अरेंज्ड मैरिज का अफसाना–  हैप्‍पी मैरि‍ड लाइफ…

आज ज़माना बदल रहा है। युवा लव मैरिज करने को तवज्जो देने लगे हैं फिर भी अरेंज्ड मैरिज की अपनी महत्ता है जो अभी भी बरकरार है। अगर कोई दिल के बहत करीब हो तो शादी करने में कोई हर्ज नहीं है। लेकिन जो लोग ये सोचते हैं कि अरेंज्ड मैरिज करने वाले लोग उन अहसासों का अनुभव नहीं कर पाते जो लव मैरिज करने वाले करते हैं तो ऐसा बिल्कुल नहीं है अरेंज्ड मैरिज के रोमांस, प्यार और रोमांच का भी अपना मजा है।

अरेंज्ड मैरिज में भी हर मोड़ पर अफसाने बनते हैं। लव मैरिज में पति-पत्नी को एक-दूसरे की पसंद-नापसंद और व्यवहार के बारे में शादी से पहले ही पता होता है जबकि अरेंज्ड मैरिज में ये बातें जानना रोचक होता है, इसका अपना अलग अनुभव होता है। 

54 वर्षीय सुनाती बताती हैं कि मैंने शादी के पहले अपने पति राजेंद्र को देखा नहीं था। मैं उनका नाम तक नहीं जानती थी। दरअसल वे मेरे दूर के रिश्ते के भाई के दोस्त हैं। जब मैं शादी के बाद पहली बार ससुराल गई तो मैं बहुत डरी और सहमी हुई थी। हालाँकि घर में सबने मुझे ढाढस बँधाया। लेकिन पहली बार जब राजेंद्र ने मेरा हाथ अपने हाथ में थामा और कहा कि डरना मत, मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूँ। वह क्षण आज भी मेरे लिए अद्‍भुत है। उस पल से ही मैं राजेंद्र के प्यार में पड़ गई।

वहीं .4 वर्षीय सुजाता कहती हैं कि मेरा मन तो लव मैरिज करने का था, लेकिन अच्‍छा रिश्ता आया और घरवालों की मर्जी से मैंने शादी कर ली। आज मैं अपने वैवाहिक जीवन से बहुत खुश हूँ। मुझे लगा कि शादी के बाद ही मेरी प्रेम कहानी शुरू हुई और अब परवान चढ़ रही है। 

आपसी सामंजस्य और पति-पत्नी के बीच बेहतर संवाद हो तो अरेंज्ड मैरिज भी सफल हो सकती है। साथ ही घरवालों की सहमति से होने से आपको उनका भी पूरा साथ मिलता है। अरेंज्ड मैरिज में भी वैवाहिक जोड़ों के साथ ऐसी कई बातें होती हैं जो ताउम्र की यादें बन जाती हैं। इसमें भी हर क्षण अपने आपमें एक नई कहानी लिए होता है। शादी के बाद पहला ‍जन्मदिन, पहला वेलेंटाइन डे, पहली एनिवर्सिरी सब यादगार होती है।

स्टेट यूनिवर्सिटी (न्यूयॉर्क) में साइकोलॉजी के प्रोफेसर और लेखक आर्थर आरन का कहना है कि लंबी मैरि‍ड लाइफ का राज कम्‍युनि‍केशन, मेंटल हेल्‍थ, सोशल कॉपरेशन और स्‍ट्रैस रि‍लेटेड बातों से जुड़ा है। यानी मैरि‍ज के बाद हजबैंड-वाइफ दोनों मानसिक रूप से खुश रहें, दोनों के बीच बेहतर कम्‍युनि‍केशन, टेंशन न हो और दोनों को एक-दूसरे का सपोर्ट मिले, लेकिन यह भी जरूरी नहीं है कि इससे आपको आपकी जिन्दगी अर्थपूर्ण और खुशगवार लगे ही।

कहा जाता है कि सबसे सफल शादियाँ वे होती हैं, जिनमें व्यक्तिगत रूप से दोनों को संतुष्टि हो, जिसमें दोनों की हर स्तर पर तरक्की हो, लेकिन यहाँ एक विरोधाभास है। हम यह भी तो कहते हैं कि विवाह की कामयाबी के लिए अपनी खुशी के ऊपर वैवाहिक रिश्ते को प्रमुखता देना जरूरी है!

