कौन बनेगा दिल्ली का मुख्यमंत्री, दिल्ली के चुनावी दंगल के बाद..?


दिल्ली के चुनावी दंगल के बाद कौन बनेगा दिल्ली का मुख्यमंत्री, किसके सिर सजेगा दिल्ली का ताज. दिल्ली एक बार फिर से चुनाव की तैयारी में जुटा हुआ है। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी दोनों की साख दांव पर लगी हुई है। दोनों ही पार्टियों को उम्मीद है कि वह इस बार दिल्ली को मजबूत और स्थिर सरकार दे सकेंगे। लेकिन दोनों ही पार्टी एक साथ सरकार तो नहीं बना सकती ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर दिल्ली की सत्ता  किसके हाथ में होगी..??


दिल्ली  के चुनाव की तारीख– 7-.-2..5 , स्थान— दिल्ली.. समय –सुबह–07 बजे..
दिल्ली के चुनाव की मतगणना होगी—10 फरवरी 2015 को समय –सुबह–08 बजे…


इस दिन दिल्ली के मुख्यमंत्री का चयन होना है। वैसे तो चुनाव में दो ही विकल्प होते थे कांग्रेस या भाजपा, लेकिन इस बार आम आदमी के पास तीसरा विकल्प भी मौजूद है। इसलिए दिल्ली का चुनाव कुछ ज्यादा ही मजेदार हो गया है।
 ‘दिल्ली दिल वालों की है’ ऐसा कहा जाता है, किन्तु दिल्लीवासियों के दिलों पर कौन राज करेगा? 
यह जानना दिलस्प होगा ना? 
राजनीतिक व्यक्तियों और राज्यों की कुंडलियों में लग्न, चन्द्र और सूर्य पर पड़ने वाले ग्रहण अक्सर सत्ता परिवर्तन व राजनीतिक उठापठक का परिचायक होते हैं। इसी प्रकार लग्न और चन्द्र से अष्टम भाव में पड़ने वाला ग्रहण राजनीतिक व्यक्तियो का अचानक पतन व उनकी सुरक्षा की चिंता भी दर्शाता है विशेषकर जब पाप ग्रहों की दशा चल रही हो। 


दिल्ली प्रदेश के कुंडली तुला लग्न की है। गत वर्ष हुए ग्रहण के फलस्वरूप दिल्ली की राजनीति में बड़ा उथल-पुथल लेकर आयी थी आम आदमी पार्टी की सरकार,जो स्थिर सरकार नहीं दे पाई।आम आदमी पार्टी की कुंडली में चन्द्रमा मेष राशि की है। 


अप्रैल 2014 में मेष राशि में पड़ने वाले सूर्य ग्रहण ने इस पार्टी को एक तगड़ा झटका दिया था जब इस पार्टी के 4.4 लोक सभा उम्मीदवारी में से 414 की जमानत जब्त हो गई और केवल 4 लोक सभा सीटों पर ही जीत नसीब हो पाई thib। उस समय आम आदमी पार्टी की कुंडली में शुक्र में सूर्य की अंतर्दशा चल रही थी। सूर्य अष्टमेश है और राहु-केतु के अक्ष में बुरी स्थति में थी।


लेकिन वर्तमान में चलनी वाले शुक्र में चन्द्र की विंशोत्तरी दशा आम आदमी पार्टी की राजनीतिक वापसी का अच्छा संकेत है। शनि अब तुला से निकलकर वृश्चिक राशि में प्रवेश कर गया है जो अब दिल्ली में एक स्थिर सरकार बनने का संकेत दे रहा है। गोचर के राहु-केतु अब कन्या और मेष राशि में चल रहे हैं जो आम आदमी पार्टी के लग्न और चन्द्र से अच्छे भावो में हैं।


आइये जानते है ग्रह नक्षत्रों के आकलन पर दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। आम आदमी, भ्रष्ट आदमी या फिर खास आदमी? 
चलिये एक-एक कर तीनों का ज्योतिषीय आंकलन करते हैं—-
( कृपया धयान देवें—यहाँ दिए गए सभी जन्म कुंडली के आंकड़े/जानकारी, गूगल/इंटरनेट से लिए गए हैं, लेखक इनकी सत्यता को प्रमाणित नहीं करता हैं)



