पूरी पवित्रता के साथ भगवान शनिदेव की पूजा में काले कुंकूम, काले अक्षत, काला तिल, काला कपड़ा, काली उड़द और तेल चढ़ाएं।

– शाम के समय घर या मंदिर में शनिदेव के सामने तेल का दीपक जलाएं। तेल से बने व्यंजनों का भोग लगाएं। काली या लोहे की वस्तुएं चढ़ाएं।

– इस दिन संभव हो तो  शनि ग्रह के बुरा असर शांत करने के लिए ब्राह्मणों को भोजन कराएं और काली या लोहे से बनी वस्तुओं का दान करें।

– शनिदेव से अपने बुरे कामों और अपराधों के लिए क्षमा मांगनी चाहिए।

– रात्रि को एक बार बिना नमक का भोजन करें।

इन उपायों से शनि ग्रह के बुरे प्रभाव और दोष की शांति होती है और ग्रह पीड़ा दूर हो जाती है। यह उपाय शनि साढ़े साती के दौरान भी बहुत शुभ फल देते हैं। संभव हो तो अगले सात शनिवार को लगातार व्रत करें।

– प्रात: स्नान कर पूरी पवित्रता के साथ भगवान शनिदेव की पूजा में काले कूंकुम, काले अक्षत, काला तिल, काला कपड़ा, काली उड़द और तेल चढ़ाएं।

– शाम के समय घर या मंदिर में शनिदेव के सामने तेल का दीपक जलाएं। तेल से बने व्यंजनों का भोग लगाएं। काली या लोहे की वस्तुएं चढ़ाएं।

– इस दिन संभव हो तो शनि ग्रह के बुरा असर शांत करने के लिए ब्राह्मणों को भोजन कराएं और काली या लोहे से बनी वस्तुओं का दान करें।

– शनिदेव से अपने बुरे कामों और अपराधों के लिए क्षमा मांगनी चाहिए।

– रात्रि को एक बार बिना नमक का भोजन करें।

इन उपायों से शनि ग्रह के बुरे प्रभाव और दोष की शांति होती है और ग्रह पीड़ा दूर हो जाती है। यह उपाय शनि साढ़े साती के दौरान भी बहुत शुभ फल देते हैं। संभव हो तो सात शनिवार को लगातार व्रत करें।

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