*******रामाष्टकम**********
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कृतार्तदेववन्दनं दिनेशवंश नन्दनम!
सुशोभिभालचन्दनं नमामि राममीश्वरम!!१!!
मुनीन्द्रयज्ञकारकं शिलापत्ति हारकम!
महाधनुर्विदाराकं नमामि राममीश्वरम!!२!!
स्वतातवाक्यकारिणं तपोवने विहारिणम!
करे सुचापधारिणं नमामि राममीश्वरम !!३!!
कुरंगमुक्तसायकं जटायुमोक्षदायकम!
प्रविद्धकीशनायाकं नमामि रामीश्वरम !!४!!
पल्वंग संग सम्म सम्मTIN निबद्धनिम्नगापतिम!
दशा स्यवंश संक्षतीं नमामि रामीश्वरम !!५!! [ शुद्ध शब्द नहीं है]
विदीनदेवहर्षणं कपीप्सितार्थवर्षणम!
स्वबन्धुशोककर्षणं नमामि रामीश्वरम !!६!!
गतारिराज्यक्षणं प्रजाजनार्तिभक्षणम!
कृतास्तमोहलक्षणं नमामि रामीश्वरम !!७!!
हृताखिलाचलाभरं स्वधामनीतनागरम!
जगत्तामोदिवाकरं नमामि राममीश्वरम !!८!!
इदं समाहितात्मना नरो रघूत्तमाष्टकम!
पठन्निरन्तरं भयं भवोद्भवं न विन्दते!!९!!
अर्थात——
आर्त देअवाताओं ने ज्ञीण्ख़ीईई वन्दना की है, जो सूर्यवंश को आनंदित करान्र्वाले हैं तथा जिनके ललाट पर चन्दन सुशोभित है, उन परमेश्वर राम को मैं नमस्कार करता हूँ!!१!!
जो मुनिराज विश्वामित्र का यज्ञ संपन्न कराने वाले, पाषारूपा अहल्या का कष्ट निवारण करने वाले तथा श्री हंकार का महान धनुष तोड़नेवाले हैं, उन परमेश्वर राम को मैं नमस्कार करता हूँ!!२!!
जो अपने पिताके वचनों का पालन करनेवाले, तपोवन में विचरने वाले और हाथों में धनुष धारण करनेवाले हैं, उन परमेश्वर राम को मैं नमस्कार करता हूँ!!३!!
जिन्होंने माया मृग पर बाण छोड़ा था, जटायु को मोक्ष प्रदान किया था तथा कपिराज बाली को विद्ध किया था, उन परमेश्वर राम को मैं नमस्कार करता हूँ!!४!!
जिन्होंने वानरों के साथ मित्रता की, समुद्र का पुल बांधा और रावण के वंश का विनाश किया, उन परमेश्वर को मैं नमस्कार करता हूँ!!५!!
जो अति दीन देवताओं को प्रसन्न करनेवाले, वानरों की इच्छित कामनाओं को पूर्ण करनेवाले और अपने बंधुओं का शोक शांत करनेवाले हैं, उन परमेश्वर राम को मैं नमस्कार करता हूँ!!६!!
जो शत्रुहीन [निष्कंटक] राज्य के पालक, प्रजाजन की भीतिके भक्षक और मोह की निवृत्ति करनेवाले हैं, उन परमेश्वर राम को मैं नमस्कार करता हूँ!!७!!
जिन्होंने सम्पूर्ण पृथ्वी का भार हरण किया, जो सकल नगर निवासिओं को अपने धाम को ले गये तथा संसाररूप अन्धकार के लिये सूर्यरूप हैं, उन परमेश्वर राम को मैं नमस्कार करता हूँ!!८!!
जो पुरुष इस रामाष्टक को एकाग्रचित्त से निरंतर पढ़ता है, उसे भय की प्राप्ति नहीं होती!!९!!
***********जय जय सिया-राम की जय हो!***********

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