रामनवमी क्या, क्यों (महत्व) और कब ..20 में ??

प्रिय पाठकों/मित्रों, हिन्दुओं के प्रमुख त्यौहारों में से एक है रामनवमी का पवित्र और पावन पर्व. चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की नवमी को भारतवर्ष में हिंदू संप्रदाय राम के जन्मदिन यानि की रामनवमी के रुप में मनाता है. रामनवमी का त्यौहार चैत्र शुक्ल की नवमी को मनाया जाता है, इस पर्व को सच्ची श्रद्धा के साथ मनाया जाता है, देशभर में इस त्यौहार को लोग अपने-अपने तरीके से मनाते हैं ।

अधर्म के नाश के लिये भगवान विष्णु के धरती पर राम और कृष्ण के मानव रुप में अवतार लेकर संसार को अधर्म और पाप से मुक्त करने की अमर कथा है। एक और जहां आज भी मर्यादा, और आज्ञापालन के लिये भगवान राम की मिसाल दी जाती है तो वहीं कर्तव्यपरायणता के लिये भगवान श्री कृष्ण का उपदेश मार्गदर्शन करता है। रामायण को लिखकर जहां भगवान राम का गुणगान करते ही महर्षि वाल्मिकी अमर हुए वहीं भगवान राम के चरित्र को रामचरित मानस के जरिये तुलसी दास ने रामलला के चरित को घर-घर पंहुचा दिया।

भारत के दक्षिण क्षेत्र में स्थित हिंदू धर्म के लोग आमतौर पर कल्याणोत्सव का पालन करते हैं, इसका अर्थ है भगवान राम का विवाह समारोह। वे नवमी के दिन अपने परिवारों में राम और सीता नामक हिंदू देवताओं की मूर्ति के साथ मनाते हैं। वे राम नवमी का जश्न मनाने के लिए दिन के अंत में देवताओं की मूर्तियों की सड़कों पर जुलूस लेते हैं। यह विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग नामों से मनाया जाता है जैसे कि महाराष्ट्र में इसे चैत्र नवरात्रि नाम से मनाया जाता है, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक या तमिलनाडु में इसे वसिंथोथसाव और आदि नाम से मनाया जाता है।

मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में रामनवमी मनाई जाती है जो कि भगवान विष्णु के 7वें अवतार थे। प्रत्येक साल हिन्दू कैंलेडर के अनुसार चैत्र मास की नवमी तिथि को श्रीराम नवमी के रूप मनाया जाता है।शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान श्री राम का जन्म हुआ था। राम नवमी का पर्व चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है। जिनके पिता अयोध्या के राजा दशरथ और माता रानी कौशल्या थी। भगवान श्री राम को विष्णु जी के 7 वें अवतार के रूप में जाना जाता है। इस दिन को चैत्र मास शुक्लपक्ष नवमी भी कहा जाता है। जो की वसंत नवरात्री का नौवां दिन होता है।

चैत्र मास की प्रतिपदा से लेकर नवमी तक नवरात्रि भी मनाई जाती है। इन दिनों कई लोग उपवास भी रखते हैं।

 बता दें कि चैत्र मास की प्रतिपदा से लेकर नवमी तक चैत्र नवरात्रि मनाई जाती है. नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. नौ दिन के चैत्र नवरात्रि उत्सव का अंतिम दिन राम नवमी है. इस पर्व को लोग भगवान राम जन्म की खुशी के रूप में मनाते हैं, इस दिन भक्त रामायण का पाठ भी करते हैं।

रामनवमी का दिन उन सभी के लिए बेहद शुभ दिन माना जाता है जो हिंदू धर्म में आस्था रखते हैं. बता दें कि इस दिन को लेकर ऐसा माना जाता है कि बिना किसी मुहूर्त के सभी प्रकार के मांगलिक कार्य इस दिन संपन्न किए जा सकते हैं ।

