परफैक्ट हसबैंड बनने के परफैक्ट टिप्स—मनोज कुमार मजूमदार
   
यकीन नहीं होता लोग सालों से पति-पत्नी के तौर पर साथ रह रहे हैं, फिर भी एक-दूसरे के प्रति किए जाने वाले व्यवहार के बारे में कुछ भी नहीं पता होता। जिंदगी बीत जाती है, पुरुष हमेशा मन की बात अपने मन में लिए घूमता रहता है। नतीजतन अज्ञानता और संकोच के कारण न वह अच्छा पति बन पाता है और न ही अपनी पत्नी को प्रसन्न रख पाता है।


* यह सोच मन से निकाल दीजिए कि उसके प्रति प्रेम व्यक्त करके आप छोटे हो जाएँगे। 


* किसी भी बाहरी व्यक्ति के आगे पत्नी की कमजोरियाँ न बखाने। यह प्राइवेट मामला है, आपस में बात करें। 


* अपनी पत्नी को जताएँ कि आप उससे बहुत प्यार करते हैं। आपको उसकी बहुत परवाह है। रिश्ते की मजबूती के लिए कभी-कभी अभिव्यक्त करना भी जरूरी है। 


* पत्नी की पीड़ाओं से सहानुभूति रखें।


* जरूरत पड़ने पर या फिर आप जब फुर्सत में हैं तो पत्नी के साथ घरेलू कार्यों में हाथ बँटाएँ। इससे उसे खुशी मिलेगी। 


* यदि पत्नी को शारीरिक तकलीफ है तो उसे आराम करने दें। उसकी तकलीफ को नजरअंदाज न करें। 


* अपने व्यस्त क्षणों में भी पत्नी के लिए कुछ क्षण जरूर निकालें, उससे बातचीत करें। उसकी समस्याएँ जानें और उनका निराकरण करें। 


* जैसी स्त्री आपको पसंद है, उसे बाहर न खोजें, बल्कि अपनी पत्नी को ही अपनी पसंद-नापसंद नरमी से बताएँ।


* उसे खुश रहने के लिए प्रेरित करें।


* पत्नी का पूरा सम्मान करें, यदि वह गुस्से में है तो आप शांति अख्तियार करें और उसे सुनें। फिर धीरे से उसे समझाने की कोशिश करें।


* पत्नी यदि कोई शिकायत करती है या बात करती है तो उसे गंभीरता से सुनें। 


* यदि पत्नी को किसी मसले पर आपकी राय चाहिए तो उसे सही राय दें। बगैर माँगे हर बात में अपनी राय न थोपें।


* दफ्तर या दोस्तों का गुस्सा पत्नी पर न निकालें, बल्कि उसे शांतिपूर्वक सारी बातें बताएँ। 


* बेवजह पत्नी पर हुक्म न चलाएँ, न ही उसे कभी किसी कार्य के लिए जबरदस्ती बाध्य करें। 


* पत्नी की काबिलियत को सराहें। उसके लक्ष्य तक पहुँचने में उसकी मदद करें। उसके विचारों का भी आदर करें।


* महत्वपूर्ण विषयों पर पत्नी की राय अवश्य लें और उसकी राय का आदर करें।


* पत्नी को भी अपनी बात कहने का मौका दें। बिना किसी दखलअंदाजी के उसकी बातें सुनें। घर बनाने, शादी इत्यादि मामलों में बातें तय करते समय उसकी इच्छा का भी ध्यान रखें। 


* पत्नी के प्रति हमेशा ईमानदार रहें। 


* पत्नी के रिश्तेदारों को अपना समझें, तभी आपके रिश्तेदारों को पत्नी उचित आदरभाव दे सकेंगी। 


* यदि आपकी पत्नी आपसे ज्यादा कमाती है तो ईर्ष्यावश उसे ताने न दें। यदि वह आपसे ज्यादा पढ़ी-लिखी या उच्च पद पर है तो आपके लिए यह गौरव की बात होनी चाहिए। 


* एक-दूसरे के साथ हँसी-खुशी से समय गुजारें। यदि कोई विषय एक-दूसरे को बोर करता है या एक-दूसरे की भावनाओं को ठेस पहुँचाता है तो उस विषय पर बात तुरंत बंद कर दें।


* पत्नी को महज सेविका न समझें। उसकी बीमारी के समय उसके कामों में मदद करें। 


* यदि पति-पत्नी दोनों कामकाजी हैं तो दोनों ही घर की जिम्मेदारियाँ साझा करें। 


* पत्नी के गुण और दोषों को स्वीकार करें। कोई भी इंसान संपूर्ण नहीं होता है और सभी में अच्छाइयाँ और बुराइयाँ होती हैं। 


अपनाएँ और देखें कि कैसे जीवन सुंदर और आनंददायी लगने लगेगा।

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