आइये जाने की क्या हें अष्टगंध तिलक एवं इसके लाभ तथा प्रभाव —–


दूसरे प्रकार की अष्टगन्ध में अधोलिखित आठ पदार्थ होते हैं-कुंकुम, अगर, कस्तुरी, चन्द्रभाग, त्रिपुरा, गोरोचन, तमाल, जल आदि। यह अष्टगन्ध शाक्त व शैव दोनों सम्प्रदाय वालों को प्रिय है।


पंडित दयानन्द शास्त्री”अंजाना”(mob.–.) के अनुसार ये पदार्थ भली-भांति पिसे हुए, कपड़छान किए हुए, अग्नि द्वारा भस्म बनाए हुए और जल के साथ मिलाकर अच्छी तरह घुटे हुए होने चाहिएं।आठ सुगन्धित द्रव्य जिनको मिलाकर देवपूजन यन्त्रलेखन आदि के लिये सुगन्धित चन्दन तैयार किया जाता है,विभि९न्न देवताओं के लिये इसमे कुछ वस्तुयें अलग अलग होती है,साधारणत: इसमे चन्दन,अगर देवदारु केसर कपूर शैलज जटामासी और गोरोचन माने जाते हैं.


पंडित दयानन्द शास्त्री”अंजाना”(mob.–.90.4.90067) के अनुसार कर्मकांड एवं यन्त्र लेखन में अष्टगंध का प्रयोग होता है। अष्टगंध क्या है और कितने प्रकार की होती है। शास्त्रों में तीन प्रकार की अष्टगन्ध का वर्णन है, जोकि इस प्रकार है- शारदा तिलक के अनुसार अधोलिखति आठ पदार्थों को अष्टगन्ध के रूप में लिया जाता है-चन्दन, अगर, कर्पूर, तमाल, जल, कंकुम, कुशीत, कुष्ठ। यह अष्टगन्ध शैव सम्प्रदाय वालों को ही प्रिय होती है।


सभी राशियों के अलग-अलग ग्रह स्वामी हैं और सभी ग्रहों की प्रकृति के अनुसार उनकी अलग-अलग रंग और पदार्थ हैं। ग्रहों की प्रकृति के अनुसार यदि हम तिलक लगाएं तो हमारी कई मनोकामनाएं पूर्ण होती है और सभी परेशानियां दूर हो जाती है। तिलक हिंदू संस्कृति में एक पहचान चिन्ह का काम करता है। तिलक केवल धार्मिक मान्यता नहीं है बल्कि इसके पीछे कई वैज्ञानिक कारण भी हैं। ज्योतिष के अनुसार यदि अपनी राशि के मुताबिक तिलक लगाया जाए तो कुंडली के कई ग्रह दोष स्वत: ही समाप्त हो जाते हैं।


पंडित दयानन्द शास्त्री”अंजाना”(mob.–09024390067) के अनुसार कुंभ राशि का स्वामी भी शनि है। तत्व वायु है और देवता भी शिव ही हैं। इन्हें भी भस्म एवं अष्टगंध का तिलक फायदा पहुंचाता है।


पंडित दयानन्द शास्त्री”अंजाना”(mob.–09024390067) के अनुसार  मकर राशि का स्वामी शनि है। तत्व वायु है और देवता शिव हैं। अत: इस राशि वालों को भस्म और अष्टगंध का तिलक शुभ होता है।


यदि आप में से कोई भी इस तरह से बनाये गए /तैयार किये गए शुद्ध एवं प्रामाणिक अष्टगंध तिलक/सामग्री को प्राप्त करना चाहे तो मुझसे प्राप्त/संपर्क कर सकता हें…पंडित दयानन्द शास्त्री”अंजाना”(mob.–09024390067) 

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