पारिवार की सुख-शांति और समृद्धि के लिए इस दिन व्रत रखा जाता है. पूजा थाली में रोली, ऐपन, चावल, स्वच्छ जल, फूल, घंटी, शंख आदि रखें. भगवान राम और माता सीता व लक्ष्मण की मूर्तियों पर जल, रोली और ऐपन अर्पित करें और इसके बाद मुट्ठी भरकर चावल चढाएं ।

इसके बाद भगवान राम की आरती, रामचालीसा या राम स्त्रोतम का पाठ जरूर करें. भगवान राम की आरती करने के बाद पवित्र जल को आरती में सम्मिलत सभी भक्तों पर छिड़कें. रामनवमी वाले दिन आर्थिक क्षमता के मुताबिक, दान-पुण्य भी जरूर करना चाहिए. ध्यान दें कि जो भी व्यक्ति इस दिन व्रत रखता है उसे सुबह जल्दी उठकर घर की साफ सफाई कर स्नानादि के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए।
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यह रहेगा रामनवमी 2020 हेतु शुभ पूजन मुहुर्त–

रामनवमी पूजा मुहूर्त – सुबह .1 बजकर 10 मिनट से 1 बजकर .8 मिनट तक (3 अप्रैल 2020)

नवमी तिथि आरंभ – दोपहर 3 बजकर 39 मिनट से (2 अप्रैल 2020)

नवमी तिथि समाप्त – अगले दिन दोपहर 2 बजकर 42 मिनट तक (3 अप्रैल 2020)
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****** भगवान श्री राम का जन्म विवरण(कुण्डली)—

माना जाता है कि भगवान श्री राम का जन्म चैत्र महीने की शुक्ल पक्ष की नवमी को अयोध्या में हुआ। अगस्त्यसंहिता के अनुसार श्री राम का जन्म दिन के 12 बजे हुआ था इस समय पुनर्वसु नक्षत्र व कर्क लग्न था। इस समय ग्रहों की दशा के अनुसार भगवान राम ने मेष राशि में जन्म लिया जिस पर सूर्य एवं अन्य पांच ग्रहों की शुभ दृष्टि पड़ रही थी। माता कौशल्या की कोख से जन्म लेने पर भगवान विष्णु के मानव अवतार लेने पर इस जन्मोत्सव का आनंद देवताओं, ऋषियों, किन्नरों, चारणों सहित अयोध्या नगरी की समस्त जनता ले रही थी। इतना ही नहीं यह भी माना जाता है कि गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरित मानस की रचना भी रामनवमी के दिन ही शुरु की थी। राम जन्मभूमि अयोध्या में तो राम जन्म का यह उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन यहां मेलों का आयोजन भी होता है।
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**** यह हैं रामनवमी महत्व–

रामनवमी पर्व देशभर में श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है. इस पर्व के दिन ही चैत्र नवरात्र भी समाप्त होते हैं. शास्त्रों के मुताबिक, इस दिन का विशेष महत्व इसलिए है क्योंकि ऐसा माना गया है कि इसी दिन भगवान श्रीराम जी का जन्म हुआ था. ध्यान रखें कि पूजा में तुलसी पत्ता और कमल का फूल जरूर होना चाहिए ।

हिंदू संस्कृति में रामनवमी बहुत ही पवित्र दिन माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन विशेष पूजा-अर्चना करने और दान करने से काफी पुण्य की प्राप्ति होती है। रामनवमी के दिन भगवान श्रीराम की पूजा-अर्चना करने से विशेष पुण्य मिलता है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था, इसीलिए इस दिन पूरे समय पवित्र मुहूर्त होता है। लिहाजा, इस दिन नए घर, दुकान या प्रतिष्ठान में प्रवेश करना काफी शुभ होता है।

रामनवमी का दिन भगवान राम की स्मृति को समर्पित है। राम सदाचार के प्रतीक हैं, और इन्हें मर्यादा पुरूषोतम कहा जाता है। रामनवमी को राम के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। राम को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है, जो पृथ्वी पर अजेय रावण से युद्ध ल़डने के लिए आए।

