तुला राशी (रा,री,रू,रे,रो,ता,ती,तू,ते ) का राशिफल(…2 )—-


2012 का यह राशिफल चन्द्र राशि आधारित है और वैदिक ज्‍योतिष के सिद्धान्‍तों के आधार पर तैयार किया गया है।  
इस नये वर्ष में जीवन तथा व्यापार में आगे बढ़ने के लिए आपको सहयोग की आवश्यकता होगी, किसी निष्ठावान सहियोगी का साथ आपको लाभ दे सकता है | कार्य, व्यापार में सफलता के नये मार्ग प्रशस्त होंगे | परंतु ऐसे अवसरों के लिए आपको सजग तथा समर्पित रहना पड़ेगा | कारोबार के लिए नए दरवाज़े खुलेंगे, परंतु इन अवसरों के लिए आपको सजग रहना पड़ेगा.आर्थिक स्थिति में सुधार होगा | प्रथम घर में शनि रहने के कारण पत्नी के प्रति उदासीनता के भाव उत्पन्न हो सकते हैं, परन्तु मकान व वाहन आदि से सम्बन्धित लाभ होने की सम्भावना है। तुला राशि के लोगों के लिए यह समय आर्थिक रूप से बहुत अच्छा है और पैसों व वित्त संबंधी मामलों में भाग्यशाली समय है. गोचर में मंगल लाभ भाव में स्थित है इस कारण जो लोग वित्त, बैंकिंग या बोर्डिंग,जो लोग रक्‍तचाप,शुगर के मरीज हैं यो अपने आहार पर विशेष ध्यान दें। आपके उत्साह में वृद्धि होगी और कुछ कर गुजरने की योग्यता का प्रर्दशन करेगें। आमदनी की उतनी बढ़ोत्तरी नहीं होगी। जितनी आप अपेक्षा करेंगे।  लोहा, पेट्रोलियम तथा वाहन से जुड़े हें उन व्यंवसायियों के लिए समय उत्तम है | जीवनसाथी प्रसन्न और संतान संतुष्ट रहेगी, तथा संतान के क्रिया कलाप, व्यहार, आचरण से हर्ष व संतुष्टि प्राप्त होगी | 
जरा सोच विचार कर ही किसी काम में हाथ डालें. नए काम करने से पहले हर पहलु की जांच करनी जरूरी है. मुकदमेबाजी से दूर रहना हितकर रहेगा.किसी को झूठा वादा न करें. परिवार में कोई बड़ा मांगलिक आयोजन भी संभव है |  विशेष तौर से ट्रांसपोर्ट से जुड़े व्यंवसायियों के लिए समय अच्छा है. वर्ष के मध्य में धार्मिक कार्यों में समय देने से लाभ होगा. अविवाहितों के जीवन में प्रेम की बहार आ सकती है. मुकद्दमेबाजी से दूर रहें.वर्ष के मध्य में धार्मिक कार्यों में समय देने से लाभ होगा | शांत रहकर अच्‍छे कर्म करते रहें. मासांहार और मदिरापान से परहेज बेहतर रहेगा. स्वयं तथा किसी दुसरे के वाद विवाद, कोर्ट कचहरी तथा मुकद्दमेबाजी से दूर रहें | जीवन में नया उमंग और उत्साह बना रहेगा | आत्मविश्वास के साथ सम्पूर्ण निष्ठां से आगे बढ़ते रहें |जीवन में उमंग और उत्साह बना रहेगा. आत्मविश्वारस के साथ आगे बढ़ते रहें.
स्वास्थ्य —-
छठे भाव का स्वामी आठवें भाव में स्थित है , स्वयं को विपरीत लिंगी से दूर रखें, बुरे कार्यों में लिप्त हो सकते हैं और यह सभी बातें आपको मानसिक और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां दे सकती हैं.रक्त संबंधी समस्या उत्पन्न हो सकती है.आपको कुछ दिमागी परेशानी हो सकती हैं, अधिकांश: पेट के निचले भाग, पीठ और गुप्तांग, तुला राशि के अधिकार क्षेत्र में आते हैं.आपको गैस्ट्रिक समस्या या गुर्दे की समस्या का सामना करना पड़ सकता है.इस कारण किडनी में पथरी भी हो सकती है..सावधानी रखें..महिलाओं एवं बुजुर्गों को जोड़ों में दर्द का सामना करना पड़ सकता है
ये करें उपाय–
01 .–शनिदेव की सेवा-पूजा-आराधना करें..
02 .–शानि मंदिर जाये शनिवार के  दिन..छाया दान करें..
0. .–नीलमणि,जरकन. पुष्य नक्षत्र में चांदी में बनवाकर पहने या लोहे का छल्ला/अंगूठी जेसा धारण करें..
04 .–शुक्रवार के दिन से शुरू करके पके हुए चावल गोमाता को खिलाएं..
05 .–पांच शुक्रवार किसी भी मंदिर/धर्म स्थान में सफ़ेद फुल,मिश्री,और दुध अर्पित करें..
06 .–शुक्रवार के दिन भुने हुए चने में शहद लगाकर पक्षियों ( संभव हो सके तो मोर ) को खिलाएं..
07 .–शुक्रवार के दिन मावे की मिठाई रोटी में रखकर गोमाता को खिअलाये..
वास्तु और तुला राशी के जातक–
इस राशी के जातक के लिए दक्षिण-पश्चिम दिशा शुभ-लाभकारी होती हें..इस राशी के जातक को अपने निवास/आवास/माकन पर सफ़ेद/आसमानी/दुधिया सफ़ेद अथवा सीमेंट कलर करवाना चाहिए..तुला राशी के जातक को कभी भी किसी भी शहर के वायव्य  भाग/दिशा में नहीं रहना चाहिए..


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