ग्रहण काल में चन्द्र के प्रभावों को शुभ करने के लिये चन्द्र की वस्तुओं का दान किया जाता है –
—ग्रहण में बालक, वृद्ध और रोगी के लिए कोई नियम शास्त्रों में नहीं बताया गया है ।
—-चिटियों को पिसा हुआ चावल व आट्टा डाले ।
— चन्द्र की दान वस्तुओं में मोती, चांदी, चावल, मिसरी, सफेद कपड़ा,सफेद फूल, शंख, कपूर,श्वेत चंदन, पलाश की लकड़ी, दूध, दही, चावल, घी, चीनी आदि का दान करना शुभ रहेगा ,
—कुंडली के अनुसार चन्द्रमा को मन और माँ का कारक माना गया है जन्म कुंडली में चन्द्रमा जिस भाव में हो उसके अनुसार दान करना चाहिए . चन्द्र वृष राशी में शुभ और वृश्चिक राशी में अशुभ होता है , जब चन्द्र जन्म कुण्डली मे उच्च का या अपने पक्के भाव का हो तब चन्द्र से सम्बन्धित वस्तुऑ का दान नही करना चाहिए, अगर चन्द्र दितीय चतुर्थ भाव मे हो तो चावल चीनी दुध का दान न करे , यदि चन्द्र वृश्चिक राशी में हो तो चन्द्र की शुभता प्राप्त करने के लिए मन्दिर,मस्जिद, गुरुद्धारा, शमशान या आम जनता के लिए प्याउ( पानी की टंकी ) बनवाए या किसी मिटटी के बर्तन में चिड़ियों के लिये पानी रखे .
—-चन्द्र का वैदिक मंत्र :-
चंद्रमा के शुभ प्रभाव प्राप्त करने हेतु चंद्रमा के वैदिक मंत्र का .1.00 जप करना चाहिए।.
—–“””ऊँ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्रमसे नमः “””या “””ऊँ सों सोमाय नमः “”
—-इस चंद्रग्रहण पर करें यह प्रयोग, बिजनेस में जरुर मिलेगी सफलता—-
ऐसे करें प्रयोग—–
ग्रहण से पहले नहाकर लाल या सफेद कपड़े पहन लें। इसके बाद ऊन व रेशम से बने आसन को बिछाकर उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएं। जब ग्रहण काल प्रारंभ हो तब चमेली के तेल का दीपक जला लें। अब दाएं हाथ में रुद्राक्ष की माला लें तथा बाएं हाथ में 5 गोमती चक्र लेकर नीचे लिखे मंत्र का 54 बार जप करें-
—-मन्त्र “”””ऊँ कीली कीली स्वाहा”””
अब इन गोमती चक्रों को एक डिब्बी में डाल दें और फिर क्रमश: 5 हकीक के दाने व 5 मूंगे के दाने लेकर पुन: इस मंत्र का 54 बार उच्चारण करें। अब इन्हें भी एक डिब्बी में डालकर उसके ऊपर सिंदूर भर दें। अब दीपक को बुझाकर उसका तेल भी इस डिब्बी में डाल दें।
इस डिब्बी को बंद करके अपने घर, दुकान या ऑफिस में रखें। आपका बिजनेस चल निकलेगा।
—-इस चंद्रग्रहण पर करें यह उपाय/टोटका, होगा अचानक धन लाभ—-
ऐसे करें उपाय/टोटका —-
ग्रहण के पूर्व नहाकर साफ पीले रंग के कपड़े पहन लें। ग्रहण काल शुरु होने पर उत्तर दिशा की ओर मुख करके ऊन या कुश के आसन पर बैठ जाएं। अपने सामने पटिए(बाजोट या चौकी) पर एक थाली में केसर का स्वस्तिक या ऊँ बनाकर उस पर महालक्ष्मी यंत्र स्थापित करें। इसके बाद उसके सामने एक दिव्य शंख थाली में स्थापित करें।अब थोड़े से चावल को केसर में रंगकर दिव्य शंख में डालें। घी का दीपक जलाकर नीचे लिखे मंत्र का कमलगट्टे की माला से ग्यारह माला जप करें-
ये हें मंत्र—-
सिद्धि बुद्धि प्रदे देवि मुक्ति मुक्ति प्रदायिनी।
मंत्र पुते सदा देवी महालक्ष्मी नमोस्तुते।।
मंत्र जप के बाद इस पूरी पूजन सामग्री को किसी नदी या तालाब में विसर्जित कर दें। इस प्रयोग से कुछ ही दिनों में आपको अचानक धन लाभ होगा।