शत्रु-विध्वंसिनी-स्तोत्र----
विनियोगः- ॐ अस्य श्रीशत्रु-विध्वंसिनी-स्तोत्र-मन्त्रस्य ज्वाला-व्याप्तः ऋषिः, अनुष्टुप छन्दः, श्रीशत्रु-विध्वंसिनी देवता, श्रीशत्रु-जयार्थे (उच्चाटनार्थे नाशार्थे वा) जपे विनियोगः।
ऋष्यादि-न्यासः- शिरसि ज्वाला-व्याप्त-ऋषये नमः। मुखे अनुष्टुप छन्दसे नमः, हृदि श्रीशत्रु-विध्वंसिनी देवतायै नमः, अञ्जलौ श्रीशत्रु-जयार्थे (उच्चाटनार्थे नाशार्थे वा) जपे विनियोगाय नमः।।
कर-न्यासः- ॐ श्रीशत्रु-विध्वंसिनी अंगुष्ठाभ्यां नमः। ॐ त्रिशिरा तर्जनीभ्यां नमः। ॐ अग्नि-ज्वाला मध्यमाभ्यां नमः। ॐ घोर-दंष्ट्री अनामिकाभ्यां नमः। ॐ दिगम्बरी कनिष्ठिकाभ्यां नमः। ॐ रक्त-पाणि करतल-करपृष्ठाभ्यां नमः।
हृदयादि-न्यासः-...
भाग्योदय हेतु करें श्रीमहा-लक्ष्मी-साधना----
भाग्योदय हेतु श्रीमहा-लक्ष्मी की तीन मास की सरल, व्यय रहित साधना है। यह साधना कभी भी ब्राह्म मुहूर्त्त पर प्रारम्भ की जा सकती है। ‘दीपावली’ जैसे महा्पर्व पर यदि यह प्रारम्भ की जाए, तो अति उत्तम।
‘साधना’ हेतु सर्व-प्रथम स्नान आदि के बाद यथा-शक्ति (कम-से-कम १०८ बार) “ॐ ह्रीं सूर्याय नमः” मन्त्र का जप करें।
फिर ‘पूहा-स्थान’...
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आइये जाने की मकर संक्रांति (2012 का) का क्या और केसा होगा राशियों पर शुभ-अशुभ प्रभाव—-
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आइये जाने की मकर संक्रांति (2012 का) का क्या और केसा होगा राशियों पर शुभ-अशुभ प्रभाव----
बारह राशियों के लिए कैसी होगी मकर संक्रांति(वर्ष-2012 की)----
मकर संक्रांति को सूर्य अपनी राशि बदलकर धनु राशि से मकर राशि में परिभ्रमण करेगा। सूर्य के मकर राशि पर परिभ्रमण से बारह राशियों पर विभिन्न प्रभाव दिखाई देंगे। प्रस्तुत है राशियों पर शुभ-अशुभ प्रभाव और...
ऐसे करे गोमती चक्र का प्रयोग धन/संपदा प्राप्ति हेतु---
१॰ सात गोमती चक्रों को शुक्ल पक्ष के प्रथम अथवा दीपावली पर लाल वस्त्र में अभिमंत्रित कर पोटली बना कर धन स्थान पर रखें ।
२॰ यदि आपको अचानक आर्थिक हानि होती हो, तो किसी भी मास के प्रथम सोमवार को २१ अभिमन्त्रित गोमती चक्रों को पीले अथवा लाल रेशमी वस्त्र में...
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अपनी जन्म कुंडली अनुसार जानिए की इन घरेलु उपायों से केसे करें लक्ष्मी की प्राप्ति —-
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अपनी जन्म कुंडली अनुसार जानिए की इन घरेलु उपायों से केसे करें लक्ष्मी की प्राप्ति ----
दान का महत्व तीनों लोक में विशिष्ट महत्व रखता है। इसके प्रभाव से पाप-पुण्य व ग्रह के प्रभाव कम व ज्यादा होते हैं। इसमें शुक्र और गुरु को विशेष धनप्रदाय ग्रह माना गया है। आकाश मंडल के सभी ग्रहों का कारतत्व पृथ्वी में पाए...
सूर्य मणि साधना –(पंडित आशु बहुगुणा)---
सूर्य को आत्म भी कहते है ! क्यू के यह आत्मा के प्रकाश का प्रतीक है और सूर्य साधना जीवन को प्रकाशमान करती हुई साधक को साधना क्षेत्र में विशेष उच्ता प्रदान करती है ! बहुत सोभाग्यशालि साधक होते है जो सूर्य साधना को अपना कर अपना जीवन प्रकाश म्ये करते है ! सूर्य...
CRY (CHILDREN RELIF AND YOU )
For FULL Campaign Visit www.cry.org/full to join
For more details please log on to : www.cry.org .
Why CRY was formed: CRY was officially registered on January 28, 1979, in response to the unjust situation of children that we see
every day. Children living in the most inhuman conditions, deprived of the...
क्या हैं योग ??? जानिए योग को
योग - एक जीवन शैली हैं --पंडित "विशाल" दयानन्द शास्त्री
जब भी आप योग के बारे में सुनते हैं तो आप इसके बारे में अपने दिमाग में एक खाका तैयार करते हैं कि आखिर यह आपके लिए क्या है। योग का नाम आते ही कुछ के दिमाग में कांटों के बिस्तर पर बैठा फकीर...
सौर वर्ष और चांद्र वर्ष में सामंजस्य स्थापित करने के लिए हर तीसरे वर्ष पंचांगों में एक चान्द्रमास की वृद्धि कर दी जाती है। इसी को अधिक मास या अधिमास या मलमास कहते हैं। सौर-वर्ष का मान ३६५ दिन १५ घड़ी २२ पल और ५७ विपल हैं। जबकि चांद्रवर्ष ३५४ दिन २२ घड़ी १ पल और २३ विपल का...
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WHAT IS KAALSARP DOSH OR PITRA DOSH..??? (KNOW MORE ABOUT KALSARP DOSH OR PITRA DOSH)
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WHAT IS KAALSARP DOSH OR PITRA DOSH..???
(KNOW MORE ABOUT KALSARP DOSH OR PITRA DOSH)
Kaal Sarp Dosha implies many meanings in Sanskrit, but there is danger and a threat to life associated with the word. Of its many meanings, we can safely conclude that Kaal means time, and Sarp means snake or serpent. Kaal Sarp Dosh can cast its inauspicious...