नामाक्षर से धन—-रामेन्द्र सिंह भदोरिया—


धर्म के बाद धन को प्रमुखता दी गयी है उसके बाद ही कामसुख का आनन्द आता है और जब कामसुख पूर्ण हो जाता है तो व्यक्ति आराम से अपने आखिरी गन्तव्य पर चला जाता है। जन्म के बाद शिक्षा और शिक्षा के बाद धन कमाने का साधन बनाया जाता है धन कमाने के साधन को बनाने के बाद ही शादी विवाह किया जाता है और उसके बाद स्थिति के अनुसार संतान आदि के द्वारा अपने कर्तव्यों की पूर्ति की जाती है इसी का नाम जिन्दगी है,और अधिकतर मामलों में लोग जीवन की गाडी को इसी प्रकार से चलाने की कोशिश करते है। ज्योतिष धर्म अर्थ काम और मोक्ष के बारे में इशारा करती है,ज्योतिष कोई जादू नही है जिसके ज्ञान से धन अचानक आने लगेगा। धन कमाने के लिये टारगेट दिमाग समय के अनुसार बना करते है,अगर हर प्रकार का टारगेट सफ़ल हो जाये तो फ़िर आदमी को किसी प्रकार की चिन्ता ही नही रहे कि कल क्या करना है। ज्योतिष के अनुसार पहला काम होता है श्रद्धा करना,और जब तक किसी भी कार्य या बात के प्रति श्रद्धा नही की जायेगी काम किसी भी प्रकार से पूर्ण नही होगा,श्रद्धा के अलावा अपनी दिनचर्या को पूर्ण करना पडेगा,जैसे कोई रात को अधिक देर जगता है और सुबह के काम जल्दी करना चाहता है तो किसी भी प्रकार से कार्य पूर्ण हो ही नही सकते है,दूसरे जागने के बाद दिमाग को सही दिशा में स्थापित करने के लिये कुछ समय सोचने का होता है उस सोचने के समय में घर की कोई कलह सामने आजाती है तो जो काम करने के लिये प्रयास किया जा रहा है वह नही हो पाता है। सबसे पहले अपने खान पान व्यवहार और जिस स्थान पर हम रहते है वहां का कार्य करने का प्रभाव भी देखना जरूरी होता है,बिना जलवायु के माफ़िक होने के कार्य भी सही रूप से नही किया जा सकता है,एक व्यक्ति अगर रेगिस्तान में रहता है तो उसके पास शर्तिया अभाव होंगे,और वह अगर उन अभावों से निकल कर दूर जहां रेगिस्तान नही है चला जाता है तो उसे कई रास्ते अपने आप मिलने शुरु हो जायेंगे। इसके बाद एक बात और सबसे अधिक आज के जमाने में सामने आती है कि व्यक्ति धन को अपने रहने वाले स्थान में कमाने में पीछे केवल इसलिये रह जाता है कि वह जब कोई काम करता है और उस काम के अन्दर कोई समाज में या रहने वाले स्थान में कमी देखी जाती है तो लोग उस काम के पीछे हंसी उडाना शुरु कर देते है,उसके अलावा जो भी काम किया जाता है और उस काम का रूप अगर बढने लगता है तो लोग उस काम को देखकर जलने भी लगते है उस जलन के कारण वे अपने अपने अनुसार रोडे अटकाना शुरु कर देते है,यह रोडे जरूरी नही है कि परिवार के बाहर के लोग ही अटकाना शुरु करें,परिवार के लोग ही सामने आने लगते है,लेकिन जो समझदार होता है वह सभी बातों को सामने लेकर चलता है,कोई भी व्यक्ति संसार में ऐसा नही है जो किसी ना किसी काम का ना हो,अगर उस आदमी की काबलियत को ध्यान में रख कर चला जाता है तो उसकी काबलियत के अनुसार भी धन कमाने का प्रयास किया जाता है,उसके द्वारा किये गये कामों के अन्दर देखा जाता है कि वह किस प्रकार से सही है या गलत है,और उस सही या गलत का पता अगर समय से पहले मिल जाता है तो वह काम खराब नही होता है,आइये हम आपको आपकी राशि के अनुसार कार्य और कार्यों में सफ़लता का सिद्धान्त समझाने की कोशिश करते है,यहां किसी प्रकार के जन्म समय या किसी भी प्रकार के भूत प्रेत या धर्म की जरूरत नही पडेगी,केवल अपने नाम के अनुसार ही अपने आसपास का माहौल देखना शुरु कर दो और देखो कि आपके नाम के अनुसार कार्य करने और कार्य से मिलने वाले भुगतान का होना हो सकता है या नही अगर नही होता है तो फ़ौरन जगह को छोड कर आगे और स्थान की तलाश करनी शुरु कर देनी चाहिये। लेकिन धर्म के बिना धन की आवक को देखना बेकार की बात है धन तभी मिलेगा जब हमने धर्म की बातों को पूरा किया है,धर्म कोई पूजा या पाठ वाली बात नही है,धर्म केवल हमारे माता पिता हमारे बडे लोग और जो लोग हमारे आधीन होते है और उनके अनुसार अगर हमने अपने कर्तव्यों को पूरा किया है तो हमारे अन्दर कोई मानसिक व्यवधान नही होगा,इस बात का ध्यान रखना जरूरी है।

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