क्लीं-बीज का अनुभूत प्रयोग—-


एक फुट व्यास के गोल सफेद कागज पर पेंसिल से कागज के मध्य में लगभग चार अंगुल ऊँचा “क्लीं” बीजाक्षर लिखें । कागज के खाली भाग में कामनानुसार रङ्ग भरें । जैसे ‘लक्ष्मी-प्राप्ति’ के लिए पीला, ‘आकर्षण’ के लिए लाल, सभी तरह की ‘बीमारी’ के लिए ‘हरा रङ्ग’ ।
प्रातः-काल, प्रतिदिन, निश्चित समय पर, शान्त अवस्था में उक्त आकृति अपने सामने या दीवार पर टाँग कर, लगभग दो फुट दूर बैठिए । १५ मिनट से आरम्भ कर १ घण्टे तक, आकृति पर स्थिर दृष्टि रखने का अभ्यास कीजिए ।


‘क्लीं’ बीज-मन्त्र को ध्यान से देख कर, आँखें बन्द कर यही बीज-मन्त्र अपने कपाल पर देखिए । प्रारम्भ में न दिखे, तो घबराइए नहीं, अभ्यास करें।


सभी तरह के बाहरी विचारों व मानसिक तनाव को दूर करने के लिए ‘ऐं क्लीं नमः’ का जप करिए । धैर्य के साथ ४-६ महीने करने पर विचारों पर नियन्त्रण होकर सभी मनो-कामनाएँ पूर्ण होंगी ।
यह प्रयोग त्राटक नहीं है । आँखों को बन्द करने पर जब बाहर अङ्कित ‘क्लीं’ बीज का दर्शन होने लगे, तब समझिए कि प्रयोग सिद्ध हो रहा है ।

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