.. अपने प्रवेश द्वार पर . इंच ऊँची दहलीज लगवाएँ। यह दहलीज लकड़ी की ही हो।
2. प्रवेश स्थल को साफ-सुथरा एवं ठीक रखें।
.. प्रवेश द्वार के सामने बाथरूम का दरवाजा न दिखे, अगर ऐसा हो तो प्रयास करें कि उसका दरवाजा दूसरी तरफ खुले अथवा उसके दरवाजे पर बाँस की चिक का पर्दा लगाएँ।
4. घर के अंदर दरवाजे के सामने कचरे का डिब्बा न रखें।
5. घर के किसी भी कोने में अथवा मध्य में जूते-चप्पल (मृत चर्म) न रखें।
6. जूतों के रखने का स्थान घर के प्रमुख व्यक्ति के कद का एक चौथाई हो, उदाहरण के तौर पर 6 फुट के व्यक्ति (घर का प्रमुख) के घर में जूते-चप्पल रखने का स्थल डेढ़ फुट से ऊँचा न हो।
7. द्वार के बाहर दरवाजे के दोनों तरफ प्रमुख व्यक्ति की आँखों की सतह की ऊँचाई पर काले स्वस्तिक बनाएँ, जिससे नेगेटीव आकाशीय एनर्जी घर में प्रवेश न कर सके।
8. द्वार के सामने खाली दीवार हो तो काँच के कटोरे को ताजे फूलों से भरकर रखें।
9. बैठक के कमरे में द्वार के सामने की दीवार पर दो सूरजमुखी के या ट्यूलिप के फूलों का चित्र लगाएँ।
1.. घर के बाहर के बगीचे में दक्षिण-पश्चिम के कोने को सदैव रोशन रखें।
– फोटो कभी भी टाँगें नहीं।
– अगर दीवार पर फोटो लगानी हो तो उसके नीचे एक लकड़ी की पट्टी लगाएँ, अर्थात वह फोटो लकड़ी के पट्टे पर टिकें।
– बाथरूम की ओर न हो।
– प्रमुख द्वार की ओर कदापि न हो।
– सीढ़ियों की ओर न दिखे।
– तलघर में कभी भी परिवार के सदस्यों की अथवा ईश्वर की फोटो न लगाएँ।
– उपहार में आई कैंची अथवा चाकू न रखें। चाहे मायके से ही क्यों न आई हो।
– उत्तर-पश्चिम में तेज रोशनी का बल्ब न लगाएँ।
– कैक्टस तथा अन्य काँटे के पौधे घर में न रखें।
– धुले कपड़े पूरी रात घर के बाहर न रखें।
– धुलने के लिए खोले हुए कपड़े इधर-उधर न डालें, व्यवस्थित किसी स्थान पर ढँक कर रखें।
– उत्तर-पूर्व में संसार का नक्शा अथवा ग्लोब रखें।
– पूरब तथा उत्तर में नीले तथा बैंगनी फूल सजाएँ।
– पश्चिम में सफेद फूल रखें।
– दक्षिण में पीले-लाल फूल रखें।
– कमरों के द्वार के सामने बिस्तर न लगाएँ।
– रसोई में पानी कभी भी न टपके इसका ध्यान रखें।
– कार्यालय में आपके कार्यशील हाथ की ओर टेलीफोन रखने से आपको सहायता मिलेगी।
– कार्यशील हाथ की ओर कागजों का ढेर न लगाएँ।
– टेबल के नीचे कचरे की टोकरी न रखें, यह आपके चमकते प्रभामंडल में व्यवधान डालती है।
– कार्यस्थल में अपने बैठने की कुर्सी के पीछे कोई सामान न रखें तथा कोई खिड़की न रखें।
– नाखुनों को जल में बहाएँ।