संक्षिप्त स्त्री कुन्डली में ग्रह-फ़ल----
House Sun Moon Mars Mercury Jupiter Venus Saturn Rahu Ketu
1st क्रोधी अल्पायु विधवा भाग्यवान परिव्रता सुखी बांझ नि:संतान दुखी
2nd गरीब धनी नि:संतान धनी धनी भाग्यवान दुखी गरीब कपटी चिंतित
3rd संतान अच्छी सुखी भाई नही संतान सहित अच्छे भाई धनी होशियार धनी रोगी
4th रोगी दुर्भागिन दुखी अच्छे घरवाली सुखी सुखी करुणावाली रोगी माता को कष्ट
5th पुत्र से दुखी अच्छी संतान नि:संतान समझदार कलाकुशल बहुसंतान नि:संतान नि:संतान संतान से दुख
6th सुखी रोगी स्वस्थ क्रोधी संकटवाली गरीब शिल्पी धनी धनी
7th दुखी पतिप्रिया विधवा पतिव्रता इज्जतदार पतिप्रिया विधवा दुखी पति से दुखी
8th विधवा दुखी चरित्रहीन कृतघ्न रोगी दुखी दुखी पति से दुखी दुखी
9th धार्मिक बेकार संतान शुभकार्य शिष्ट धनी आचारहीन दुष्कर्मा दुष्कर्मा चिन्तित
10th उच्चाभिलाषी धार्मिक बेकार संतान शुभकार्य सुशील धनी आचारहीन दुष्कर्मा आचारहीन
11th धनी कलाकुशल धनी पतिव्रता शिष्ट संतान अतिधनी शिष्ट संतान स्वस्थ भाग्यवान
12th क्रोधी अपंग पापिनी वैरागिन शुभव्यय शुभकार्य मूर्ख मक्कार बीमार
ज्योतिष: शास्त्र, कला या विज्ञान=(ज्योतिष एक सच, झूठ या कुछ और..)-----
ज्योतिष विद्या भारत की बहुत सी महान उपलब्धियों में से एक है, लेकिन भारत में अब इस विद्या के जानकार को खोजना मुश्किल ही है। ऋग्वेद में ज्योतिष से संबंधित 30 श्लोक हैं, यजुर्वेद में 44 तथा अथर्ववेद में 162 श्लोक हैं। वेदों के उक्त श्लोकों पर आधारित आज...
पीडित् चन्द्र करता है मन को अवसाद ग्रस्त---
आधुनिक भागदौड के इस जीवन में कभी न कभी हर व्यक्ति डिप्रेशन अर्थात अवसाद का शिकार हो ही जाता है।. डिप्रेशन आज इतना आम हो चुका है कि लोग इसे बीमारी के तौर पर नहीं लेते और नजरअंदाज कर देते हैं। किन्तु ऎसा करने का परिणाम कभी कभी बहुत ही बुरा हो...
JYOTISH
क्या जन्मकुंडली देखकर बताया जा सकता है कि ये जन्मकुंडली स्त्री/पुरूष/पशु/पक्षी आदि किस की है ?
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क्या जन्मकुंडली देखकर बताया जा सकता है कि ये जन्मकुंडली स्त्री/पुरूष/पशु/पक्षी आदि किस की है ?---
अक्सर जब भी कोई पाठक मुझसे ज्योतिष अथवा सनातन धर्म के विषय में कोई प्रश्न करता है तो मेरा ये भरकस प्रयास रहता है कि तुरन्त ही उसके सवाल का उत्तर उसे मिल सके। प्रश्न यदि व्यक्तिगत हो तो प्राथमिकता के आधार पर उनका...
ज्योतिषी कोई भगवान तो नहीं कि आपके भाग्य को बदल डाले ...
आज सबसे पहले तो मैं अपने सभी पाठकों से एक बात कहना चाहूँगा कि इस ब्लाग को आरम्भ करने के पीछे मेरा सिर्फ एक ही उदेश्य रहा है...वो ये कि इसके माध्यम से ज्योतिष एवं संबंधित पराविद्याओं के वास्तविक स्वरूप को आमजन तक पहुँचाना तथा तथाकथित पढे लिखे...
JYOTISH
भारतीय संस्कृ्ति का महान प्रतीक चिन्ह—–स्वस्तिक(a symbol of life and preservation )—
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भारतीय संस्कृ्ति का महान प्रतीक चिन्ह-----स्वस्तिक(a symbol of life and preservation )---
स्वस्तिक ---- स्वस्तिक शब्द मूलभूत सु+अस धातु से बना हुआ है। सु का अर्थ है अच्छा, कल्याणकारी, मंगलमय और अस का अर्थ है अस्तित्व, सत्ता अर्थात कल्याण की सत्ता और उसका प्रतीक है स्वस्तिक। किसी भी मंगलकार्य के प्रारम्भ में स्वस्तिमंत्र बोलकर कार्य की...
जानिए क्या हैं हिंदू पंचांग? हिंदू पंचांग की तीन धाराएँ-----
आकाश में तारामंडल के विभिन्न रूपों में दिखाई देने वाले आकार को नक्षत्र कहते हैं। मूलतः नक्षत्र 27 माने गए हैं।
हिंदू पंचांग की उत्पत्ति वैदिक काल में ही हो चुकी थी। सूर्य को जगत की आत्मा मानकर उक्त काल में सूर्य व नक्षत्र सिद्धांत पर आधारित पंचांग होता था। वैदिक...
आज के मुहूर्त और राशिफल---07 अप्रेल ,2011====
7 अप्रैल 2011: गुरुवार, 4:08 * तक Sukla चतुर्थी, *
00:43 Krittika तक, जब तक 12:07 योग प्रीति, जब तक 15:23 करण Vanija, 4:08 * तक Vishti करण,
RahuK: * 13:40-15:10 *, GulikaK: * 9:10-10:40 *, YamaG: 6:10 * - 7:40 *,
18:38 पर सूर्योदय पर 6:08 सूर्यास्त, *,
8:10 पर Moonrise, 22:09 पर Moonset,) दिन चंद्रमा...
माँ गायत्री - एक शोध / विचार--पंडित खींवराज शर्मा (जोधपुर) ----
गायत्री के समग्र विनियोग में सविता देवता, विश्वामित्र ऋषि एवं गायत्री छन्द का उल्लेख किया गया है, परन्तु उसके वर्गीकरण में प्रत्येक अक्षर एक स्वतंत्र शक्ति बन जाता है । हर अक्षर अपने आप में एक मंत्र है । ऐसी दशा में २४ देवता, २४ ऋषि एवं २४ छन्दों...
वेदमाता गायत्री महिमा - 5
गायत्री के २४ छन्द
ऋषियों की कार्य पद्धति छन्द हैं । मोटे रूप से इसे उनकी उपासना में प्रयुक्त होने वाले मंत्रों की उच्चारण विधि-स्वर संहिता कह सकते हैं । सामवेद में मंत्र विद्या के महत्त्वपूर्ण आधार उच्चारण विधान-स्वर संकेतों का विस्तारपूर्वक विधान, निर्धारण मिलता है । प्रत्येक वेद मंत्र के साथ उदात्त-अनुदात्त-स्वरित के स्वर संकेत...