आइए पहले यह जाने कि लक में बाधा के मुख्य कारण कौन-से है :-
* भाग्य में अवरोध आता है जब राहु, शनि, मंगल, केतु बुरा फल दे रहे हो।
* भाग्य में अवरोध आता है जब बुध, गुरु, शुक्र मुख्य ग्रह होकर कमजोर या पाप भाव में हो।
* ज्यूपिटर यानी गुरु नॉन-फेवरेबल हो तो एजुकेशन से वंचित करता है, शुक्र यानी वीनस वैभव कम करता है, बुध वाणी खराब करता है, राहु-केतु मेंटली परेशान करते हैं, शनि स्थायित्व नहीं देता, मंगल व शनि स्वास्थ्य कष्ट व एक्सीडेंट के कारण बन जाते हैं।
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यदि होरोस्कोप में ये सारे या इनमें से कुछ भी प्रभाव दिखते हो तो समाज सेवा के कार्य में हाथ बढ़ाइए :-
* वृद्ध, असहायों की सहायता से गुरु प्रसन्न होते है।
* छोटी बालिकाओं की सेवा करने से शुक्र प्रसन्न होता है।
* एन्वॉयरमेंट शुद्ध रखने व गाय की सेवा से बुध प्रसन्न होता है।
* अपाहिजों की सेवा से राहु प्रसन्न होता है।
* ब्लड डोनेशन से मंगल का गुस्सा शांत होता है।
* कुत्ते की सेवा से केतु प्रसन्न होता है।
इसके अलावा स्टूडेंट्स की स्टडी में हेल्प करने से या टीचिंग से भी गुरु का अच्छा फल मिलता है और सोसाइटी में मान बढ़ता है।
इसी तरह किसी कन्या के विवाह में मदद देने से, कन्या दान करने से या अनाथ कन्या को गोद लेने से शुक्र प्रसन्न होता है।
यदि कुंडली में गुरु-शुक्र भी प्रबल हो तो अन्य बुरे योग खुद ही निष्फल होते जाते हैं।
अत: यदि कार्य असफल हो रहे हो, भाग्य में रूकावट आ रही हो, विद्या में कठिनाई हो,जॉब में तकलीफ हो तो एक हाथ बढाएँ सहायता का किसी जरूरतमंद की ओर ताकि उनकी दुआएँ आपकी किस्मत में मजबूती लाएँ और आप धन-वैभव के साथ सोसाइटी में सम्मान भी पा सकें।