>Vastu for Houses---Building a house as per the vastu norms is very much essential because it brings congruent balance amidst assorted atmospheric natural energies including cosmic energy, solar energy, lunar energy, and much more. Vastu for house involves several important traits, which depicts unique style in building every room of your home. Constructing a house by closely sticking with...
आइये जाने नक्षत्रों को--आधानादि नक्षत्र
वैदिक ज्योतिष में 28 नक्षत्रों का उल्लेख मिलता है. सभी नक्षत्रों का अपना विशिष्ट महत्व है. 28 नक्षत्रों में से कोई भी नक्षत्र व्यक्ति विशेष के लिए शुभ तथा अशुभ हो सकता है. जो एक नक्षत्र किसी व्यक्ति के लिए अशुभ है वही नक्षत्र किसी अन्य समय में दूसरे व्यक्ति के लिए शुभ हो सकता...
वास्तु--कुछ महत्वपूर्ण जानकारी और सुझाव----
बिना सोचे-विचारे मकान बनवाने पर उसमें कई वास्तु दोष आ जाते हैं। जिनका असर हमारे जीवन पर पड़ता है। वास्तु शास्त्रियों के अनुसार कुछ मामूली परिवर्तन कर इन वास्तु दोषों को समाप्त किया जा सकता है। यह उपाय निम्न हैं-
1- यदि आपके घर की छत पर व्यर्थ का सामान पड़ा हो तो उसे वहां से...
वास्तु के अनुसार सजायें अपना बेडरूम....ध्यान दें बेड पर..
चैन की नींद के लिए जरूरी है आपका बेड आरामदायक हो। वास्तु के अनुसार बेड के संबंध में कई महत्वपूर्ण टिप्स दी गई हैं। आरामदायक बेड के साथ ही यह भी बात भी ध्यान रखने योग्य है कि वह रखा किस स्थिति में रखा है। पति-पत्नी के बीच हमेशा अच्छा रिश्ता...
आज का पंचांग ओर राशिफल--(05 जून 2011,रविवार) विक्रम संवत 2068----
June 5, 2011:Sunday, Sukla Chaturthi till 1:34*,
Punarvasu till 15:49, Vriddhi yoga till 20:40,
Vanija karana till 14:04, Vishti karana till 1:34*,
RahuK: 15:57 - 17:27, GulikaK: 14:27 - 15:57, YamaG: 11:27 - 12:57,
Sunrise at 5:27*, Sunset at 19:12,
Moonrise at 8:19, Moonset at 22:25, Moon in Mith till 9:51
===============================================================================
5 जून 2011:रविवार, Sukla चतुर्थी...
कैसे फूल भगवान को कभी न चढ़ाए...?
भगवान को प्रसन्न करने के लिए उनका पूजन-आरती की जाती है। सभी पूजन कर्म में पुष्प का विशेष महत्व बताया गया है। फूलों के बिना कोई भी पूजा पूर्ण नहीं मानी जाती है। इसी वजह से सभी प्रकार की पूजा-अर्चना में पुष्प अर्पित किए जाते हैं। सभी देवी-देवताओं को अलग-अलग पुष्प पसंद हैं।...
!श्री कृष्णानन्दस्तुतिः!!
सर्वशास्त्रार्थनिष्णातं निगमागमबोधकम् ।
श्री कृष्णाख्यं यतिश्रेष्ठं प्रणमामि पुनः पुनः ॥1
कृष्णानन्दं जगद्वन्द्यं कारुण्यामृतसागरम् ।
स्वात्मानन्दनिमग्नञ्च शिवसायुज्यसाधकम् ॥ 2
जीवितं यस्य लोकायऽऽलोकायैव च जीवनम् ।
महादेव समं मान्यममान्यानपि मानदम् ॥ 3
हार्दं लोकहितार्थाय मनोहारि च यद्वचः ।
राकेन्दुरिव दिव्याय भव्याय नमो नमः ॥ 4
काषायवस्त्रभूषाय मालारुद्राक्षधारिणे ।
श्री कृष्णानन्दसंज्ञाय गुरुणां गुरवे ...
कुंडली से जानें क्या बनेंगे आप?
एक सामान्य अनगढ़ पत्थर को देखकर क्या सोचेंगे? किन्तु एक मूर्तिकार पत्थर को दूर से देखकर ही उसकी क्षमता और संभावना को बता सकता है। वह तुरंत कह देगा कि इस पत्थर से कौनसी मूर्ति प्रकट हो सकती है। बिल्कुल ऐसा ही सटीक गणित एक जानकार ज्योतिषी का होता है, जो इंसान की कुंडली...
शनि को मनाने के लिए पूजें हनुमानजी को...---
हनुमानजी और शनिदेव इन दोनों नामों से सभी भलीभांति परिचित हैं। त्रेतायुग में राम अवतार के समय हनुमानजी की मदद से ही श्रीराम ने रावण का संहार किया था। तभी से हनुमानजी श्रद्धालुओं के कष्ट और क्लेश को दूर करते आए हैं। कलयुग में इनकी आराधना काफी सरल और तुरंत फल देने...
सुख और दुख मन की कल्पना है---मुनि राकेशकुमार
सुख और दुख का संबंध मन में उठने वाले भावों और कल्पना से अधिक होता है। उसमें किसी पदार्थ और परिस्थिति की उतनी भूमिका नहीं होती। अगर सुख-दुख का पदार्थों से कोई लेना-देना होता तो एक ही पदार्थ से कभी सुख और कभी दुख का अनुभव नहीं होता। परिस्थितियों के संबंध में...