ऋण मुक्ति एवं लक्ष्मी प्राप्ति के लिए उपाय..
आइये जाने कब होगी ऋण मुक्ति—-(गोचरवश)

कर्ज लेने की आदत व्यक्ति को परमुखापेक्षी बना देती है। अगर आप भी कर्ज के बोझ तले दबे हैं, तो चिंतित न हों। शास्त्रों में इसके उपायों की व्याख्या दी हुई है।

जरूरत पडने पर हम प्राय: कर्ज लेते हैं। कर्ज जल्दी से जल्दी चुक जाए, इसके लिए हम प्रयासरत भी रहते हैं। ज्योतिष के सिद्धांत अनुसार व्यक्ति को ऋण मुक्ति तब मिलती है, जब ग्रह दशा अनुकूल होती है। 

– मंगलवार को लिया गया कर्ज स्थाई हो जाता है इसलिए न तो इस दिन कर्ज लें और न ही कर्ज के लिए बैंक आदि में आवेदन करें।

– बुधवार को दिए गए कर्ज का पैसा कठिनाई से वापस होता है। बुधवार के दिन न कर्जा लें और न कर्ज दें।

– मंगल की दशा-अंतर्दशा-प्रत्यंतर दशा में ऋण न लें।

– घर का नैऋत्य कोण (दक्षिण-पश्चिम) ऊंचा रखें, तथा ईशान कोण (पूर्व-उत्तर) नीचा रखें।

– रविवार के योग में हस्त नक्षत्र या अमृतसिद्धि योग आने पर कर्ज न लें।

– अथर्ववेद के छठवें कांड के .17, 118, 119 इन तीन सूक्तों का नियमित पाठ करने या करवाने से ऋण मुक्ति होती है।

– “मंगलो भूमिपुत्रश्च ऋणहर्ता धनप्रद।
स्थिरासनो महाकाय: सर्वकामविरोधक:।।”
– इस मंत्र की नित्य एक माला प्रात: जपने से ऋण मुक्ति होती है। यह जप दीपक की साक्षी में होना चाहिए।

– अशोक का वृक्ष तथा नर-मादा केले का वृक्ष ऋण मुक्ति देते हैं। अत: इन्हें लगाकर इनकी नियमित देखभाल करनी चाहिए।

– ऋणमोचक मंगल स्तोत्र तथा ऋणहत्ताü गणेश स्तोत्र का भी विधि विधान पूर्वक किया गया पाठ ऋण मुक्ति कारक होता है।

– जब आप कर्ज उतारने में सक्षम हो जाएं तब कर्ज की प्रथम किश्त शुक्ल पक्ष के मंगलवार को देना ठीक रहता है।

– रविवार को हस्त नक्षत्र या अमृतसिद्धि योग घटित होने पर कर्ज चुकाना अतिशुभ होता है।

ऋण मुक्ति एवं लक्ष्मी प्राप्ति के लिए श्री गणपति का विशेष मंत्र—–

विधि- श्री गणपति जी का विशेष रूप से दिवाली और अंगारकी चतुर्थी के दिन नित्य कर्म से निवृत हो कर धुप दीप से पूजन कर के इस मन्त्र का १० हजार की संख्या में रुद्राक्ष की माला या मूंगे की माला से जप कर के हवन करें और इस मंत्र की १०८ आहुतियाँ दें प्रदक्षिणा ,आरती, दक्षिणा, मंत्र पुष्पाजंलि प्रणाम आदि कर के २१ लड्डुओं का भोग लगावें इस के पश्चात १०८ बार इस मंत्र को दोबारा जप करें , ध्यान रहे श्री गणपति को सिंदूर व् दूर्वा जरुर चढाये और पूजन करें स्वयं भी लड्डुओं का प्रशाद ग्रहण करें
हवन सामग्री – हवन में केवल पलाश की समिधा का ही प्रयोग करें, गूगल ,१०१ रक्त करबीर पुष्प एवं १०१ लड्डू का चूरमा, ये तीनों वस्तुए एकत्रित कर इस मंत्र से १०८ आहुति दे, जप पूजन के समय दीप जलता रहना चाहिए, पूर्णाहुति सुपारी से देना शुभ होगा, इस विधि से तीन पुरश्चरण करने पर व्यक्ति कितना भी ऋण ग्रस्त क्यूँ ना हो ऋण से मुक्ति प्राप्त कर लेता है तृतीय पुरश्चरण के बाद धन का आगमन उसी तरह से निश्चित है जिस तरह से सूर्य का प्रातकाल उदय होना, इसके पश्चात श्री गणेश सहस्रनाम का पाठ करना विशेष लाभप्रद होता है

मंत्र – ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं चिरचिर गणपतिवर वर देयं मम वाँछितार्थ कुरु कुरु स्वाहा ।