राम राज्य शांति व समृद्धि की अवधि का पर्यायवाची बन गया है। भारत में राम संस्कृति पुरूष के तौर पर स्वीकारे जाते हैं। वाल्मिकी रामायण से लेकर तुलसीकृत रामचरित मानस और उसके बाद भी अलग-अलग तरह से राम का चरित्र चित्रण किया गया है। राम भारतीय संस्कृति के आदर्श पुरूष के तौर पर स्थापित हैं। ये हमारी आस्था और परंपरा के प्रतीक हैं। राम का जन्म पृथ्वी पर असुरों के नाश के उद्देश्य से हुआ है। जब पृथ्वी पर हर तरफ संघर्ष और भय का राज्य था, तभी राम के जन्म की जरूरत महसूस हुई थी। 
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****** रामनवमी व्रत व पूजा विधि—

हिंदू धर्म में आस्था रखने वालों के रामनवमी बहुत ही शुभ दिन होता है। माना जाता है कि सभी प्रकार के मांगलिक कार्य इस दिन बिना मुहूर्त विचार किये भी संपन्न किये जा सकते हैं। रामनवमी पर पारिवारिक सुख शांति और समृद्धि के लिये व्रत भी रखा जाता है। रामनवमी पर पूजा के लिये पूजा सामग्री में रोली, ऐपन, चावल, स्वच्छ जल, फूल, घंटी, शंख आदि लिया जा सकता है। भगवान राम और माता सीता व लक्ष्मण की मूर्तियों पर जल, रोली अर्पित करें तत्पश्चात मुट्ठी भरकर चावल चढायें। फिर भगवान राम की आरती, रामचालीसा या राम स्त्रोतम का पाठ करें। आरती के बाद पवित्र जल को आरती में सम्मिलत सभी जनों पर छिड़कें। अपनी आर्थिक क्षमता व श्रद्धानुसार दान-पुण्य भी अवश्य करना चाहिये। रामनवमी के दिन उपवास रखने वाले व्यक्ति को सुबह जल्दी उठकर घर की साफ सफाई कर स्नानादि के बाद व्रत का संकल्प करना चाहिये। जिस समय व्रत कथा सुनें उस समय हाथ में गेंहू या बाजरा आदि अन्न के दाने रखें। घर, पूजाघर या मंदिर को ध्वजा, पताका, बंदनवार आदि से सजाया भी जा सकता है।
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****** जानिए क्या करें इस रामनवमी पर अपनी राशिनुसार  विभिन्न राशि के जातक —

दिन विशेष पर श्रीराम व हनुमान आराधना से उक्त राशि के जातकों को शत्रु शमन, उच्च पद की प्राप्ति, मानसिक शांति, नेतृत्व क्षमता, मनोबल में वृद्घि, संबंधों में मधुरता तथा प्रगति के अवसरों की प्राप्ति के साथ समय की अनुकूलता प्राप्त होगी।

मंगल प्रभावित (मेष ओर वृश्चिक) राशि वाले- श्रीराम रक्षा स्त्रोत या श्री राम चंद्राष्टकम का पाठ करें । 

शुक्र प्रभावित (वृषभ ओर तुला) राशि वाले श्रीराम स्तुति या श्री राम प्रेमाष्टकम का पाठ करें। 

बुध प्रभावित (मिथुन- कन्या-धनु) राशि वाले इंद्रकृत रामस्त्रोत या श्री राम मंगलाशनम अथवा जतायुकृत श्री राम रक्षा स्त्रोत का पाठ करें । 

चन्द्र प्रभावित (कर्क) राशि वाले श्रीरामाष्टक का पाठ करें । 

सूर्य प्रभावित (सिंह राशि) जातक श्रीसीता रामाष्ट्‌कम का पाठ करें । 
 
शनि प्रभावित (मकर-कुम्भ) राशि वाले आदित्य हृदय स्त्रोत के साथ श्री रामरक्षा स्त्रोत कवच या सुंदरकांड के साथ श्रीराम रक्षा कवच का पाठ करें। 

देवगुरू वृहस्पति (मीन राशि) प्रभावित जातक इस दिन अयोध्याकांड के साथ बाल कांड का पाठ करें।
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****** जानिए (क्या होगा) -किस राशि वालों के लिए अशुभ फल देगी यह नवरात्रि—

