Home Tags आध्यात्म

Tag: आध्यात्म

नाथद्वारा खगोल सम्मलेन की यादें—

0
नाथद्वारा खगोल सम्मलेन की यादें--- नाथद्वारा खगोल सम्मलेन की यादें---

कैसे फूल भगवान को कभी न चढ़ाए…?

0
कैसे फूल भगवान को कभी न चढ़ाए...? भगवान को प्रसन्न करने के लिए उनका पूजन-आरती की जाती है। सभी पूजन कर्म में पुष्प का विशेष महत्व बताया गया है। फूलों के बिना...

!!श्री कृष्णानन्दस्तुतिः!!

0
!श्री कृष्णानन्दस्तुतिः!!         सर्वशास्त्रार्थनिष्णातं  निगमागमबोधकम्  ।श्री कृष्णाख्यं यतिश्रेष्ठं प्रणमामि पुनः पुनः ॥1कृष्णानन्दं जगद्वन्द्यं कारुण्यामृतसागरम्  ।स्वात्मानन्दनिमग्नञ्च शिवसायुज्यसाधकम्  ॥ 2जीवितं यस्य लोकायऽऽलोकायैव च जीवनम् ।महादेव समं मान्यममान्यानपि मानदम्  ॥ 3हार्दं लोकहितार्थाय मनोहारि च यद्वचः  ।राकेन्दुरिव दिव्याय भव्याय नमो नमः  ॥ 4काषायवस्त्रभूषाय मालारुद्राक्षधारिणे  ।श्री...

कुंडली से जानें क्या बनेंगे आप?

0
कुंडली से जानें क्या बनेंगे आप? एक सामान्य अनगढ़ पत्थर को देखकर क्या सोचेंगे? किन्तु एक मूर्तिकार पत्थर को दूर से देखकर ही उसकी क्षमता और संभावना को बता सकता है। वह...

शनि को मनाने के लिए पूजें हनुमानजी को…

0
शनि को मनाने के लिए पूजें हनुमानजी को...--- हनुमानजी और शनिदेव इन दोनों नामों से सभी भलीभांति परिचित हैं। त्रेतायुग में राम अवतार के समय हनुमानजी की मदद से ही श्रीराम ने...

सुख और दुख मन की कल्पना है—मुनि राकेशकुमार

0
सुख और दुख मन की कल्पना है---मुनि राकेशकुमार  सुख और दुख का संबंध मन में उठने वाले भावों और कल्पना से अधिक होता है। उसमें किसी पदार्थ और परिस्थिति की उतनी भूमिका...

विवाह के संस्कार और हमारा ईश्वर—अंशुमाली रस्तोगी

0
विवाह के संस्कार और हमारा ईश्वर----अंशुमाली रस्तोगी  बचपन का दौर था। तब ईश्वर में हमारी प्रबल आस्था थी। उसे आस्था न कहकर आप 'डर' कहें तो ज्यादा ठीक रहेगा। यह डर परीक्षाओं...

सुख और दुख मन की कल्पना है—मुनि राकेशकुमार

0
सुख और दुख मन की कल्पना है---मुनि राकेशकुमार  सुख और दुख का संबंध मन में उठने वाले भावों और कल्पना से अधिक होता है। उसमें किसी पदार्थ और परिस्थिति की उतनी भूमिका...

पति-पत्नी में प्रेम बढ़ाता है यह मंत्र—–

0
पति-पत्नी में प्रेम बढ़ाता है यह मंत्र----- पति-पत्नी में अनबन होना आम बात है क्योंकि जहां प्रेम होता है वहीं तकरार भी होती है। लेकिन कभी-कभी यह छोटी सी तकरार बढ़ा रूप...

सफलता के लिए संकल्प की आंच चाहिए—-साध्वी प्रमुख कनकप्रभा

0
सफलता के लिए संकल्प की आंच चाहिए----साध्वी प्रमुख कनकप्रभा  एक विद्यार्थी ने विद्वान बनने का सपना देखा , वह मनोयोग से पढ़ने लगा। वह सफलता की पहली सीढ़ी तक पहुंचा। उसकी उसी...

प्रख्यात लेख

मेरी पसंदीदा रचनायें

error: Content is protected !!