क्या बनेंगे आप?? क्या हें आपकी जन्म कुंडली के योग???

आपकी कुंडली  में डॉक्टर योग:—
१- यदि लग्न भाव का अधिपति बुध ग्रह हो और वह चतुर्थ भाव में भौम के साथ स्थित हो तो ऐसा व्यक्ति डॉक्टर बनता है
२- यदि लग्न भाव का अधिपति भौम अपनी राशी पर स्थित हो तो ऐसा व्यक्ति डॉक्टर बनता है
३- यदि लग्न भाव का अधिपति लगन, पंचम एवम नवम भाव में स्थित हो और उसका सम्बन्ध गुरु और बुध से हो जाये तो ऐसा व्यक्ति डॉक्टर बनता है
४- यदि लग्न भाव का अधिपति गुरु हो और नवम भाव का अधिपति उसके साथ स्थित हो तो ऐसा व्यक्ति डॉक्टर बनता है
५- यदि लग्न भाव का अधिपति और पंचम भाव के अधिपति मंगल और गुरु हो तथा दोनों का किसी प्रकार सम्बन्ध हो जाये तो ऐसा व्यक्ति डॉक्टर बनता है


आपकी जन्म कुंडली  में ज्योतिषी बनाने के  योग :—-
१- यदि किसी जातक की जन्म कुंडली का लग्न मिथुन, कन्या, धनु और मीन हो और गुरु और बुध सग युति केंद्र भावों में स्थित हो तो ऐसा जातक ज्योतिष होता है.
२- लानेश और दशेश पंचम और नवं भाव में स्थित हो तो ऐसा जातक ज्योतिष में प्रवीण होता है
३-पंचम भाव में शनि अपनी राशी में स्थित हो तो ऐसा जातक ज्योतिष होता है
4- पंचम भाव का अधिपति और दूसरे भाव का अधिपति एकसाथ लग्न, पंचम और नवं भाव में स्थित हो तो ऐसा जातक ज्योतिष होता है
५- नवं भाव का अधिपति और लग्न, दूसरे भाव के अधिपति युति करके किसी भी भाव में स्थित हो तो ऐसा जातक ज्योतिष होता है
६- केंद्र भावों में उच्च राशी का गुरु स्थित हो और उस पर बुध ग्रह का प्रभाव हो तो ऐसा जातक ज्योतिष होता है
७- केंद्र भाव में उच्च राशी का शनि स्थित हो और उस पर गुरु और बुध का सम्मलित प्रभाव हो तो ऐसा जातक ज्योतिष होता है

आपकी जन्मकुंडली में अभिनेता योग:—-
१- लग्न भाव में शुक्र अपनी राशी अथवा तुला पर स्थित हो एवम बुध दशम भाव पर स्थित हो तो ऐसा व्यक्ति अभिनय कला में पारंगत होता है!
२-  लग्न भाव एवंम पंचम , नवम भाव का अधिपति एकसाथ केंद्र में स्थित हो तो ऐसा व्यक्ति अभिनय से क्षेत्र में सफल होता है!
३- चतुर्थ एवम दशम भाव का अधिपति शुक्र अथवा बुध हो एवम उन पर गुरु का सुभ प्रभाव हो तो ऐसा व्यक्ति अभिनय कला में पारंगत होता है!
४- दशम भाव में चंद्रमा अपनी राशी कर्क अथवा उच्च राशी वृष पर स्थित हो और कोई तीन ग्रह उच्च राशी में हो तो ऐसा व्यक्ति अभिनय कला में पारंगत होता है! 

आपकी जन्म कुंडली व्यापारी योग :—
१- यदि किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली में तीसरे भाव का स्वामी सप्तम में अथवा सप्तम भाव का स्वामी दूसरे भाव में हो तथा बुध साथ में स्थित हो ऐसा व्यक्ति श्रेष्ठ व्यापारी होता है!
२- यदि किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली में चंद्रमा और केतु दशम भाव में स्थित हो, तो ऐसा व्यक्ति कपडा, आटा अथवा रुई का व्यापर करता है!
३- शुक्र गुरु से चतुर्थ भाव में स्थित हो अथवा सप्तम एवम दशम भाव में स्थित हो तो ऐसा व्यक्ति श्रेष्ठ व्यापारी होता है!
४- मकर लग्न में लग्नेश एकादशेश मंगल के साथ लग्न,चतुर्थ अथवा दशम भाव में स्थित हो तो ऐसा व्यक्ति खान का सम्बंधित व्यापर करता है!
५- मंगल तथा शनि की युति दशम भाव में हो और उन पर शुक्र कापूर्ण प्रभाव हो तो ऐसा व्यक्ति होटल सम्बन्धी कार्य करता है!

आपकी जन्म कुंडली में राजनेता योग:—-  
१- यदि किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में तीसरे, छठे एवम बारहवे भाव में राहू स्थित हो |
२- यदि मंगल इन्ही भावों में स्थित हो तो ऐसा व्यक्ति राजनेता होता है !
३- लग्न भाव का अधिपति छठे भाव में अपनी उच्च राशी राशी का हो तो ऐसा व्यक्ति राजनेता होता है!
४- यदि गुरु दूसरे, पंचम और नवम भाव में अपनी राशी धनु और मीन पर स्थित हो तो ऐसा व्यक्ति राजनेता होता है! 
५- छठे भाव में पापग्रह स्थित हो और उसका स्वामी एकादश भाव में स्थित तो ऐसा व्यक्ति राजनेता होता है!
६- एकादश भाव का स्वामी उच्च राशी का हो और वह उसी भाव में स्थित हो तो ऐसा व्यक्ति राजनेता होता है!

आपकी जन्म कुंडली में अध्यापक योग : —
—ज्योतिष शास्त्र में गुरु को ज्ञान का प्रतिनिधि ग्रह माना गया है और बुध ग्रह को वाणी का प्रतिनिधि मन गया है, 
—गुरु और बुध ग्रह की युति व्यक्ति को शिक्षा के क्षेत्र में उच्च पद पर आशीन कराती है 
—-यदि किसी जातक की जन्म कुंडली में लग्न भाव का अधिपति गुरु और बुध हो और वह दशम भाव में स्थित  हो और बुध ग्रह का इस ग्रह का समबन्ध हो जावे तो ऐसा जातक शिक्षा विभाग में कार्य करता है

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