राशि के हिसाब से जानिए कैसे खुश करें शनिदेव को—राजेश शर्मा
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सिंह, कन्या, तुला राशि पर शनि साढ़ेसाती का शुभाशुभ प्रभाव 14 नवंबर तक रहेगा। ढैय्या विचार- मिथुन व कुंभ राशि वालों को शनि की ढैय्या का अशुभ प्रभाव 14 नंवबर तक होगा।
मेष राशि- को शनि षष्ठ में संचार होने तथा पाया सोना होने से कठिन संघर्ष रहेगा। शनिवार के दिन तेल के साथ काली तिल, जौ और काली उड़द, काला कपड़ा ये सब चढ़ाने से लाभ होता है।
वृषभ राशि- को पंचमस्थ शनि पूज्य होगा। पाया लौहपाद होने से उच्च विद्या प्राप्ति में एवं कार्य, व्यवसाय में विघ्न-बाधाएँ होंगी। आय कम व खर्च भी अधिक रहेंगे। शनि का उपाय करना शुभ होगा। शनि की आराधना ‘ॐ शं शनैश्चराय नमः’ से करनी चाहिए।
मिथुन राशि- चतुर्थ शनि होने से शनि की ढैय्या का प्रभाव अभी रहेगा। इस पर शनि का पाया भी सुवर्ण है जिससे आकस्मिक खर्च बढ़ेंगे तथा घरेलू उलझनें व व्यवसायिक परेशानियों में भी वृद्धि होगी। गृह पीड़ा और रोग पीड़ा निवारण के लिए सूर्यपुत्र शनि देव का अभिषेक करना फलदायी रहता है।
कर्क राशि- में शनि तृतीयस्थ होने से शुभफली है। इस राशि को शनि का पाया ताँबा होने से पराम में वृद्धि, निर्वाह योग्य धन प्राप्ति के साधन बनेंगे।
सिंह राशि- में द्वितीय स्थान का शनि होने से साढ़ेसाती का प्रभाव अभी रहेगा। आर्थिक परेशानियाँ एवं घरेलू उलझनें रहेंगी। परंतु इस पर शनि का पाया रजत होने से गुजारे योग्य आय के साधन बनते रहेंगे। शनि की आराधना ‘ॐ शं शनैश्चराय नमः’ से करनी चाहिए।
कन्या राशि- में शनि का संचार 14 नवंबर तक रहेगा। शनि साढ़ेसाती का प्रभाव अभी बना रहेगा। तनाव रहेगा, बनते कामों में अड़चनें पैदा होंगी। ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः। मंत्र का जाप करे।
तुला राशि- में शनि साढ़ेसाती का प्रभाव बना रहेगा जिससे कार्य व्यवसाय में आय कम, परंतु खर्च अधिक रहेंगे। 15 नवंबर से शनि इसी राशि पर संचार करने से आकस्मिक धन लाभ के अवसर भी प्राप्त होंगे।
वृश्चिक राशि- में 11वाँ शनि शुभफलदायक होगा। . मई से 24 जुलाई तक मंगल की स्वगृही दृष्टि होगी जिससे कुछ बिगड़े काम बनेंगे। निर्वाह योग्य आय के साधन बनेंगे। परंतु खर्च अधिक तथा तनाव भी रहेंगे।
धनु राशि– में शनि दसवें स्थान पर होने से व्यवसाय एवं परिवार संबंधी कठिन परिस्थितियों का सामना रहेगा। मई के बाद गुरु की दृष्टि शुभ होगी।
मकर राशि- में शनि नवमस्थ होने से भाग्योन्नति व धन लाभ में अड़चनें पैदा होंगी। शनि का पाया लोहा होने से आय कम परंतु खर्चों में अत्याधिक वृद्धि होगी। शनि स्तोत्र का पाठ करना शुभ होगा।
कुंभ राशि- में शनि अष्टमस्थ होने से शनि की ढैय्या अभी 14 नवंबर तक रहेगी जिससे व्यवसाय एवं पारिवारिक उलझनें तथा खर्च बढ़ेंगे। पौराणिक मंत्र- नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्। छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामी शनैश्चरम्॥
मीन राशि- में शनि सप्तमस्थ होने से परिवार एवं करियर संबंधी परेशानियाँ रहेंगी। शनि का पाया चाँदी है तथा 7 मई तक गुरु का भी इस राशि पर स्वगृही संचार होने से धर्म-कर्म की ओर रुचि होगी तथा निर्वाह योग्य आय के साधन बनते रहेंगे।