जानिए जून ..20 महीने के दौरान ग्रह गोचर और प्रभाव :
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बुध ग्रह मिथुन राशि में : —
वर्तमान समय में बुध ग्रह का गोचर मिथुन राशि में है, पूरे जून महीने में बुध ग्रह मिथुन राशि में ही गोचर करेंगे । इस दौरान .8 जून से 12 जुलाई दरमियान वक्री रहेंगे, और 20 जून से 15 जुलाई दरमियान अस्त रहेंगे । 

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री जी ने बताया की बुध समझदारी के कारक है, व्यवसायक लेन देन के कारक हैं , किसी भी तरह की खरीद बेच हो उसके लाभ बुध ग्रह की प्रदान करते हैं, लेकिन बुध ग्रह के वक्री या अस्त होने की स्थिति में इन तत्वों की कमी आ जाती है, इस वजह से जिनकी जन्म कुण्डली में पहले से ही बुध ग्रह शुभ स्थिति में नहीं होता उनको बुध ग्रह के वक्री या अस्त समय काल में समस्या आने लगती है । इस नाते उन विशेष के लिए यही सलाह है कि धन से संबंधित महत्वपूर्ण कार्य 18 जून 2020 से पहले कर लें या फिर 15 जुलाई 2020 के बाद करें । बाकी बुध का रत्न इसी लिए धारण किया जाता है कि बुध के अस्त या वक्री समय में हम पर कोई दुष्प्रभाव ना पड़े , लेकिन अगर आप रत्न धारण नहीं किये हैं तो बुध ग्रह का मन्त्र जप ” ॐ बुम बुधाय नमः ” 18 जून से 15 जुलाई के समय दरम्यान करते रहें । विशेष रूप से जिनकी जन्म लग्न कुण्डली में मिथुन राशि 2, 6, 10, 11वे भाव में है उनको विशेष रूप से धन संबंधी विषयो में ध्यान देने की ज़रूरत है । 
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शुक्र ग्रह वृषभ राशि में गोचर : 
वर्तमान समय में शुक्र ग्रह वक्री हैं और अस्त भी हैं , शुक्र 9 जून 2020 को उदय होंगे, और 25 जून 2020 को मार्गी होंगे । इस तरह पूरे जून महीने में शुक्र का गोचर वृषभ राशि में रहेगा । शुक्र ग्रह किसी भी तरह की साँझीदारी के कारक हैं, चाहे वह व्यवसायक हो या प्रेमी , प्रेमिका या जीवनसाथी हो , इस नाते 25 जून 2020 तक किसी भी तरह की साँझीदारी की शुरुआत ना करें, रिश्ते जोड़ने की बात 25 जून तक ना करें , विशेष रूप से पुरूष महिला मित्रों से सावधानी रखें, खुद का व्यवहार अच्छा रखें , नहीं तो किसी महिला की वजह से परेशानी हो सकती है ।पण्डित दयानन्द शास्त्री जी के अनुसार जिनकी जन्म कुण्डली में शुक्र खराब है, और वृषभ राशि जन्म लग्न अनुसार ., 6, 8, 10, 12वे भाव में आती है, वह महिलाओं से सावधानी रखें , और किसी भी तरह के नए रिश्ते की शुरुआत 25 जून तक ना करें ।
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मंगल ग्रह का मीन राशि में गोचर–

वर्तमान समय में मंगल ग्रह का गोचर कुंभ राशि में है, 18 जून 2020 से मंगल मीन राशि में गोचर करेंगे । मीन राशि अलगाव की कारक है, खर्च की कारक है, मानहानि की कारक है, और यहां मंगल शनि की दृष्टि में भी रहेंगे, और मंगल क्रोध, झगड़े, मित्र, भाई, कार्यस्थल, तथा दुर्घटना के कारक हैं, इस वजह से 18 जून 2020 से अगले 30 दिन झगड़े, दुर्घटना, मानहानि , विवाद/अलगाव बढेंगे , विशेष रूप से जिनकी जन्म कुण्डली में मंगल की स्थिति खराब है, माने मंगल राहु की युति, मंगल केतु की युति, मंगल शनि की युति या दृष्टि संबंध है , उनके लिए यह समय परेशानी भरा हो सकता है ।