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श्री अरविन्द केजरीवाल  की जन्म कुंडली—
जन्म दिनाक–16 अगस्त1968 , 
जन्म समय–11:46 pm 
जन्म स्थान–हिसार (हरियाणा) 


श्री अरविन्द केजरीवाल की कुंडली बृषभ लग्न एवं बृषभ राशि की है जन्म कुंडली में वृष लग्न में चन्द्र, तीसरे भाव मे मंगल, चतुर्थभाव मे सूर्य, बुध, गुरु और शुक्र बैठे हैं जबकि केतु पंचम राहू एकादश और शनि नीच राशिगत द्वादश भाव मे बैठे हैं।


आम आदमी पार्टी के संस्थापक श्री अरविन्द केजरीवाल का जन्म अगस्त 16 सन 1968 को रात्रि 11:46 बजे पर हुआ था। उस समय धरती पर वृष लग्न उदित हो रही थी। वृष एक स्थिर राशि है, जिस वजह से आपके स्वभाव में स्थिरता एंव अधिकार की भावना विद्धमान है। आप स्वभाव से हठी व दृढ़ निश्चयी हैं। आप गंभीर, विचारशील एंव सामाजिक जीवन में दिखावट पर अधिक जोर देते हैं। 


श्री केजरीवाल की जन्मतालिका में वर्तमान में गुरु की दशा में शुक्र की अन्तर एंव गुरु की प्रत्यन्तर दशा चल रही है। गुरु अष्टमेश एंव लाभेश होकर चतुर्थ खाने में सिंह राशि में बैठा है। शुक्र लग्नेश व षष्ठेश का कारक होकर चतुर्थ भाव में सूर्य व बुध के साथ संग्रस्त है। शुक्र एक स्त्री कारक ग्रह है। लग्न में उच्च का चन्द्र बैठा है। चन्द्र मन का संकेतक है जिस कारण केजरीवाल की मानसिक शक्ति में तर्क करने की उच्च प्रबलता परिलक्षित होती है।


राजनैतिक जीवन में सूर्य का अहम रोल होता है और श्री अरविन्द केजरीवाल की कुंडली में चौथे भाव में सिंह राशी है और इसका स्वामी सूर्य अपने ही भाव में स्थित है यह सूर्य की अपनी राशि है जो उच्च पद और नाम शोहरत पैदा करता है। साथ ही चतुर्थ भाव में सूर्य, बुध , शुक्र और गुरु का साथ सिंह राशि में है जो अपने आप में उन्हें एक कुशल और जूझारू व्यक्तित्व को दर्शाता है। सूर्य और गुरु एक प्रकार से राजनीती क्षेत्र और समाज सेवा से लाभ देते है.. ज्योतिष की गणना के अनुसार मार्च 2015 के बाद अरविंद केजरीवाल के सितारे फिर से बुलंद होने वाले हैं और उनके फिर से मुख्यमंत्री बनने की संभावना बन रही है। 


वर्तमान में गुरु-बुध-शनि की विंशोत्तरी दशा उनके स्वास्थ्य और सुरक्षा की चिंता बता रही है। ऐसे में केजरीवाल को अपनी सुरक्षा का ध्यान रखना होगा। लेकिन मार्च 2015 से शुरू होने वाली गुरु में बुध की विंशोत्तरी दशा उनको दिल्ली का मुख्यमंत्री अथवा दिल्ली विधान सभा में विपक्ष का मजबूत नेता बना देगी। आदमी पार्टी और केजरीवाल के सितारे उनके राजनीतिक वापसी का अच्छा संकेत दे रहे हैं।


