आजकल परफ्यूम, इत्र, डीओ आदि की गिनती उन चीज़ों में की जाती है जिसके बिना आज कल के युवा पीढ़ी का रहना मुश्किल हो गया है। परंतु क्या आप जानते हैं कि इसका हिंदू व ज्योतिष शास्त्र में उपयोग अधिक लाभदायक बताया गया है।
जी हां, हिंदू धर्म व ज्योतिष शास्त्र में सुगंध व खुशबू का बहुत महत्व माना गया है। इसके मुताबिक सुगंध का संबंध शुक्र ग्रह से होता है। इसका अर्थात से हुआ कि शुक्र ग्रह को खुशबू से प्रसन्न किया जा सकता है। और अब ये तो किसी को बताने की ज़रूरत नहीं होगी कि अगर शुक्र ग्रह प्रसन्न हो तो शुक्र ग्रह का शुभ प्रभाव तो पड़ता ही है साथ ही देवी लक्ष्मी की भी कृपा प्राप्त होती है। तो आइए देर न करते हुए जानते हैं इससे जुड़े कुछ खास उपाय-
ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री जी ने बताया कि हिन्दू धर्म और ज्योतिष में सुगंध या खुशबू का बहुत महत्व माना गया है। कहते हैं कि सुगंध का संबंध शुक्र ग्रह से है और यदि शुक्र ग्रह उत्तम होता है तो लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। आईए जानते हैं कि सुगंध से कैसे धन लाभ प्राप्त किया जा सकता है-
जानिए सुगंध के लाभ
सुगंध के चमत्कार से प्राचीनकाल के लोग परिचित थे तभी तो वे घर और मंदिर आदि जगहों पर सुगंध का विस्तार करते थे। यज्ञ करने से भी सुगंधित वातावरण निर्मित होता है। पण्डित दयानन्द शास्त्री जी के अनुसार सुगंध के सही प्रयोग से एकाग्रता बढ़ाई जा सकती है। सुगंध से स्नायु तंत्र और डिप्रेशन जैसी बीमारियों को दूर किया जा सकता है। जानिए सुगंध का सही प्रयोग कैसे करें और साथ ही जानिए सुगंध का जीवन में महत्व। मनुष्य का मन चलता है शरीर के चक्रों से। इन चक्रों पर रंग, सुगंध और शब्द (मंत्र) का गहरा असर होता है। यदि मन की अलग-अलग अवस्थाओं के हिसाब से सुगंध का प्रयोग किया जाए तो तमाम मानसिक समस्याओं को दूर किया जा सकता है।
यह रखें सावधानी
ध्यान रहे कि परंपरागत सुगंध को छोड़कर अन्य किसी रासायनिक तरीके से विकसित हुई सुगंध आपकी सेहत और घर के वातावरण को नुकसान पहुंचा सकती है। अपने को अच्छा महसूस करवाने के लिए लोग अक्सर इत्र का प्रयोग करते हैं। घर के सभी कमरों में सुगंध का अच्छे से प्रयोग करें। इसके लिए स्प्रे करें या धूपबत्ती से सुगंधित वातावरण बनाएं। संभव हो तो हर दिन बदल बदल कर सुगंध का प्रयोग करें।
परफ्यूम के इस्तेमाल से आप हमेशा अच्छा महसूस करने के साथ ही एक फ्रेशनेस का एहसास भी करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि इन खुशबुओं के अनुसार तंत्र में वशीकरण को संभव माना गया है। इत्र की खुशबू परलौकिक शक्तियों, देवी और देवताओं को भी आर्कषित कर सकता हैं।
आइये जानते है इत्र से जुड़े कुछ फायदे
यदि आप अपने कार्यालय या ऑफिस में लोगों पर प्रभाव डालना चाहते हैं तो मोगरा, रातरानी और चंदन का इत्र प्रयोग करें । ऑफिस में आपसे सब खुश रहेंगे। मंदिर में चंदन, कपूर, चंपा, गुलाब, केवड़ा, केसर और चमेंली को इत्र भेंट करने या लगाने से देवी और देवता प्रसंन होते हैं।
खुशबू/इत्र द्वारा कैसे करें ग्रहों को प्रसन्न
जानिए कैसे करें नवग्रहों को सुगंध से प्रसन्न करें, हर ग्रह को है कोई खास सुगंध पसंद…
यदि आपको लगता है कि कोई ग्रह या नक्षत्र आपकी जिंदगी में परेशानी खड़ी कर रहा है तो आप सुगंध से इन ग्रह नक्षत्रों के बुरे प्रभाव को दूर कर सकते हैं। तो जानिए कि कैसे सुगंध से ग्रहों की शांति की जा सकती है।
- सूर्य ग्रह : यदि आपकी कुंडली में सूर्य ग्रह बुरे प्रभाव दे रहा है तो आप केसर या गुलाब की सुगंध का उपयोग करें। घर के लिए रूम फ्रेशनर लाएं और शरीर के लिए इस सुगंध का कोई इत्र उपयोग करें।
- चंद्र ग्रह : चंद्रमा मन का कारण है अत: इसके लिए चमेली और रातरानी के इत्र का उपयोग कर सकते हैं।