आइये जाने कब होगी ऋण मुक्ति—-

जरूरत पडने पर हम प्राय: कर्ज लेते हैं। कर्ज जल्दी से जल्दी चुक जाए, इसके लिए हम प्रयासरत भी रहते हैं। ज्योतिष के सिद्धांत अनुसार व्यक्ति को ऋण मुक्ति तब मिलती है, जब ग्रह दशा अनुकूल होती है। द्वादश राशियों के अनुसार ऋण मुक्ति कब संभव है आइए इस पर विचार करें।

मेष राशि:– जब भी आकाश में मंगल- मकर या मेष राशि में अथवा मिथुन, कन्या, कुंभ राशि में, गुरू मेष, सिंह, तुला या धनु राशि में, सूर्य- मिथुन, कन्या, कुंभ में अथवा राहु-मिथुन, कन्या, कुंभ राशि में आता है, तब कर्ज से मुक्ति मिलती है।

वृषभ राशि:— गोचरवश जब भी शनि-कुंभ, मीन, कर्क में, गुरू वृष, कन्या, वृश्चिक में, शुक्र-मीन में और राहु-कर्क, तुला, मीन राशि में या सूर्य-कर्क अथवा मीन राशि में आएगा तो कर्ज चुकेगा।

मिथुन राशि:— शनि-सिंह या मेष राशि में, गुरू-मिथुन, तुला या कुंभ राशि में, शुक्र- मीन राशि में, राहु-सिंह, वृश्चिक या मेष राशि में, बुध-मिथुन, कन्या में या सूर्य-सिंह मेष राशि में आता है, तब कर्ज चुकता है।

कर्क राशि:— जब भी शनि-कन्या, वृष राशि में आए, गुरू-कर्क, वृश्चिक, मीन में, राहु-कन्या, वृश्चिक, वृष, मिथुन में, चंद्रमा-कर्क, वृष, मीन में, सूर्य व मंगल- वृष, कन्या राशि में आए, तो कर्ज मुक्ति के योग बनते हैं।

सिंह राशि:— गोचरवश जब भी शनि-तुला, मिथुन राशि में, गुरू-सिंह, धनु या मेष राशि में, राहु तुला, मकर या मिथुन राशि में, गुरू-सिंह, धुन, मेष राशि में, राहु-तुला, मकर, मिथुन राशि में, सूर्य-सिंह, धनु, मेष, मिथुन राशि में, मंगल मिथुन राशि में आए, तो कर्ज चुकेगा।

कन्या राशि:— शनि जब वृश्चिक या कर्क राशि में, गुरू-कन्या, मीन, वृष राशि में, राहु-वृश्चिक, कुंभ, कर्क राशि में, सूर्य-वृश्चिक, कर्क राशि में, बुध-कन्या, मिथुन राशि में आए, तो कर्ज चुकता है।

तुला राशि:—- गोचरवश जब भी शनि, मकर, सिंह, धनु राशि में, गुरू-तुला, मिथुन राशि में, राहु-धनु, मीन, सिंह राशि में, सूर्य-धनु, सिंह राशि में या शुक्र-कुंभ, तुला राशि में आए, तो कर्ज से मुक्ति मिलेगी।

वृश्चिक राशि:— आकाश में गोचरवश शनि- मकर, कन्या राशि में या गुरू-वृश्चिक मीन, कर्क में, राहु-मकर, मेष, कन्या में, सूर्य-मकर, कन्या राशि में, मंगल- मकर, वृश्चिक, मीन राशि में आए, तो कर्ज चुकेगा।

धनु राशि:— जब भी आकाश में गोचरवश शनि-कुंभ, तुला राशि में, गुरू-धनु, मीन, सिंह, मेष राशि में, राहु- कुंभ, वृष, तुला राशि में या सूर्य- मंगल कुंभ, तुला राशि में आए, तो कर्ज चुकेगा।

मकर राशि:— शनि-तुला मकर, वृश्चिक, मीन या कुंभ राशि में, गुरू-वृष, कर्क, कन्या राशि में, राहु-मीन, वृश्चिक, मिथुन राशि में या सूर्य-मंगल-मीन वृश्चिक राशि में आए तो कर्ज चुकने के योग बनते हैं।

कुंभ राशि:— गोचरवश शनि- मेष तुला, कुंभ या मकर राशि में, गुरू- कुंभ मिथुन, तुला राशि में, राहु-मेष, कर्क, धनु राशि में या सूर्य मंगल-मेष, धनु राशि में आए तो कर्ज चुकेगा।

मीन राशि:— जब भी आकाश में गोचरवश शनि-मकर, कुंभ, वृष राशि में, गुरू-मीन, कर्क, वृश्चिक या धनु राशि में, राहु- वृष, सिंह या मकर राशि में, सूर्य व मंगल- वृष या मकर राशि में आए, तो कर्ज चुकेगा।………..

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