सावन सोमवार- 5 अगस्त ….
सावन महीने की शुरुआत इस बार 23 जुलाई, मंगलवार से हो चुकी है, इस पवित्र महीने का समापन 20 अगस्त को होगा। धर्म शास्त्रों के अनुसार इन महीने में भगवान शंकर की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी हो जाती है। चूंकि तंत्र के देवता भी शिव ही हैं इसलिए इस महीने में किए गए टोटके से किसी भी इंसान की किस्मत बदल सकती है।
शिव भक्ति की ही मंगल घड़ी है – सावन सोमवार। कल (5 अगस्त) सावन माह का दूसरा सोमवार है। सावन के हर सोमवार पर शिव पूजा की विधि समान होती है, किंतु इसके साथ कुछ विशेष उपाय भी शिव की प्रसन्नता के लिए किए जाते हैं। सावन में इस बार दूसरे सोमवार को मास शिवरात्रि (कृष्ण पक्ष चतुर्दशी) और पुष्य नक्षत्र का महासंगम होगा। यह संयोग 17 साल बाद आ रहा है। शिवजी के वार सोमवार को मास शिवरात्रि व पुष्य नक्षत्र का संयोग सुख-समृद्धिकारक व पूजा अर्चना के लिए श्रेष्ठ फलदायी साबित होगा।
ये संयोग इससे पहले वर्ष 1996 में आया था। आगे 27 साल बाद वर्ष 2040 में दूसरे सोमवार पर ये संयोग बनेगा। पुष्य नक्षत्र इस दिन शाम 5.15 बजे और कर्क का चंद्रमा सुबह 10.33 बजे आ जाएगा। पुष्य नक्षत्र के साथ ही सर्वार्थसिद्धियोग भी शुरू हो जाएगा। चूंकि मास शिव रात्रि में महाशिवरात्रि के समान पूजा अर्चना की जाती है। इसी प्रकार शिवजी की पूजा का विधान है। इस दिन चंद्रमा अपनी स्व राशि कर्क राशि में आना श्रेष्ठ फलदायी साबित होगा। इसमें नक्षत्रों के राजा पुष्य व सोमवार का योग होना काफी दुर्लभ है। – सूर्योदय के पहले जागकर नहा लें।
– स्नान के बाद तीर्थ या गंगा जल या पवित्र जल पूरे घर में छिडक़कर पवित्र करें।
– शिवालय या पूजा स्थल में सफेद वस्त्र पहनकर शिव पूजा के लिए बैठें।
– भगवान शिव-पार्वती और गणेश की मूर्ति के सामने पहले यह व्रत संकल्प लें –
‘मम क्षेमस्थैर्यविजयारोग्यैश्वर्याभिवृद्धयर्थं सोमव्रतं करिष्ये’
– इसके बाद प्रथम पूज्य देवता भगवान श्री गणेश का ध्यान और पूजा करें।
– प्रतिदिन 21 बिल्वपत्रों पर चंदन से ऊँ नम: शिवाय लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं साथ ही एकमुखी रुद्राक्ष भी अर्पण करें। इससे सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाएंगी।
– अगर आपके घर में किसी भी प्रकार की परेशानी हो तो सावन में रोज सुबह घर में गोमूत्र का छिड़काव करें तथा गुग्गल की धूप दें।
विवाह में अड़चन आ रही है तो रोज शिवलिंग पर केसर मिला हुआ दूध चढ़ाएं। इससे जल्दी ही आपके विवाह के योग बनने लगेंगे।
सावन में रोज नंदी(बैल) को हरा चारा खिलाएं। इससे जीवन में सुख-समृद्धि आएगी और मन प्रसन्न रहेगा।
पूरे महीने में रोज गरीबों को भोजन कराएं, इससे आपके घर में कभी अन्न की कमी नहीं होगी तथा पितरों की आत्मा को शांति मिलेगी।
रोज सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निपट कर समीप स्थित किसी शिव मंदिर में जाएं और भगवान शिव का जल से अभिषेक करें और उन्हें काले तिल अर्पण करें। इसके बाद मंदिर में कुछ देर बैठकर मन ही मन में ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जप करें।
रोज किसी नदी या तालाब जाकर आटे की गोलियां मछलियों को खिलाएं। जब तक यह काम करें मन ही मन में भगवान शिव का ध्यान करते रहें। यह धन प्राप्ति का बहुत ही सरल उपाय है।
– श्री गणेश ध्यान और पूजा के बाद भगवान शिव का मन ही मन नीचे लिखे मंत्र से ध्यान करें
ध्यायेन्नित्यंमहेशं रजतगिरिनिभं चारुचंद्रावतंसं
रत्नाकल्पोज्ज्वलांग परशुमृगवराभीतिहस्तं प्रसन्नम।
पद्मासीनं समंतात्स्तुतममरगर्णैव्याघ्रकृत्तिं वसानं
विश्वाद्यं विश्ववंद्यं निखिलभयहरं पंचवक्त्रं त्रिनेत्रम॥
– ध्यान के बाद शिव के पंचाक्षरी या षडाक्षरी मंत्र ‘ऊँ नम: शिवाय’ से शिव और ‘ऊँ नम: शिवायै’ से पार्वतीजी की पूजा करें।
– जिसमें शिव को जल, दूध, दही, शहद, घी, चीनी से बने पंचामृत से स्नान के बाद विशेष रूप से चंदन, बिल्वपत्र, भांग, धतूरा, जनेऊ, रोली, दक्षिणा व नैवेद्य चढ़ाएं।
जानिए सावन के दूसरे सोमवार को किस विशेष चीज को चढ़ाने से सुख-सौभाग्य बरसता है –
सावन के दूसरे सोमवार को शिव पूजा में अन्य पूजा सामग्रियों के साथ विशेष रूप से शिवलिंग पर सफेद तिल्ली अर्पित करें। यह उपाय भाग्य बाधा दूर कर भरपूर सुख देने वाला माना गया है।
– शिव-पार्वती पूजा के बाद सोमवार व्रत कथा का पाठ करें या सुने।
अंत में धूप, दीप से शिव आरती कर प्रसाद बांटे। पूजा के दौरान हुए दोष के लिए माफी मांगे। अपनी कामना पूर्ति के लिए प्रार्थना करें।
– प्रदोषकाल यान शाम को शिव पूजा करें और रात में भोजन करें। यथासंभव उपवास करें।

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