भोजन द्वारा करें अपने ग्रहों को बलवान–

नवग्रहों को STRONG करता है इस तरह का खाना  लेकिन जिन लोगों के ग्रह नीच के हो वह उस ग्रह के दिन उस चीज का सेवन ना करें तो बेहतर होगा

सूर्य- रवि की अनुकूलता के लिए व्यक्ति को अपने आहार में केसर, गेहूं, आम सहजन की फली, चिकने पदार्थ तथा शहद का उपयोग अवश्य करना चाहिए।

चन्द्रमा- यह मानसिक शांति से संबंधित है। चंद्रमा की अनुकूलता के लिए गन्ना, सफेद गुड़ या चीनी, दूध अथवा दूध के बने पदार्थ, नमक, आइसक्रीम तथा मिठाइयों को अपने आहार में निश्चित ही शामिल करना चाहिए। 

मंगल- मंगल की पीड़ा को कम करने के लिए जातक को अपने आहार में मूंग व मूंग की दाल, प्याज, चाय, गुड़, मसूर की दाल, अनार, कॉफी, कोको, लाल सरसों, जौ तथा घी का उपयोग करना चाहिए। 

बुध- बुध को इलायची सर्वाधिक प्रिय है। मटर, ज्वार, मोठ,  हरी दालें, अमरूद व हरी सब्जियां बुध की प्रसन्नता के लिए आहार में ग्रहण करने चाहिए।

बृहस्पति- बृहस्पति की कृपा के लिए आहार में चना, चना दाल, बेसन, मक्का, केला, हल्दी, सेंधा नमक, पीली दालें तथा फलों को शामिल करना चाहिए।

शुक्र- जब शुक्र का प्रभाव कुंडली पर कम होता है, विवाह जल्दी नहीं हो पाता। शुक्र के कुप्रभाव के कारण ही दांपत्य जीवन भी सुखद नहीं होता। त्रिफला, दालचीनी, खुरमानी, कमल गट्टे, मिश्री, मूली तथा सफेद शलगम का उपयोग आहार में करते रहने से शुक्र प्रसन्न होते हैं। 

शनि-  शनि की कृपा प्राप्त करने के लिए तिल, उड़द, काली मिर्च, अलसी एवं मूंगफली का तेल, अचार, लौंग, तेजपत्ता तथा काले नमक का उपयोग आहार में करना चाहिए।

राहू-केतु – राहू तथा केतु की पीड़ा से बचने के लिए उड़द, तिल तथा सरसों का प्रयोग लाभदायक होता है।

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