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"शिवलिंग" पूजन का प्रारंभ एवं महत्त्व एवं पूजन विधि  --- जानिए "शिवलिंग" पूजा का महत्व---- भगवान शिव अत्यंत ही सहजता से अपने भक्तों की मनोकामना की पूर्ति करने के लिए तत्पर रहते है। भक्तों के कष्टों का निवारण करने में वे अद्वितीय हैं। समुद्र मंथन के समय सारे के सारे देवता अमृत के आकांक्षी थे लेकिन भगवान शिव के हिस्से में...
जानिए की श्री अमरनाथ कौन और क्या हैं श्री अमरनाथ यात्रा ...??? इस वर्ष दो जुलाई 2015  से आरम्भ होने वाली अमरनाथ धाम यात्रा श्रद्धालुओं के लिए यह अत्यंत पूजनीय है. जिसने भी इस यात्रा के बारे में जाना या सुना है, वह कम से कम एक बार जाने की इच्छा जरूर रखता है.अमरनाथ यात्रा का नाम सुनते ही भोले बाबा शिव...
क्या हैं योग ??? जानिए योग को  योग - एक जीवन शैली हैं --पंडित "विशाल" दयानन्द शास्त्री  जब भी आप योग के बारे में सुनते हैं तो आप इसके बारे में अपने दिमाग में एक खाका तैयार करते हैं कि आखिर यह आपके लिए क्या है। योग का नाम आते ही कुछ के दिमाग में कांटों के बिस्तर पर बैठा फकीर...
जानिए की कैसे बनता है अधिक मास या पुरुषोत्तम मास ?- सौर वर्ष और चांद्र वर्ष में सामंजस्य स्थापित करने के लिए हर तीसरे वर्ष पंचांगों में एक चान्द्रमास की वृद्धि कर दी जाती है। इसी को अधिक मास या अधिमास या मलमास कहते हैं। सौर-वर्ष का मान ३६५ दिन १५ घड़ी २२ पल और ५७ विपल हैं। जबकि चांद्रवर्ष...
गायत्री जयंती 28 मई 2015  हिंदू धर्म में मां गायत्री को वेदमाता कहा जाता है अर्थात सभी वेदों की उत्पत्ति इन्हीं से हुई है। गायत्री को भारतीय संस्कृति की जननी भी कहा जाता है। धर्म शास्त्रों के अनुसार ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी को मां गायत्री का अवतरण माना जाता है। इस दिन को हम गायत्री जयंती के...
श्री बटुक भैरव जयंती 28  मई 2015 (गुरुवार) को मनाई जाएगी--- श्री बटुक भैरव साधना- अकाल मौत से बचाती है ‘भैरव साधना’ श्री बटुक भैरव साधना से मिलेगा दुखों से छुटकारा---- तंत्र साधना में शांति कर्म, वशीकरण, स्तंभन, विद्वेषण, उच्चाटन और मारण नामक छ: तांत्रिक षट् कर्म होते हैं। इसके अलावा नौ प्रयोगों का वर्णन मिलता है:- मारण, मोहनं, स्तंभनं, विद्वेषण, उच्चाटन,...
अपरा एकादशी का पावन पर्व आज मनाया जा रहा हैं---- अपरा एकादशी का व्रत दिलाता है पापों से छुटकारा.... हिंदू धर्म में अनेक व्रत व उपवास किए जाते हैं। उन सभी में एकादशी का व्रत विशेष महत्व रखता है। ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अचला व अपरा एकादशी कहते हैं।पुराणों के अनुसार अचला एकादशी का व्रत करने से...
रक्तविकार और ज्योतिष-वास्तु का सम्बन्ध (थेलेसीमिया और ज्योतिष-वास्तु का सम्बन्ध )---- थेलेसीमिया और सावधानियां --- थैलेसीमिया एक आनुवांशिक रक्त विकार है। इस रोग में रोगी के शरीर में हीमोग्लोबिन सामान्य स्तर से कम हो जाता है। गौरतलब है कि शरीर में ऑक्सीजन का सुचारु रूप से सचार करने के लिए हीमोग्लोबिन की जरूरत होती है। हँसने-खेलने और मस्ती करने की उम्र...
शनि जयंती 18  मई 2015  पर विशेष--- इस वर्ष की जयंति को लेकर बने हें मतान्तर--- शनि जयंती का शास्त्रों में स्पष्ट उल्लेख नहीं--- कुछ विद्वानों के अनुसार शनि जयंती के बारे में धर्मशास्त्र में स्पष्ट उल्लेख नहीं मिलता है। इसके बावजूद शनिदेव को अंधकार का देवता माना जाता है। अमावस्या तिथि जिस दिन रात्रि को स्पर्श करती है, उसी दिन शनि...
वट सावित्री व्रत एवं पूजन 17  मई 2015 (रविवार)--- ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या तिथि को हिन्दू महिलाएं वट सावित्री का व्रत रखती हैं । शास्त्रों के अनुसार इस दिन व्रत रखकर वट वृक्ष के नीचे सावित्री, सत्यवान और यमराज की पूजा करने से पति की आयु लंबी होती है और संतान सुख प्राप्त होता है। मान्यता है कि इसी दिन सावित्री...

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