जन्मपत्रिका आईना हैं आपके जीवन का …!!!!!!!!!!!!

समय एक सा कभी नहीं रहता । ग्रह नक्षत्र बतलते रहते हैं और परिस्थितियां भी । दशाएं अपना प्रभाव दर्शाती हैं तो आकाश में भ्रमण करने वाले ग्रह भी । जन्म कुण्डली एक स्थूल रूप हैं आपके जीवन का । समय समय पर कालनेमी (ज्योतिषि) की सलाह लेकर आप आने वाली कठिनाईयों, परेशानियों को जानकर सावधान रह सकते हैं । एक डाक्टर आपको रोग होने पर ही रोग के बारे में बता पाएगा, जबकि एक ज्योतिषि कई वर्ष पूर्व आपको कब, कौनसा रोग होगा इसकी चैतावनी दे देगा । आप कालनेमी की सलाह लेकर ग्रहों के दूषप्रभाव को कम कर सकते हैं । 

ज्योतिष के कई महायोग हैं जो व्यक्ति को जीवन की बुलन्दियों पर पहुॅचा देते हैं तो कई दुर्योग भी हैं । जो व्यक्ति की भरपूर महनत को सफल नहीं होने देते हैं । समय पर इन्हीं योगों केा जानकर उपाय कर सकते हैं । जैसे – रत्न धारण, हवन, यज्ञ, ग्रहों का दान, ग्रहों के मंत्र जाप, ग्रहों के यंत्र धारण आदि के द्वारा । 
प्रत्येक जन्मपत्रिका एक पतिवृता स्त्री के समान होती हैं । जिस प्रकार एक पतिवृता स्त्री जीवन भर एक ही पति का वरण कर उसके ही अधीन रहती हैं ठीक उसी प्रकार किसी जातक की जन्मपत्रिका किसी एक ही ज्येातिषि के हाथ रहनी चाहिए । बार-बार ज्योतिषि बदलते रहने से सही भविष्यफल प्राप्त नहीं हो सकेगा तथा जन्मपत्रिका निष्प्रयोजन हो जावेगी। 

आधुनिक समय में जन्मपत्रिका कम्प्यूटर से बनवाकर किसी ऐसे ज्योतिषि को दिखलाए जिसे फलादेश का व्यक्तिगत अनुभव हो तथा गणित भलीभांति जानता हो । लोगों की संतुष्टता हेतु प्रचुर समय देकर अच्छी बुरी समस्त घटनाओं को बताए । बुरी घटनाओं को अनिवार्य रूप से बताए । चाहे वे कटू सत्य क्यों न हो । क्योंकि ज्योतिष अर्थात प्रकाश में समानता का गुण हैं । वह अच्छी बुरी दोनो जगहो पर पड़ेगा । ऐसी परिस्थिति में अच्छी अच्छी बाते पुछने वाला प्रश्नकर्ता व अच्छी अच्छी बाते बताने वाला ज्योतिषि दोनो ही दोषी हैं । ज्योतिष विद्या के साथ विश्वासघात करने वाले  हैं । अतः एक ही अनुभवी ज्योतिषि को बार-बार अपनी कुण्डली दिखलावे । इससे आपकी संतुष्टी निश्चित ही होगी । शंकाओं और वहमों के चक्कर में उलझकर अनेक ज्योतिषियों को जन्मपत्रिकाएं दिखाते फिरना अज्ञानता के अतिरिक्त कुछ भी नहीं हैं । अतः योग्य एवं लम्बे समय के अनुभवी ज्योतिषि का चयन कर उससे मार्गदर्शन लेवें । इतना होने के बाद भी यदि कोई जातक नहीं समझे तो फिर उस जैसा अभागा कोई और न होगा । यदि सौभाग्य से उपरोक्त योग्यता व अनुभव वाला फलादेशकर्ता मिल जावे तो उससे जी-भरकर लाभ उठाना बुद्धिमानी होगी । 

भविष्य फलादेश के इच्छुक व्यक्तियों को चाहिए कि वे भविष्य फल में बतलाए गये पूजा-पाठ, हवन, दान, आदि को पूर्ण विश्वास व श्रद्धा के साथ करवाए तभी कार्यो में सफलता निश्चित हैं । मन में शंका, कुतर्क आदि करने से कोई लाभ न होगा । आपकी समस्याओं का समाधान जन्म कुण्डली, प्रश्न कुण्डली अथवा हस्त रेखा से किया जा सकता हैं। 
 
  
पं. दयानन्द शास्त्री 
विनायक वास्तु एस्ट्रो शोध संस्थान ,  
पुराने पावर हाऊस के पास, कसेरा बाजार, 
झालरापाटन सिटी (राजस्थान) ..6023
मो0 नं0 ….

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