आइये जाने कब करें गृह निर्माण-पवन तलहन—–



वैशाख “मेष” फाल्गुन, “कुम्भ, श्रवन, “कर्क” पौष “धन” और मार्गशीर्ष “वृश्चिक” इनमें सूत्र का आरम्भ करके सूट से घर की भूमि को मापना शिला का रखना, स्तंभों का प्रारंभ ये श्रेष्ठ हैं!
नारद का वचन है कि फाल्गुन, वैशाख, माघ, श्रावन और कार्तिक में गृह के बनाने से, अरोग्य, धन के देने वाला शुभदाई हाई! इस वचन में वैशाख, श्रवन, कार्तिक वरिश, सिंह और वृश्चिक, सूर्य की संक्रांति से लेना चाहिये!


“वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, श्रावन, भादों, अश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, फाल्गुन और चैत्र —क्रमानुसार मॉस, राशि और स्वामी जानना” मुहूर्त के समय चन्द्रमा के जितने राशि अंश और जन्मकाल अंश होंगे जीव के उतने वर्ष में कष्ट या मरण हो! इसी प्रकार एनी राशियों के लिये जानना!
यह कालदर्श में लिखा है कि मॉस स्थिर राशि और स्थिर में नवांश में नवीन घरों के शंकु “सूट के लिये चारों कोणों में खूटी गाडना, ओंमकार और महादेवन की स्थापना करे ! कार्तिक का निषेध तो तुला राशि की संक्रांति के विषय में है! कुम्भ और माघ में सब मंदिरों के प्रारंम्भ की, अन्न घर के घर को चुद कर सब ऋषि प्रसंसा करते हैं! इनमें निषध भी अन्न गृह के विषय में समझना! पाक और भोजनशाला में मार्गशीर्ष और फाल्गुन, स्थ्यागृह और मैथ आदि में पौष और आषाढ़ का निषेध तो प्रधान गृह के विषय में है! क्योंकि वहीँ कहा है कि पौष और मिथुन की राशि और आषाढ़ में प्रधान गृह का निर्माण न कर!


पूर्व और पश्चिम मुख का घर श्रावन, फाल्गुन, पौष में तथा दक्षिण और उत्तर का मुख का घर मार्गशीर्ष और वैशाख में बनाये! वृहस्पति और बुध की राशि के सूर्य को और नीच और अस्त वृहस्पति और शुक्र को त्याग दे! 


पूर्णमासी से शुक्लाष्टमी पर्यंत उत्तरमुख का घर नहीं बनाना चाहिये ! अमावस्या से शुक्लाष्टमी पर्यंत पश्चिम मुख घर का नानाना शुभ नहीं होता! 


शुक्लाष्टमी से चतुर्दशी पर्यंत दक्षिण मुख घर नहीं बनाना चाहिये! 

जन्म नक्षत्र के पहले नक्षत्र में या पिछले नक्षत्र में गृह निर्माण कार्या किया हो तो उसके धन और पुत्र का नाश होता है! शुक्रवार को नंदा और चतुर्दशी, रोहिणी, रेवती या मघा नक्षत्र हो तो पुत्र नष्ट हो जाता है! जो लोग नवमी से विद्धा अष्टमी को कार्य करते हैं, उसमें पुत्र का नाश होता है! कन्या के सूर्य की अष्टमी त्यागने योग्य है, यह पुत्र, सौभाग्य, राज्य और आय को नष्ट करने वाली होती है! गृह, भवन या उद्योग बनाते समय यदि ऐसा बनाया हुआ घर गृह स्वामी के हाथ से शीघ्र से शीघ्र निकल जाता है या गृह स्वामी की मृत्यु होने की संभावना रहती है! रविवार और मंगलवार को घर का बनाना अशुभ होता है!

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