 विशेष कर जन्म लग्न से 4, 7, 8, 12वे भाव में मंगल का गोचर शुभता नहीं देता , इस लिए जिनकी भी जन्म लग्न अनुसार मीन राशि इन भावों में है वह विशेष रूप से वाणी पर संयम रखें, वाहन सावधानी से चलाएं और भाइयों तथा मित्रों से संबंध अच्छे रखें । उपाये के तौर पर गैस चूल्हे की सफाई ज़रूर करें खुद से । 
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सूर्य_ग्रह_राशि_परिवर्तन :
 वर्तमान समय में सूर्य का गोचर वृषभ राशि में है, 15 जून 2020 से सूर्य का गोचर मिथुन राशि में रहेगा अगले 30 दिन के लिए । यहां सूर्य राहु युति होने से सूर्य अशुभ हो जाएंगे, और जिनकी जन्म कुण्डली में सूर्य राहु, सूर्य केतु, सूर्य शनि युति या दृष्टि प्रभाव है उनको इस समय में विशेष कष्ट होगा, खास कर सूर्य प्रतिष्ठा से संबंधित हैं, पिता तथा सरकार से संबंधित हैं , इस वजह से नोकरी पेशा लोगों को बड़े अधिकारी लोगों से, पिता को पुत्र से तथा पुत्र को पिता की वजह से कष्ट होगा, विशेष रूप से सूर्य का गोचर जन्म लग्न अनुसार जिनके लिए 2, 4, 7, 8, 12वे भाव में होगा, उनको अधिकारी वर्ग से, सरकार से, पिता से परेशानी आने के योग बनेंगे, जिनके चतुर्थ भाव में गोचर होगा उनको कुछ स्वास्थ्य बाधा भी परेशान कर सकती है , इस लिए स्वास्थ्य का भी ध्यान रखें । उपाये के तौर पर घर के मुख्य द्वार की सफाई खुद से शनिवार के दिन करें, और पिता को रविवार के दिन खुद से चाय बना कर दें , या फिर रविवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करें ।
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पूर्णिमा_तिथि : 5 जून 2020 ( शुक्रवार) को जेष्ठ महीने की पूर्णिमा तिथि रहेगी । यह तिथि भगवान सत्यनारायण जी को समर्पित है, इस दिन किये गए व्रत, जप, दान, पूजन से बहुत लाभ होता है । खास कर जिनकी जन्म कुण्डली में चन्द्रमा और ब्रहस्पति खराब हों उनको इस दिन व्रत, जप, दान तथा पूजन करना चाहिए । इस बार 5 जून 2020 को चन्द्र ग्रहण भी है, इस लिए इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है । जिनकी जन्म कुण्डली में चन्द्र शनि की युति, चन्द्र राहु की युति, चन्द्र केतु की युति या दृष्टि संबंध, या फिर सूर्य चन्द्र युति , या फिर चन्द्रमा की स्थिति 6, 8, 12वे भाव में है उनको इस दिन किसी ब्राह्मण के सानिध्य में नदी नहर के पास बैठ कर चंद्र पूजन करना चाहिए, और फिर वस्त्र, भोजन, दक्षिणा जो भी संभव हो वह ब्राह्मण को दान करें । अगर आप ऐसा नहीं कर सकते तो घर में ही मन्त्र जप ” ॐ सोम सोमाय नमः ” का 1008 बार जप करें , और इस दिन दूध का दान किसी ब्राह्मण या गरीब ज़रूरतमंद को करें । 
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अमावस्या_तिथि :
 21 जून 2020 (रविवार) को आषाढ़ महीने की अमावस्या तिथि रहेगी । अमावस्या तिथि पितरों को समर्पित है, इस दिन किये गए जप, पूजन, दान, हवन पितरों को प्राप्त होते हैं, और फिर वह प्रसन्न होकर कुल परिवार पर कृपा दृष्टि बनाये रखते हैं । और इस बार 21 जून को सूर्य ग्रहण होने के नाते इस अमावस्या का महत्व और भी बढ़ जाता है, तो जिनकी भी जन्म कुण्डली में सूर्य राहु युति, सूर्य केतु युति, सूर्य शनि युति या दृष्टि संबंध हो तो उनको जीवन भर पिता, पुत्र, प्रतिष्ठा सुख का अभाव तथा बड़े अधिकारियों से परेशानी बनी रहती है , इस नाते सूर्य की शुभता प्राप्ति के लिए इस दिन किसी नदी नहर के पास किसी ब्राह्मण के सानिध्य में सूर्य पूजन करें , और फिर वस्त्र, भोजन के साथ जो संभव हो वह दक्षिणा भेंट करें । अगर आप ऐसा नहीं कर सकते तो इस दिन हनुमान चालीसा , राम रक्षा स्त्रोत का पाठ करें ।

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