मेष- इस राशि के लोगों का नवरात्रें बहुत मौज- मस्ती में बीतेगा. आपके घर में कोई मांगलिक कार्य का आयोजन हो सकता है. आपको नए आभूषण और वस्त्रों की प्राप्ति हो सकती है.साथ ही नए काम की योजना भी बन सकती है. कहीं बाहर जाने के योग बन रहें हैं. आप कोई नया काम शुरु कर सकते हैं आपको इसमें लाभ ही लाभ होगा. पार्टनर के साथ समय बहुत अच्छा बीतेगा. आपका शुभ रंग पीला और सफेद है. शुभ दिन सोमवार, गुरुवार है.

वृषभ- आपको अचानक से धन की प्राप्ति हो सकती है. रूके हुए पैसे मिलने के भी योग बन रहे हैं. आप किसी धनी व्यक्ति से संपर्क में आ सकते है, जिनके साथ आप अपने काम की शुरुआत कर सकते हैं. इसे आपको भविष्य में बहुत लाभ होगा. हो सकें तो फिल्म या कला जगत में निवेश करें, फायदा होगा. अपने पार्टनर को कई उपहार लेकर दें. इससे संबंधों में मधुरता आएगी. आपका शुभ रंग- लाल, जामुनी है. शुभ दिन- मंगलवार, शुक्रवार है.

मिथुन- जिस व्यक्ति की शादी नहीं हुई है, उनके विवाह के योग बन रहें हैं.साथ ही मन चाहा जीवनसाथी मिलेगा.आपके घर में मांगलिक कार्यक्रम होगा. माता और बहन से संबंध मधुर बनाए रखें. घर का माहौल सुखद रहेगा. साझेदारी में नए काम की शुरुआत होगी. अपने मन की बात कहने में देर न करें. आपका शुभ रंग हरा, गुलाबी है और शुभ दिन शुक्रवार, रविवार है.

कर्क- आपके विदेश जाने के योग बन रहे हैं. जो कि आपके लिए फायदेमंद हो सकता है. आपको अपने रुके हुए पैसा मिलेगे. आप इस सप्ताह परिवार के साथ कहीं बाहर जा सकते हैं. घर में कोई शुभ समाचार आएगा. मांगलिक कार्यों में सप्ताह बीतेगा।. धार्मिक आयोजन भी हो सकता है. आपको अपने काम में तरकी मिल सकती हैं. आप अपने पार्टनर को लेकर कहीं घूमने जा सकते हैं. आपका शुभ रंग बैंगनी, नारंगी है. शुभ दिन- शनिवार, रविवार है.

सिंह- इस राशि के लोग हर बात को सोच-समझकर बोलें. ज्यादा लालच न करें, वरना मुसीबत में पड़ सकते हैं. नया काम शुरू कर रहे हैं तो सारी चीजें अच्छे से जांचने के बाद ही आगे बढ़ें, वरना नुकसान भी हो सकता है. किसी पर भी आंख मूंदकर विश्वास करने की अपनी ये आदत को बदलें. आपका शुभ रंग- हल्का नीला, लाल है. शुभ दिन- मंगलवार, बुधवार है.

कन्या- आपने जैसा सोच रखा था, सब उसका उल्टा ही होगा. आप परेशानियों से घिरे रह सकते हैं. ज्यादा वाद-विवाद से बचें, आपकी किसी से लड़ाई हो सकती है. जो आपको जेल के चक्कर भी लगवा सकती है. बड़े महत्वपूर्ण निर्णय नहीं लें और अच्छे समय आने के लिए थोड़ा इंतजार करें. आप काम की तरफ ध्यान दें लापरवाही ना बरतें वरना आप पर किसी तहह का इल्जाम भी लग सकता है. आपकी पार्टनर के साथ लड़ाई हो सकती है और दोनों के बीच विचारों में मतभेद रहेगा. शुभ रंग- गुलाबी, जामुनी है. शुभ दिन- बुधवार, शनिवार है.