मंगल ग्रह : मंगल ग्रह की परेशान से मुक्त होने के लिए लाल चंदन का इत्र, तेल अथवा सुगंध का उपयोग कर सकते हैं। - बुध ग्रह : बुध ग्रह की शांति के लिए चंपा का इत्र तथा तेल का प्रयोग बुध की दृष्टि से उत्तम है।अगर आपका जन्म बुधवार या बुध के नक्षत्र में हुआ है तो बुधवार को चमेली का तेल या चमेली का इत्र को पीपल के पेड़ पर छिड़के। इससे इस नक्षत्र के लोगो को लाभ जरूर होगा।
बुध नक्षत्र में जन्मे जातक हेतु
यदि आपका जन्म बुधवार या बुध नक्षत्र को हुआ है तो आप बुधवार के दिन चमेली का तेल या चमेली के इत्र को पीपल के पेड़ पर छिड़के। इससे इस नक्षत्र के लोगों को निश्चित रूप से लाभ मिलेगा।
गुरु ग्रह : केसर और केवड़े का इत्र के उपयोग के अलावा पीले फूलों की सुगंध से गुरु की कृपा पाई जा सकती है।
शुक्र ग्रह की शुभता के लिए
शुक्र को जगाने के लिए आचरण की शुद्धि अत्यंत आवश्यक है। जातक या जातिका को परफ्यूम या इत्र का प्रयोग करना चाहिए। इसके आलाव जब भी समय मिले शुक्ल पक्ष के शुक्रवार को माता लक्ष्मी को इत्र एवं श्रृंगार की वस्तुएं भेट करें। इस उपाय से पति पत्नीं के बीच जहां प्रेम बढ़ेगा वहीं घर में धन एवं समृद्धि भी बरकरार रहेगी। शुक्र ग्रह को सुधारने के लिए सफेद फूल, चंदन और कपूर की सुगंध लाभकारी होती है। चंपा, चमेली और गुलाब की तीक्ष्ण खुशबू से खराब हो जाता है।
शनि ग्रह : शनि के खराब प्रभाव को अच्छे प्रभाव में बदलने के लिए कस्तुरी, लोबान तथा सौंफ की सुगंध का उपयोग कर सकते हैं।
राहु और केतु छाया ग्रह : काली गाय का घी व कस्तुरी के इत्र का उपयोग कर राहु ग्रह के दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है। यही यह कहीं से उपलब्ध न हो तो घर के शौचालय को साफ सुधरा रख कर घर में प्रतिदिन कर्पूर जलाएं। गुड़ और घी को मिलाकर उसे कंडे पर जलाएं।
रोजगार में वृद्धि हेतु :
- दीपावली पर महालक्ष्मीजी की पूजा के समय मां को एक इत्र की शीशी चढ़ाएं। उसमें से एक फुलेल लेकर मां को अर्पित करें। फिर पूजा के पश्चात् उसी शीशी में से थोड़ा इत्र स्वयं को लगा लें। इसके बाद रोजाना इसी इत्र में से थोड़ा-सा लगा कर कार्य स्थल पर जाएं तो रोजगार में वृद्धि होने लगती है।
- रोज़ाना घर से निकलने वक्त अपनी नाभि में चंदन, गुलाब व मोगरे का इत्र लगाएं, इससे संपन्नता और वैभव बढ़ता जाएगा। इसके अलावा चाहें तो वस्त्रों भी सुगंध का उपयोग करना चाहिए।
- पण्डित दयानन्द शास्त्री जी ने बताया कि यदि आप चाहते है कि आपका पर्स हमेशा नोटो से भरा रहे तो भूरे रंग के पर्स में दस रुपए के दो और .. रुपए के दो नोटों पर चंदन का इत्र लगाकर रखें। भूरे रंग के पर्स में किन्ही चार नोटो पर चंदन का इत्र लगाकर रखने से आपका पर्श हमेशा पैसों से भरा रहेगा लेकिन ध्यान रहें कि इन नोटो को खर्च न करें।
- अगर पति और पत्नी अपने बीच प्रेम के साथ ही घर में धन व समृद्धि को बढ़ाना चाहते है तो शुक्ल पक्ष की शुक्रवार को माता लक्ष्मी को श्रृंगार के सामान के साथ इत्र भेट करें।
- इसके अलावा तिज़ोरी में सुगंधित दृव्य या इत्र, परफ्यूम आदि नहीं रखने चाहिए लेकिन चंदन का उपयोग कर सकते हैं।
- सफेद कपड़े पहनकर किसी भी देव-स्थल पर लाल गुलाब व चमेली का इत्र चढ़ाने से प्रेम विवाह में आ रही बाधाएं दूर होंगी।अगर आपको अचानक से धन का नुकसान हो रहा है तो सात शुक्रवार को अपने पत्नी के माध्यम से सुहागिनों को लाल वस्तु उपहार दें। इसके साथ ही उपहार में इत्र जरूर दें। इससे तुरंत लाभ होगा।
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 2. मंगलवार तक हनुमान जी को चमेली का तेल, केवड़े का इत्र और 5 गुलाब के फूल चढ़ाएं।
- इसके अलावा घर के अंदर या आसपास सुगंधित पौधे या वृक्ष भी लगा सकते हैं।