आइये जाने
*जड़ (मूल) माला द्वारा वास्तु-दोष उपचार –पवन तलहन—
घर, भवन और उद्योग में दिशाओं में यदि वास्तु-दोष आ जाये तो, हमारे ऋषियों ने दिशाओं के अनुसार उपाय बताये हैं! —
१–पूर्व में “बेल” की जड़ से बनी माला को रखने पर पूर्व में आये वास्तु-दोष दूर होता है!
२–ईशान्य में वास्तु दोष होने पर “वृद्धमूल” की जड़ से बनी माला ईशान्य में आये दोष को दूर करती है!
३–उत्तरे में वास्तु आने पर “वमनमेठी” की जड़ से बनी माला रखने पर उत्तर दोष समाप्त होता है!
४–वायव्य में आये दोष को दूर करने के लिये “खिरनी” की जड़ से बनी माला का प्रयोग करना चाहिये! ११ बच्छों को दूध पिलाना शुभ होता है!
५–पश्चिम में आये वास्तु-दोष को “रवैत विरैली” की जड़ से बनी माला से दोष दूर होता है!
६– nairrity कोण वास्तु दोष होने पर सफ़ेद “चन्दन” की जड़ से दोष दूर होता है!
७–दक्षिण में आये वास्तुदोष को दूर करने के लिये “अन्नतमूल” की जड़ से बनी माला द्वारा दोष दूर होता है!
८–अग्नि कोण में वास्तुदोष होने पर “मजीठ” की जड़ से बनी माला से दोष होता है!
माला को दिशानुसार दिशा में रखना चाहिये!
१–पूर्व में “बेल” की जड़ से बनी माला को रखने पर पूर्व में आये वास्तु-दोष दूर होता है!
२–ईशान्य में वास्तु दोष होने पर “वृद्धमूल” की जड़ से बनी माला ईशान्य में आये दोष को दूर करती है!
३–उत्तरे में वास्तु आने पर “वमनमेठी” की जड़ से बनी माला रखने पर उत्तर दोष समाप्त होता है!
४–वायव्य में आये दोष को दूर करने के लिये “खिरनी” की जड़ से बनी माला का प्रयोग करना चाहिये! ११ बच्छों को दूध पिलाना शुभ होता है!
५–पश्चिम में आये वास्तु-दोष को “रवैत विरैली” की जड़ से बनी माला से दोष दूर होता है!
६– nairrity कोण वास्तु दोष होने पर सफ़ेद “चन्दन” की जड़ से दोष दूर होता है!
७–दक्षिण में आये वास्तुदोष को दूर करने के लिये “अन्नतमूल” की जड़ से बनी माला द्वारा दोष दूर होता है!
८–अग्नि कोण में वास्तुदोष होने पर “मजीठ” की जड़ से बनी माला से दोष होता है!
माला को दिशानुसार दिशा में रखना चाहिये!