गढ़ें एक-दूजे को—–

शताब्दियों से विवाह का आर्थिक और सामाजिक महत्व रहा है। विवाह को कायम रखने के लिए हमेशा भावनात्मक और बौद्घिक जरूरत को दोयम माना जाता रहा है। बदलते दौर में इस सोच में बदलाव आया है। अब युवक-युवतियाँ विवाह के लिए ऐसा साथी चाहते हैं, जो उनकी जिंदगी को और मनोहर बना सके। यूनिवर्सिटी ऑफ ब्र्रिज (एमस्टर्डम) की शोधकर्ता कैरिल रसबल्ट इसे ‘माइकल एंजेलो प्रभाव’ का नाम देती हैं। अर्थात विवाह वह है, जिसमें दोनों पार्टनर एक-दूसरे को गढ़ते हैं, बनाते हैं और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करते हैं।

डॉ. आरन और उनके सहयोगी गैरी लेवानडोस्की के अनुसार यदि आप आत्मविकास चाहते हैं और अपने पार्टनर की मदद से उसे पाते हैं, तो आपके जीवन में आपके पार्टनर का महत्व स्वतः ही बढ़ जाता है, साथ ही पार्टनर की मदद करके आपको भी संतुष्टि होती है। इस प्रकार आपका वैवाहिक संबंध मजबूत होता जाता है।
अगर आपका साथी कुछ रचनात्मक कार्यों से जुड़ा है अथवा वह मजाकिया है तो आप भी निश्चित ही पहले से कुछ बदल जाते हैं, अगर आप कुछ सामाजिक कार्यों से जुड़े हैं तो आपके साथी के लिए भी इस दिशा में कार्य करने के रास्ते खुल जाते हैं। शोधों का यह भी कहना है कि कालांतर में आप अपने साथी की विशेषताओं को ग्रहण करने लगते हैं।

एक शोध में पाया गया कि जब पार्टनर एक-दूसरे के अत्यधिक करीब थे, तो उनके मस्तिष्क ने यह बात पहचानने में अधिक समय लगाया कि उनकी और उनके पार्टनर की अलग-अलग विशेषताएँ क्या हैं, जबकि जो विशेषताएँ दोनों में मौजूद थीं, उन्हें झट पहचान लिया गया।

इसका मतलब यह नहीं है कि ये जोड़े अपनी शादी के बाद अपनी व्यक्तिगत विशेषता पूरी तरह खो चुके हैं, अपितु वे आगे बढ़े हैं। अब जो उनके लक्षण हैं, कार्य हैं, व्यवहार है, वह इस रिश्ते से पहले नहीं हुआ करते थे, लेकिन अब वे उनकी जिंदगी का एक अहम हिस्सा हैं। यह उनके भविष्य की खुशियों का परिचायक भी है। डॉ. लेवांडोस्की का कहना है कि अगर आपका पार्टनर आपको एक अच्छा व्यक्ति बनने में मदद कर रहा है तो आप इस रिश्ते से प्रसन्न और संतुष्ट रहते हैं।

आप अपने पार्टनर के साथ वर्षों से रह रहे हैं तो इसका मतलब यह कदापि नहीं है कि आप एक खुशनुमा मैरि‍ड लाइफ का लुत्फ ले रहे हैं। ज्‍यादातर मैरि‍ड कपल्‍स बच्चों, सामाजिक प्रतिष्ठा या अन्य कारणों के चलते साथ रहते हैं, लेकिन क्या पति-पत्नी के साथ रहने के लिए ये वजहें काफी हैं?

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