तुला- आपके हर तरह के काम पूरे होंगे. आपकी किसी प्रभावशाली व्यक्ति से मुलाकात हो सकती है, जिससे आपके काम आसान होंगे.राजनीति में भी आप दिलचस्पी लें सकते हैं. भविष्य की योजनाओं को आप आगे सुनिश्चित कर सकते हैं. इस सप्ताह आप अच्छे लोगों के संपर्क में आएंगे. साथ ही अपने पिता की सलाह को मानें जरूर मानें. आपका पार्टनर आपकी भावनाओं को समझेगा. आपका शुभ रंग- कत्थई, सुनहरा है. शुभ दिन- रविवार, गुरुवार है.

वृश्चिक- बहुत सारी जिम्मेदारियां निभाते हुए आप खुद को अकेला महसूस करेंगे. खुद के लिए भी समय निकालें, शांत मन से योजनाओं का बनाएं. दूसरे कार्यों की जिम्मेदारियां अभी न लें. अच्छे से सोच-समझकर प्रवेश करें. सहकर्मियों की सलाह पर विचार करें. आपको उनकी मदद मिलेगी. अपनी दिल की बात अपने पार्टनर को बताएं. आपका शुभ रंग पीला, नारंगी है. शुभ दिन- रविवार, शुक्रवार है.

धनु- आपको कोई किसी मामले में फंसा सकते हैं. इसलिए जब आपको ये अहसास हो कि आप कुछ बुरे लोगों के बीच फंसे हुए हैं तो उनका साथ छोड़ दें. हर किसी पर विश्वास न करें. नकारात्मक विचार आप पर हावी हो सकते हैं. नौकरी जा भी सकती है. अगर कोई नया निवेश किया है, तो उसमें नुकसान हो सकता है. आपका शुभ रंग- नीला, पीला है. शुभ दिन- बुधवार, शुक्रवार है.

मकर- आप किसी कानूनी केस में उलझ सकते हैं. भावनात्मक रूप से आप खूद को कमजोर महसूस करेंगे. किसी से धोखा भी मिल सकता है या किसी समस्या में भी आप फंस सकते हैं. वहीं घर में आपके पिता या बड़े भाई के साथ बहस हो सकता है. जीवन में व्यावहारिक होना जरूरी है, ये बात समझ लें. कोई भी समस्या थोड़े ही समय के लिए है. नौकरी में नया निवेश या नया बिजनेस न करें. अभी आपका समय सही नहीं है. पार्टनर से झगड़ा हो सकता है. अपनी वाणी पर काबू रखें. शुभ रंग- स्लेटी, सफेद है. शुभ दिन- सोमवार, शुक्रवार है.

कुंभ- आपको नवरात्रि में अचानक धन की प्राप्ति होगी. अगर पुश्तैनी जमीन पर कोर्ट में कोई मामला चल रहा है, तो हो सकता है, इसका परिणाम भी आपके पक्ष में ही आएगा. इस सप्ताह विशेषकर ध्यान करना आपके लिए अच्छा रहेगा. किसी बड़े प्रोजेक्ट बिल्डिंग बनाने संबंधित कार्य में निवेश करना फायदेमंद रहेगा. पार्टनर के साथ समय अच्छा बीतेगा. शुभ रंग- जामुनी, पीला है. शुभ दिन- मंगलवार, गुरुवार है.

मीन- नवरात्रि में थोड़ा बचकर रहें, धोखा मिल सकता है. परिणाम मन के अनुरूप न मिलने से मन उदास रहेगा. आगे सोच-समझकर निर्णय लें. आपका किसी झूठे व्यक्ति से पाला भी पड़ सकता है. आप जिन पर भी विश्वास करते हैं, उन्हें को संदेह की दृष्टि से देख सकते हैं. किसी नए व्यक्ति के साथ कोई बिजनेस न करें. कोई भी काम सोच-समझकर करें. पार्टनर और आप के बीच दूरियां बढ़ सकती हैं. बात रिश्ता टूटने तक पहुंच सकती है. शुभ रंग- गुलाबी, आसमानी है. शुभ दिन- गुरुवार, शुक्रवार है.

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