शनि अपनी नीच राशि मेष में होकर भाग्य भाव और दशम भाव का प्रतिनिधित्व कर रहा है। विषाक्त नामक कालसर्प योग है, जो जातक के जीवन को अत्यन्त रहस्यमय बना देता है। शनि जनता एंव राजनीति दोनों का संकेतक है।विषाक्त नामक काल सर्पयोग का प्रभाव होने के कारण इतने अच्छे योग होने के बाद भी ऐसे इंसान को अपने अंदर आत्मविश्वास की कमी को दर्शाता है जो इन्हे आगे बढ़ने से रोक देता है..जन्म कुंडली में दशा व गोचर अच्छा होते हुए भी इनके ऊपर का संकट टला हुआ नहीं कहा जा सकता है क्योंकि गुरु में केतु की अन्तर्दशा चलेगी और केतु दूसरे भाव अर्थात मारक स्थान में स्थित है।गुरु से केतु की स्थिति देखी जाए तब भी दोनों का द्विद्वार्दश योग बनता है। जन्म के राहु-केतु पर गोचर के राहु-केतु स्थित हैं। पाप ग्रह पर पाप ग्रह का गोचर अच्छा नहीं कहा गया है। इसलिए इन्हें अपनी सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखना चाहिए।
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श्रीमती शीला दीक्षित—- 


जन्म दिनांक–31 मार्च 1938 र्इ0 
जन्म समय– अपरान्ह 1:20 बजे 
जन्म स्थान–कपूरथला (पंजाब)में 


दिल्ली पर 15 वर्षों से राज करने वाली शीला दीक्षित का जन्म 31 मार्च 1938 र्इ0 को अपरान्ह 1:20 बजे कपूरथला (पंजाब)में हुआ था। 
श्रीमती शीला दीक्षित के जन्म समय में क्षितिज पर कर्क लग्न उदित हो रही थी। कर्क एक चर राशि है। आप अत्यधिक कल्पनाशील एंव परिवर्तनशील विचारों की होगी। आपकी चित्त वृतित असिथर किन्तु किंचित मात्रा में अन्तदृष्टि से सम्पन्न होगी। आपको अपमान से बड़ा डर लगेगा ऊपर से एक मजबूत किलेबन्दी करेंगी जिससे आपके मर्म को चोट न लगे। 


आपकी कुण्डली में इस समय राहु की महादशा में राहु की अन्तर एंव शनि का प्रत्यन्तर शुरू हो गया है। राहु एक छाया ग्रह है, जिसका स्वयं का अपना कोर्इ असितत्व नहीं है। राहु जिस राशि में होता है या फिर जिस ग्रह की दृष्टि राहु पर पड़ती है, उसी के अनुसार वह फल देता है। राहु नीच का होकर पंचम भाव में सिथत होकर अनुराधा नक्षत्र पर कब्जा जमाये हुये है। पंचम भाव पर मंगल, बुध व शुक्र इन तीनों ग्रहों की सप्तम दृष्टि है। इसलिए राहु इन तीनों का मिला-जुला प्रभाव देगा। 


यह तो तय है कि श्रीमती शीला दीक्षित के जनाधार में कमी आयेगी 
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श्रीमती किरण बेदी की जन्म कुंडली–


तेजर्रार, आत्म-विश्वास से लबरेज, तार्किक क्षमता की धनी व बेदाग छवि वाली देश की प्रथम महिला आईपीएस श्रीमती किरण बेदी 15 जनवरी सन् 2015 को सार्वजनिक जीवन से राजनैतिक कैरियर में प्रवेश किया है। 


किरण बेदी —
जन्म दिनांक–9 June 1949 , 
जन्म समय–2:10 pm 
जन्म स्थान–अमृतसर (पंजाब)


