वास्तु दिलाएगा एक्जाम में सफलता—
कभी आपने सोचा है बच्चे की पढ़ाई का संबंध घर की संरचना से भी हो सकता है। विद्यार्थी किस दिशा में और कैसे बैठकर पढ़ रहा है इसका भी प्रभाव उसकी पढ़ाई पर पड़ सकता है। आप समझ ही गए होंगे कि हम बात कर रहे हैं वास्तुशास्त्र की। वास्तु विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि वास्तु का ध्यान रखा जाए तो निश्चित ही पढ़ाई पर असर पड़ेगा।
कई बार ऐसा होता है कि कई घंटे पढ़ने के बाद भी विषय न तो याद होता है और न ही समझ में आता है। कुछ विद्यार्थियों का तो पढ़ने में मन ही नहीं लगता। माता-पिता परेशान रहते हैं कि उनका बच्चा पढ़ता नहीं है। कई बार तो डॉक्टर्स के पास भी ले जाया जाता है कि उसकी याददाश्त बढ़ाने की कोई दवा दे दी जाए जिससे बच्चे को याद हो सके।
जिस प्रकार मानने वाले ज्योतिष को मानते हैं और न मानने वाले नहीं मानते। ठीक उसी प्रकार वास्तु पर भी विश्वास और अविश्वास करने वाले लोग मिलते हैं। लेकिन परीक्षा के दिनों को देखते हुए अच्छा होगा कि पढ़ाई करने के लिए वास्तु के अनुसार ही व्यवस्था की जाए। इससे कुछ हानि तो होगी नहीं बल्कि जल्द ही अच्छे परिणाम सामने आएँगे।
थोड़ी-सी सावधानी जरूरी :- बोर्ड परीक्षाओं के साथ-साथ बाकी क्लासेस के एग्जाम भी शुरू हो गए हैं। इस समय हर घर में पढ़ाई का ही माहौल है। इतनी जल्दी घर की संरचना बदलना संभव तो नहीं है लेकिन बच्चे के पढ़ने के कमरे की दिशा बदली जा सकती है। पढ़ने के लिए पूर्व-पश्चिम दिशा से बना कोण ईशान कोण ही महत्वपूर्ण होता है। यदि बच्चा इस दिशा में बैठकर पढ़ता है तो उसकी एकाग्रता भी बढ़ेगी और उसे सब आसानी से याद हो जाएगा।
आग्नेय और वायु कोण से बचें :- वास्तु विशेषज्ञ के अनुसार जिस कमरे में बच्चा पढ़ता है उसे आग्नेय यानी पूर्व और दक्षिण एवं वायु अर्थात् उत्तर व पश्चिम दिशा में बिलकुल भी नहीं होना चाहिए। आग्नेय कोण में होने से बच्चा चिड़चिड़ा होता है और वायु कोण में पढ़ने से
सामने न हो दीवार :- बच्चा जहाँ पढ़ता है उससे पाँच-छः फीट की दूरी तक कोई दीवार नहीं होना चाहिए। दीवार की जगह खिड़की या खुला हुआ भाग हो तो अच्छा है। इसके साथ ही पढ़ने के कमरे के साथ बैग, कम्पास या हरे रंग का पेन हो तो बच्चे में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और बच्चे का पढ़ाई में मन लगता है। बुद्धि के विकास के लिए हरा रंग बहुत शुभ माना गया है।
बंद न हो घर की पूर्व दिशा :- वास्तु के मुताबिक पूर्व दिशा का घर की सुख-समृद्धि और अध्ययन-अध्यापन से विशेष संबंध है। अतः प्रयास करना चाहिए कि घर का दरवाजा पूर्व दिशा की ओर ही हो। जहाँ तक हो पूर्व दिशा की तरफ कोई वजनदार वस्तु न रखें और पूर्व दिशा खुली ही रहे। ऐसा होने से घर में समृद्धि तो आती ही है साथ ही बच्चों का पढ़ाई में मन लगता है।

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