कुछ खास बातें वास्तु से जुड़ी---
'वास्तु' का सहज शाब्दिक अर्थ एक ऐसे आवास से है जहाँ के रहवासी सुखी, स्वस्थ एवं समृद्ध हों। इसीलिए वास्तु विज्ञान में हमारे पूर्वजों ने अपने दिव्य ज्ञान से ऐसे अनेक तथ्यों को शामिल किया है जो कि किसी भी भवन के रहवासियों को शांतिपूर्वक रहने में परम सहायक होते हैं।...
पूर्वमुखी मकान के परिणाम----
पूर्वमुखी मकान में अच्छे-बुरे फल भी मिलते हैं। किसी भी क्षेत्र में, किसी भी दिशा में बना मकान शुभ या अशुभ परिणाम देता है। मकान किस प्रकार बना है, इस बात पर अधिक निर्भर करता है। घर के सामने 'टी' नुमा रास्ता हो तो पूर्व मुखी मकान भी अशुभ परिणाम देगा, जबकि दक्षिण...
ग्रहों के अशुभ फल---
प्रत्येक जातक की कुंडली में अशुभ ग्रहों की स्थिति अलग-अलग रहती है, परंतु कुछ कर्मों के आधार पर भी ग्रह आपको अशुभ फल देते हैं। व्यक्ति के कर्म-कुकर्म के द्वारा किस प्रकार नवग्रह के अशुभ फल प्राप्त होते हैं, आइए जानते हैं :
चंद्र : सम्मानजनक स्त्रियों को कष्ट देने जैसे, माता, नानी,...
वस्तुओं में फेरबदल कर वास्तु दोष समाप्त करें---
वास्तु शास्त्र इसके रचयिता विश्वकर्माजी की मानव को अभूतपूर्व देन है। ज्योतिष विज्ञान के अंतर्गत वास्तु का एक महत्वपूर्ण स्थान है। किसी भी भवन का निर्माण करते समय उसे वास्तुनुकूल बनाना आवश्यक है क्योंकि घर में सुख, शांति एवं समृद्धि इसी पर आधारित है। वास्तु दोष होने पर भवन में कई प्रकार...
सर्वग्रह शांति के लिए करें गणेश आराधना----
गजाननजी को ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह से संबद्ध किया जाता है। इनकी उपासना नवग्रहों की शांतिकारक व व्यक्ति के सांसारिक-आध्यात्मिक दोनों तरह के लाभ की प्रदायक है। अथर्वशीर्ष में इन्हें सूर्य व चंद्रमा के रूप में संबोधित किया है। सूर्य से अधिक तेजस्वी प्रथम वंदनदेव हैं। इनकी रश्मि चंद्रमा...
ईशान कटा होना दुर्भाग्य सूचक---
आपके घर के वास्तु में ईशान कोण का बहुत महत्व है, ईशान कोण उत्तर कोने को माना गया है। इस स्थान को वास्तु शास्त्र में भगवान की दिशा माना गया है। जैसा कि शब्द से ही स्पष्ट है कि यह स्थान ईश्वर का स्थान है। और यही कारण है कि यदि यह भाग...
लग्न में जब गुरु हो --कई मायनों में महत्वपूर्ण है बृहस्पति---
लग्न का बृहस्पति कई मायनों में महत्वपूर्ण माना जाता है। लग्न का बृहस्पति जातक को विद्या पिपासु बना देता है। हर तरह से ज्ञान अर्जन करने की इच्छा इनमें रहती है। हर बृहस्पति व्यक्ति को अच्छे स्वभाव का मालिक भी बनाता है। लग्न में बृहस्पति होने पर व्यक्ति...
पूजा का स्थान कहाँ हो---
हमारे घर में पूजा का स्थान जरूर ही होता है। लेकिन यदि पूजा का स्थान उचित जगह पर हो तो हमारे मन में भी शांति रहेगी। भगवान की पूजा हम जरूर करते हैं पर घर में पूजास्थल कहाँ होना चाहिए इसकी सही जानकारी नहीं होने की वजह से हमें मनोवांछित फल की प्राप्ति...
गुरु-चन्द्रमा मिलकर बनाते हैं गजकेसरी योग--
शुभ स्थिति में कारक ग्रह देते हैं उत्तम फल--
जब जन्मांग में गुरु एवं चन्द्रमा एक-दूसरे से केन्द्र में होते हैं तो गजकेसरी योग बनता है। यह एक अत्यन्त ही उत्तम योग है। विभिन्न ज्योतिषाचार्यों ने इसकी भूरि-भूरि प्रशंसा की है।
गजकेसरी योग में उत्पन्न जातक शत्रुहन्ता, वाकपटु, राजसी सुख एवं गुणों से...
दक्षिणमुखी भवन और वास्तु---
वास्तुशास्त्र के बारे में जानकारी रखने वाले लोगों के दिलोदिमाग में भी यह बात गहराई तक समाई हुई है कि दक्षिणमुखी मकान में निवास करके कभी सुखी नहीं रह सकते हैं। इस भय के कारण भारत में कई दक्षिणमुखी प्लॉट लंबे समय तक खाली पड़े रहते हैं और बेचने वाले को प्लॉट की कीमत...