—-श्रीमती किरण बेदी का जन्म 09 जून सन् 1949 को अपरान्ह 2 बजकर 10 मिनट पर पंजाब के अमृतसर जिले में हुआ था। आपका जन्म कन्या लग्न में हुआ है। कन्या का स्वामी बुध भाग्य भाव में सूर्य के साथ बैठा है। नौवें स्थान में बैठा बुध किरण बेदी को भाग्यवान बना रहा है। नवमस्थ बुध होने से जातिका अपने कुल को अपने ज्ञान से, धन से, कर्म से उज्जवल तथा प्रसिद्ध करती है।
—श्रीमती किरण बेदी का जन्म कन्‍या लग्‍न और वृश्चिक राशि में हुआ है । लग्‍न के स्‍वामी बुध का त्रिकोण में होना बहुत ही योगकारी माना गया है, कन्या लग्न वाले हमेशा उत्साह में भरे होगे है और तर्क वितर्क करने में माहिर होते है साथ ही शुक्र ग्रह केन्‍द्र में व्‍यक्ति को ईन्‍साफ पसन्‍द और सफल बनाता है। चन्‍द्र-मंगल उनको जोश, जुनून और और हक की लडाई लडने की क्षमता देता है।
—सूर्य योगकारी बुध और अष्‍टमेश मंगल के साथ है। साथ ही सूर्य पर शनि की भी बारहवें भाव से दृष्टि है। मंगल और शनि दौनों ही पाप ग्रह हैं और बुरा असर देनें से नहीं चूकते। हांलाकि शनि विपरीत राजयोग बना रहा है जो कि अन्‍त में सफलता देगी लेकिन शनि अपने स्‍वाभाव के अनूकूल काफी परेशानी भी देगा। 
—श्रीमती किरण बेदी की कुण्डली में चन्द्र लाभेश होकर तृतीय भाव में वृश्चिक राशि में नीच का होकर बैठा है। वृश्चिक का स्वामी मंगल अष्टम भाव में अपनी राशि मेंष में मजबूत होकर बैठा है। यह स्थिति नीचभंग राजयोग का निर्माण कर रही है। राजनीति और सत्ता का संकेतक सूर्य आपकी कुण्डली में भाग्य भाव में बलवान होकर अपने मित्र बुध के साथ बैठा है। सूर्य के प्रभाव के बगैर राजनीति में आप लम्बी पारी नहीं खेल सकते है। 
—-बुध लग्नेश और दशमेश होकर नवम भाव में स्थित है। बुध वाणी का कारक होता है, जिस कारण किरण बेदी अपनी बेबाक अवाज के दम पर विरोधियों को निरूत्तर करने में सक्षम है। ईमानदारी एंव न्याय का प्रतीक शनि पंचमेश व षष्ठेश होकर द्वादश भाव में बैठा है। शनि की सप्तम दृष्टि विरोधियों के संकेतक भाव षष्ठम पर पड़ रही है। शनि की वक्र दृष्टि के कारण विरोधी आपके सामने बहुत देर टिक नहीं पायेंगे।
—वर्तमान में श्रीमती किरण बेदी की कुण्डली में सूर्य की दशा में बुध का अन्तर और शनि का प्रत्यन्तर 05 फरवरी 2015 से 26 मार्च 2015 तक चलेगा।जो अपने आप में एक शुभ दशा मानी जाती है । इसी दौरान दिल्ली विधान सभा के चुनाव होने है। सूर्य सत्ता का कारक है, बुध पद, प्रतिष्ठा का प्रतिनिधित्व कर रहा है और शनि की मकर राशि जनता के संकेतक भाव पंचम पर कब्जा जमाये हुये है। इन तीनों ग्रहों का मजबूत होकर एक साथ रहना एक प्रबल शुभ संकेत है। अतः किरण बेदी जी जनता का बम्पर सपोर्ट प्राप्त करके दिल्ली की अगली मुख्यमन्त्री बनेगी।यदि यह तिथि और समय अगर सही है तो राजनीती में श्रीमती किरण बेदी  के लिए संघर्ष भरा हो सकता है… 
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विरोध की लहर सभी पार्टियों में रहेगी और अपने ही धोखा दे सकते है दोनों ही कुंडली में ऐसे योग विराजमान है और विपरीत राज योग भी है ऐसे में केजरीवाल का पलड़ा भारी हो सकता है लेकिन आप में स्पष्ट बहुमत के आसार नजर नहीं आ रहे है इसलिए भारतीय जनता पार्टी का पलड़ा भारी रहेगा….

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